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जोधपुर संभाग के पाली जिले का बहुचर्चित मामला, सीएम से लेकर पीएम तक लगा चुके हैं गुहार
नेतरा गांव निवासी स्कूली छात्र मनोहर राजपुरोहित के अपहरण के चार साल बाद भी पुलिस उसे नहीं ढूंढ सकी। परिजनों ने मुख्यमंत्री से लेकर प्रधानमंत्री तक गुहार लगाई, लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। माता-पिता व तीनों बहनों का पूरा दिन रोते हुए बीतता है। माता-पिता की स्थिति यह है कि दिनभर रोने व इकलौता बेटा खोने से 55 की उम्र में भी बूढे नजर आने लगे। अब तक राजस्थान के दोनों दलों के लगभग सौ से अधिक विधायकों समेत केन्द्रीय मंत्रियों ने भी सीबीआई जांच के लिए सीएम को पत्र लिखा है।
नेतरा निवासी प्रकाशसिंह राजपुरोहित के एक बेटा व तीन बेटियां हैं। मनोहर (16) को फालना के एक निजी अंग्रेजी माध्यम स्कूल में कक्षा बारहवीं में पढ़ता था। प्रतिदिन की तरह वह 23 नवंबर 2016 को बस से फालना गया था, लेकिन शाम तक वापस नहीं लौटने पर परिवार की चिंता बढ़ी। स्कूल प्रबंधन से जानकारी लेने पर बताया कि वह तो स्कूल से निकल गया था। इसके बाद 5 से 17 दिसंबर 2016 के बीच कभी उसके घर के बाहर तो कभी स्कूल के पते पर फिरौती के पत्र पहुंचने शुरू हुए। लगभग आठ बार फिरौती के पत्र मिले।
फिरौती में मांगी 25 लाख की रकम
मनोहर के पिता प्रकाशसिंह ने बताया कि 12 दिन के भीतर आठ बार फिरौती के हस्तलिखित पत्र मिले। पत्रों में 25 लाख की फिरौती मांगते हुए अज्ञात अपहरणकर्ताओं ने कभी फालना तो कभी जोधपुर बुलाया। परिजन वहां पहुंचते लेकिन वहां कोई नजर नहीं आता। विशेष बात यह है कि सभी पत्र किसी स्थानीय वाहक के माध्यम से गुप्त तरीके से चुपचाप घर के बाहर पत्थरों के बीच डालकर चला जाता। सीधे डाक से अथवा कोरियर से एक भी पत्र नहीं भेजा गया। फोन से भी फिरौती नहीं मांगी।
हर राखी पर बहनों की आंखें तरसती हैं
मनोहर के तीन बहनें प्रेमलता, रेणूका व कंचन हैं। हर साल अपने एकलौते भाई की कलाई पर राखी बांधकर मनचाहा उपहार लेने वाली बहनें अब बेबस हैं। राखी के दिन अपनी माता मंजूदेवी के पास बैठकर दिनभर मनोहर की फोटो देखकर आंसू बहाती हैं। बहनों ने बताया कि हमारा भाई जिस भी स्थिति में हैं हमें मिल जाए तो मन को सुकून मिल जाए।
एसपी ने दिया दिलासा, ली पूरी जानकारी
जिला पुलिस अधीक्षक राहुल कोटोकी को भी जनप्रतिनिधियों व विभिन्न सामाजिक संगठनों की ओर से पत्र लिखने का क्रम जारी है। मामले को लेकर पुलिस अधीक्षक राहुल कोटोकी नेतरा गांव पहुंचकर मनोहर के माता-पिता से पूरी जानकारी प्राप्त की। उन्होंने परिजनों को मामले का शीघ्र खुलासा करने का भरोसा दिलाया।
विधानसभा में तीन बार उठा था मामला
मनोहर अपहरण मामले को लेकर आहोर विधायक छगनसिंह राजपुरोहित ने एक बार विधानसभा में मामला उठाया था। मामले को लेकर पुलिस कार्रवाई को लेकर भी रोष जताते हुए सीबीआई को जांच सौंपने की मांग की थी, लेकिन स्थिति नौ दिन चले अढाई कोस वाली बनकर रह गई।
सीएम से लेकर पीएम तक लगाई गुहार
चार साल बीतने के बाद भी पुलिस अभी तक मनोहर को नहीं ढूंढ सकी। छत्तीस कौम के लोगों के प्रदर्शन के बाद सरकार ने मामले की जांच सीआईडीसीबी को सौंपी थी, लेकिन उसके भी हाथ खाली रहे। अब मामले को सीबीआई को सौंपने की मांग को लेकर केन्द्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल, गजेन्द्रसिंह शेखावत से लेकर भाजपा-कांग्रेस के लगभग एक सौ से अधिक विधायकों, प्रधानों व राजनीतिक दलों के प्रमुखों ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा। अब विप्र समाज समेत छत्तीस कौम इस मामले को लेकर सीबीआई जांच करवाने के लिए आगे आ रहे हैं। माता मंजूदेवी के साथ तीनों बेटियों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भी मार्मिक भेजकर अपने इकलौते भाई को ढुंढवाने के लिए सीबीआई जांच करवाने की मांग की है।