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श्रीनाथजी कृष्ण का एक रूप है, जो सात साल के बालक के रूप में प्रगट हुए हैं। श्रीनाथजी का मुख्य मंदिर राजस्थान, भारत में उदयपुर शहर से उत्तर पूर्व में स्थित नाथद्वारा के श्रीनाथजी मंदिर में है।
श्रीनाथजी पुष्टिमार्ग (कृपा का मार्ग) या वल्लभ सम्प्रदाय के वैष्णव समुदाय के मुख्य आराध्य देवता हैं, जिन्होंने वल्लभाचार्य द्वारा स्थापित किया गया है।
श्रीनाथजी का पूजन मुख्य रूप से भक्ति योग और गुजरात और राजस्थान के वैष्णवों द्वारा किया जाता है, साथ ही भाटियाओं द्वारा भी किया जाता है।
इतिहास
पौराणिक कथा के अनुसार, श्रीनाथजी भगवान स्वयं पत्थर से प्रकट हुए और गोवर्धन पहाड़ियों से उभरे।
ऐतिहासिक रूप से, श्रीनाथजी की मूर्ति का पहली बार पूजन गोवर्धन पहाड़ी के पास, मथुरा के पास किया गया था। 1672 ईस्वी में मूर्ति को पहाड़ी के किनारे से गंगा नदी के माध्यम से मथुरा से हटाया गया और यहां से लगभग छह महीने तक आगरा में संचालित किया गया,
क्योंकि कथा के अनुसार, मुग़ल शासक औरंगज़ेब इस प्रतिष्ठित देवी को अपने साथ रखना चाहते थे।
श्री नाथद्वारा में स्थित श्रीनाथजी का वर्तमान मंदिर 1728 ईसवी में बनाया गया था। श्रीनाथजी का स्वरूप चार फीट ऊँचा है और काला रंग का है।
बाईं हाथ ऊपर की ओर उठा हुआ है, जो शिष्यों को उनके पास जाने के लिए आमंत्रित कर रहा है। दाहिने हाथ का मुड़ा हुआ मुड़ाई पर आराम करता है।
पूजा
श्रीनाथजी की पूजा पुष्टिमार्ग परंपरा के अनुसार की जाती है, जिसे 16वीं शताब्दी में वल्लभाचार्य द्वारा स्थापित किया गया था। इस परंपरा में कृष्ण के प्रति भक्ति का महत्व दिया जाता है।
श्रीनाथजी की दैनिक पूजा सुबह 4:00 बजे शंख की आवाज़ के साथ शुरू होती है। पुजारी फिर मूर्ति को स्नान कराता है और नए कपड़े में सजाता है।
मूर्ति के बाद, फूल, फल और मिठाई की प्रसाद चढ़ाई जाती है। पुजारी फिर कृष्ण की प्रशंसा में भजन गाता है। श्रीनाथजी की पूजा रात 9:00 बजे घंटी बजाकर समाप्त होती है।
त्योहार
श्रीनाथजी के लिए सबसे महत्वपूर्ण त्योहार जन्माष्टमी है, जो कृष्ण के जन्म की धूमधाम से मनाया जाता है। यह त्योहार अगस्त या सितंबर में 10 दिनों तक मनाया जाता है। इस त्योहार के दौरान, मंदिर को फूलों और दीपों से सजाया जाता है।
महत्व
वैष्णवों के लिए श्रीनाथजी एक महत्वपूर्ण आदर्श है, और नाथद्वारा मंदिर एक प्रमुख तीर्थयात्रा स्थल है। देवी को कृष्ण का एक प्रतिष्ठित रूप माना जाता है,
और मंदिर को एक पवित्र स्थान के रूप में देखा जाता है। श्रीनाथजी की पूजा वैष्णवों के लिए कृष्ण के प्रति उनकी भक्ति को व्यक्त करने का एक तरीका है।
निष्कर्ष
श्रीनाथजी भारत में एक प्रसिद्ध देवता है, और नाथद्वारा मंदिर एक प्रमुख तीर्थयात्रा स्थल है। देवी को कृष्ण का एक प्रतिष्ठित रूप माना जाता है,
और मंदिर को एक पवित्र स्थान के रूप में देखा जाता है। श्रीनाथजी की पूजा वैष्णवों के लिए कृष्ण के प्रति उनकी भक्ति को व्यक्त करने का एक तरीका है।