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मदरसे में 6 साल की मासूम के साथ रेप करने वाले मौलवी को सजा सुनाते हुए कोटा के जज हुए इमोशनल, सजा देकर करने लगे मासूम से ही बात
राजस्थान के कोटा के मदरसे में 6 साल की मासूम के साथ रेप करने वाले मौलवी को सजा सुनाते हुए कोटा के पॉक्सो कोर्ट के जज इमोशनल हो गये। 5 महीने पुराने मामले में आरोपी मौलवी अब्दुल रहीम (43) को कोर्ट ने अंतिम सांस तक जेल की सजा सुनाई है।
जज ने दुष्कर्मी मौलवी को अंतिम सांस तक जेल में रहने का दंड दिया गया है। इसके साथ ही आरोपी पर एक लाख रुपए जुर्माना भी लगाया है। फैसला सुनाने के दौरान न्यायाधीश दीपक दुबे इमोशनल हो गए। उन्होंने आदेश के साथ मासूम बालिका के लिए संदेशपरक कविता लिखी। इसमें बालिकाओं को बचाने के साथ ही आरोपियों के खिलाफ सख्त संदेश दिया गया है।
सजा सुनाते वक्त जज ने उस मासूम के लिए कविता पढ़ी
'ओ मेरी नन्ही मासूम परी रानी तुम खुश हो जाओ
तुम्हें रूलाने वाले दुष्ट राक्षस को हमने जिंदगी की आखिरी सांस तक के लिए सलाखों के पीछे भेज दिया है
अब तुम इस धरती पर निडर होकर अपने सपनों के खुले आसमान में पंख लगाकर उड़ सकती हो
तुम सदा हंसती रहो, चहकती रहो, बस यही प्रयास है हमारा'
कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि अभियुक्त ने धार्मिक शिक्षक जैसे पवित्र पद पर रहते हुए 6 वर्षीय मासूम को अपनी हवस का शिकार बनाकर धर्म गुरुओं के प्रति पवित्र भावनाओं को आहत किया है। मासूम पीड़िता के मन मस्तिष्क पर भी अपने कुकृत्य की ऐसी राक्षसी छाप छोड़ी है जिसे वह शायह ही भूल पाए।
जज के इस फैसले पर आम जनता ने रिएक्शन देते हुए कहा कि बस अंतिम सांस तक सजा फांसी क्यों नही??? रेप के केस में जब तक फांसियां नही होगी ऐसे अपराध होते रहेंगे । रेपिस्ट का पद जात धर्म से उठ कर उसे फांसी की सजा होनी चाहिए तभी शायद सुधार हो सकेगा।
फांसी नही हाथ पैर चारो काट कर चोराहे पर बेठाना था ताकी मच्छर भी शरीर से ना हठा पाये और तड़फे बदन पर खुजली आए तो भी बच्ची की तड़फ महसूस हो फांसी से तो आसान मौत मिल जाती अंगभंग ही इन दंरिदो का इलाज है।