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Sorry mummy papa: यह लाइन लिखकर कोटा में एक और स्टूडेंट ने सुसाइड कर लिया
हाल के महीनों में दर्जनों ऐसी मौत हुई। पढ़ाई का दबाव नहीं झेल पायी। जो अभिभावक यह सोच कर ऐसी मौत को सुनकर कांप नहीं रहे हैं,खुद के अंदर झांक नहीं रहे हैं कि क्या उन्होंने अपने बच्चों को अपनी हसरतों के दबाव में डाल दिया है, वे डरें। यह बच्चे किसी के घर के हो सकते हैं। सभी को मिलकर सभी के बच्चे को मौत के कुंआ वाले इस खेल से निकालना है। कारण सबको पता लेकिन उसका हल कोई नहीं निकाल पा रहा। न इसकी बहुत इच्छा दिख रही है। क्योंकि इसके लिए खुद समाज और परिजन सबसे अधिक जिम्मेदार हैं।
राजस्थान के कोटा में आईआईटी जेई की तैयारी कर रही एक और छात्रा ने खुदकुशी कर ली है. जिस छात्रा ने अपनी जान दी है उसका 2 दिनों बाद ही JEE Mains का एग्जाम था. छात्रा के कमरे से सुसाइड नोट भी मिला है जिसमें उसने एग्जाम के दबाव का जिक्र किया है. जान देने से पहले छात्रा ने सुसाइड नोट में लिखा है, मम्मी-पापा मैं JEE नहीं कर सकती इसलिए सुसाइड कर रही हूं, मैं कारण हूं , मैं सबसे खराब बेटी हूं, सॉरी मम्मी पापा यही आखिरी विकल्प है.
कोटा के एक कोचिंग में JEE Mains की तैयारी कर रही 18 साल की छात्रा ने अपने ही घर के कमरे में फांसी का फंदा लगाकर सुसाइड किया है. छात्रा का 31 जनवरी को एग्जाम था. जानकारी के मुताबिक कोचिंग का कोर्स खत्म होने के बाद वो घर से ही परीक्षा की तैयारी कर रही थी.
बता दें कि अभी एक हफ्ते पहले ही शिक्षा की नगरी कहे जाने वाले कोटा में नीट की तैयारी कर रहे एक छात्र ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. छात्र की उम्र 17 से 18 साल थी. मृतक छात्र यूपी के मुरादाबाद जिले का रहने वाला था.
बीते साल 30 छात्रों ने की थी खुदकुशी
बता दें कि कोटा में बीते साल (2023) में 30 छात्रों ने परीक्षा और उसमें प्रदर्शन के दबाव को लेकर अपनी जान दे दी थी. इस साल खुदकुशी की ये दूसरी घटना है. इससे पहले 24 जनवरी 2024 को नीट के एक छात्र ने परीक्षा के डर से खुदकुशी कर ली थी.
कोचिंग संस्थानों के लिए हाल ही में आया है दिशा-निर्देश
कोटा में लगातार छात्रों के खुदकुशी के बाद शिक्षा मंत्रालय ने हाल ही में कोचिंग संस्थानों के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए थे. इस दिशा निर्देश में 16 साल से कम उम्र के छात्रों का अब कोचिंग संस्थानों में दाखिला नहीं देने और अच्छे नंबर या रैंक दिलाने की गारंटी जैसे भ्रामक वादे न करने की हिदायत भी दी गई है.
कोचिंग सेंटर नियमो में पहले उल्लंघन के लिए 25 हजार रुपये, दूसरी बार 1 लाख रुपये और तीसरी बार अपराध के लिए रजिस्ट्रेशन केंसिल करने के साथ भारी जुर्माना भी लगाया जा सकता है.
नीट और जेईई मेन्स जैसी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों की बड़ी संख्या कोटा में रहते हैं. कोचिंग सेंटर्स के लिए सरकार की नई गाइडलाइंस जारी होने के बाद ज्यादातर 16 साल से कम उम्र के बच्चों को कोचिंग सेंटर्स में दाखिला देने से मना करने पर खुश नहीं थे.