राजस्थान

दो सगी बहनों ने रचाई एक ही लड़के से शादी, वजह जानकर अब हर कोई कर रहा है तारीफ़!

Arun Mishra
15 May 2023 7:20 AM GMT
दो सगी बहनों ने रचाई एक ही लड़के से शादी, वजह जानकर अब हर कोई कर रहा है तारीफ़!
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पढ़े-लिखे युवक का विवाह दो बहनों के साथ कुछ इस तरह से हुआ कि वह सब जगह चर्चा का विषय बन गया है।

राजस्थान में एक युवक की दो लड़कियों से शादी का अनोखा मामला सामने आया है। हरिओम मीणा नामक पढ़े-लिखे युवक का विवाह दो बहनों के साथ कुछ इस तरह से हुआ कि वह सब जगह चर्चा का विषय बन गया है। ख़ास बात यह कि इस विवाह के बाकायदा निमंत्रण पत्र छपे और बंटे भी. साथ ही हरिओम का पूरा परिवार, दोस्त और समाज के लोग इस अनूठे विवाह में शामिल भी हुए।

रिश्तों को तार-तार करने वाले कई मामले आए दिन देखने व सुनने को मिलते हैं। लेकिन रिश्ते को संवारने का कोई अनूठा मामला सामने आए तो यह सुकून देने वाली खबर है। इसमें एक बड़ी बहन ने मानसिक रूप से कमजोर छोटी बहन को जिंदगी भर संबल देने के लिए जीवन का बहुत बड़ा समझौता किया। यह मामला है राजस्थान के टोंक जिले के उनियारा उपखंड के मोरझाला की झोपड़िया गांव का हैं, जहां एक दुल्हन कांता मीणा ने अपनी छोटी बहन के साथ गत 5 मई को एक ही मंडप में एक ही दूल्हे हरिओम मीणा के साथ विवाह के बंधन में बंध गई। जिसको लेकर हर जगह काफी चर्चा का विषय बना हुआ है।

दरअसल, उनियारा उपखंड के मोरझाला की झोपड़ियां गांव का यह मामला है. यहां रहने वाले हरिओम ने बताया कि परिवार के लोग उसके विवाह के लिए किसी युवती को खोज रहे थे. इसी दौरान निवाई उपखंड के सीदड़ा गांव निवासी बाबूलाल मीणा की बड़ी बेटी कांता से रिश्ते की बात चल पड़ी. इसके बाद युवक का परिवार जब सीदड़ा गया तो युवती कांता ने अपने दिल की बात रखते हुए कहा कि वह अपनी छोटी और मानसिक रूप से कमजोर बहन सुमन से बेहद स्नेह रखती है. वह उसी युवक से शादी करेगी जो उन दोनों बहनों से एक साथ विवाह रचाएगा.

हरिओम के अनुसार, एक बार तो वह और उसके परिवारवाले यह शर्त सुनकर हैरान रह गए. लेकिन जब कांता ने कहा कि छोटी बहन सुमन की देखभाल ज़िंदगी भर करना चाहती है तो उन्हें दोनों बहनों के अटूट स्नेह का अहसास हो गया. फिर लड़के के परिवार ने इस विवाह के लिए हामी भर दी. बांटे गए विवाह निमंत्रण पत्र बीती 5 मई को संपन्न हुए इस अनूठे विवाह समारोह को हरिओम के परिवार ने पूरे धूमधाम से आयोजित किया. बाकायदा कार्ड छपवाकर बंटवाए गए. वधू के रूप में दोनों बहनों ने विवाह मंडप में हरिओम के साथ अग्नि को साक्षी मान एक साथ सप्तपदी पूरी की. हरिओम की पत्नी बनीं दोनों नवविवाहिताओं का ससुराल आने पर पूरी परंपराओं के साथ गृह प्रवेश करवाया गया और अन्य रस्में पूरी की गईं.

दूल्हे हरिओम ने बताया, वह स्वयं प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा है. जबकि उसकी पत्नी कांता उर्दू से बीएड है. कांता की छोटी बहन यानी हरिओम की दूसरी पत्नी सुमन मानसिक रूप से कमजोर होने चलते सिर्फ 8वीं तक ही पढ़ पाई थी.

वह दुल्हन कांता के इस फैसले को लेकर खुश है। उसे इससे कोई आपत्ति नहीं हैं।उसने अपनी पत्नी की इस पहल की प्रशंसा की। उसने कहा कि वह दोनों सगी बहनों से शादी करके खुश है और उन्हें हमेशा खुश रखने का प्रयास करेगा। उसने यह कदम ससुराल पक्ष की इस पीड़ा को देखकर उठाया है। वही दुल्हन कांता ने उर्दू में स्नातकोत्तर किया है और उसकी छोटी बहन सुमन आठवीं तक पढ़ी-लिखी है। इस दौरान यह विवाह समारोह कोई चोरी छुपे तरीके से आयोजित नहीं हुआ। बल्कि इस विवाह समारोह को बड़े भव्य तरीके से आयोजित किया गया। जिसके कई लोग साक्षी बने।

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