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कोटा में कातिल व्यवस्था: मां की सिसकियां सुनने क्यों नही जा रही प्रियंका गांधी ?
कोटा। राजस्थान के कोटा के जेके लोन सरकारी अस्पताल में मासूम बच्चों की मौत का सिलसिला जारी है। अब तक 107 मासूम दम तोड़ चुके हैं। कोटा के बाद बूंदी में भी यह संक्रमण फैल गया है। जहां 10 मासूम जिंदगी की जंग हार चुके हैं।
मासूम बच्चे और बच्चियां मां की कोख से इस दुनिया में तो आए पर निष्क्रिय स्वास्थ्य सेवाओं ने उनसे जीने का अधिकार छीन लिया। वार्ड में अभी कुछ माताएं भर्ती हैं जिन्होंने अपने जिगर के टुकड़े को खो दिया है। अब उनकी सिसकियां सुन सभी का कलेजा फट जाता है। हम बात कर रहे हैं राजस्थान के कोटा जिले के सरकारी जेके लोन अस्पताल की जहां 34 दिन में 106 बच्चों की मौत से देशभर में हाहाकार मचा हुआ है।
जिन मां—बाप ने अपने दिल के टुकड़े को खो दिया वो अस्पताल और घर में गमगीन बैठे हैं। वहीं प्रदेश की कांग्रेस सरकार और दूसरी विपक्षी पार्टियां बच्चों की मौत पर राजनीतिक रोटियां सेंक रही हैं। सवाल उठता है कि आखिर लचर स्वास्थ्य सेवाओं और बच्चों की मौत की जिम्मेदारी कौन लेगा? अस्पताल में खराब पड़ी बच्चों की जीवनरक्षक मशीनों का दोषी आखिर कौन है?
सूबे की अशोक गहलोत सरकार नरेंद्र मोदी की बीजेपी और मायावती की बसपा समेत कई दलों के निशाने पर है. सोशल मीडिया पर भी लोग जमकर राजस्थान सरकार पर सवाल उठाए. खास बात है कि अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने वालीं कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की बेटी प्रियंका गांधी वाड्रा भी इस मामले पर चुप्पी साधे हैं. दूसरी ओर राजस्थान सरकार का दावा है कि इस बार बच्चों की मौत का आंकड़ा पिछले पांच सालों में सबसे कम है.
लखनऊ में जेड प्लस सिक्योरिटी के सभी नियम तोड़ते हुए, यूपी पुलिस को चकमा देकर सीएए विरोध प्रदर्शन की हिंसा में मारे गए लोगों के परिवार से मिल लेने वाली प्रियंका गांधी राजस्थान क्यों नहीं जा रहीं ये सवाल उनसे आखिर क्यों न भी पूछा जाए।
राजस्थान में कांग्रेस की सरकार है और अस्पताल में हो रही बच्चों की मौतें सरकार के स्वास्थ्य विभाग की पोल खोल देने वाला है, ऐसे में अगर प्रियंका गांधी गैर कांग्रेसी राज्यों में पीड़ितों से मिलकर उनका दर्द बांट सकती हैं तो राजस्थान में क्यों नहीं.
राजनीति अलग बात है और अस्पताल में दम तोड़ रहे मासूमों की बात शायद काफी अलग. प्रियंका गांधी कांग्रेस की महासचिव हैं और देश की एक जिम्मेदार नेता. इस नाते अगर वे कांग्रेस के सत्ताधारी राजस्थान में हो रही बच्चों की मौतो पर चुप्पी साधे हुए हैं तो ठीक नहीं कर रही हैं. शायद आपके बोलने से हालातों में सुधार आए.