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मायावती का बड़ा बयान, बोलीं- गहलोत को सबक सिखाएंगे, 6 विधायकों के खिलाफ जाएंगे सुप्रीम कोर्ट
राजस्थान के दंगल में बहुजन समाज पार्टी भी एक किरदार के रूप में सामने आई है. बहुजन समाज पार्टी के 6 विधायकों ने कांग्रेस में विलय कर लिया था, जिसपर अब बसपा प्रमुख मायावती आगबबूला हैं. मंगलवार को मायावती ने कहा कि कांग्रेस की ओर से कानून का उल्लंघन कर हमारे विधायकों को अपनी ओर किया गया, हम इस मामले को सुप्रीम कोर्ट तक ले जाएंगे. मायावती ने कहा कि अगर जरूरत पड़ती है तो वो ये मामला सुप्रीम कोर्ट तक ले जाएंगे, हम गहलोत को सही मौके पर सबक सिखाने का इंतजार कर रहे थे.
मायावती ने कहा कि दुख की बात है कि गहलोत ने अपने मुख्यमंत्री बनने के बाद अपनी बदनियत से BSP को राजस्थान में गंभीर नुकसान पहुंचाने के लिए हमारे 6 MLAs को असंवैधानिक तरीक से कांग्रेस में विलय करने की गैर कानूनी कार्यवाही की है. मायावती ने कहा कि यही गलत काम उन्होंने पिछले कार्यकाल में भी किया था.
यूपी की पूर्व सीएम बोलीं कि कांग्रेस का ये कार्य संविधान की 10वीं अनुसूचि के खिलाफ है इसलिए BSP के द्वारा 6 विधायकों को व्हिप जारी कर निर्देशित किया गया है कि ये सदन में कांग्रेस के खिलाफ ही मत डालेंगे. बसपा ने ये निर्णय कांग्रेस के द्वारा बार-बार धोखा दिए जाने के कारण ही लिया है.
मायावती ने राजस्थान सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि इस कारण से इनकी (कांग्रेस) अब सरकार रहती है या नहीं रहती है इसका दोष अब पूर्ण रूप से कांग्रेस और उनके मुख्यमंत्री गहलोत का ही होगा.
आपको बता दें कि बहुजन समाज पार्टी के विधायकों के विलय का मसला हाईकोर्ट भी पहुंचा था, जहां पर बीजेपी विधायक ने एक याचिका लगाई थी और बसपा भी उसमें पार्टी बन गई थी.
हालांकि, अदालत ने ये याचिका खारिज कर दी. अब मंगलवार को एक नई याचिका दायर की गई है. बसपा ने बीते दिनों विधायकों को व्हिप जारी कर कांग्रेस के खिलाफ वोट डालने को कहा था, हालांकि विधायकों का कहना है कि अब वो कांग्रेस के सदस्य हैं और अशोक गहलोत के साथ ही रहेंगे.
आपको यह भी बता दें कि बहुजन समाज पार्टी की टिकट से चुने गए छह विधायक जो पिछले साल सितंबर में कांग्रेस के साथ चले गए थे, उन्हें पार्टी ने गहलोत सरकार के खिलाफ वोट करने का निर्देश देते हुए व्हिप जारी किया है। बीएसपी की टिकट पर जो पर छह विधायक चुने गए थे वो हैं- आर. गुढ़ा, लखन सिंह, दीप चंद, जेएस अवाना, संदीप कुमार और वाजिब अली।