उदयपुर

Udaipur Kanhaiyalal Murder: वो चीखता रहा फिर भी नहीं रुके थे दरिंदों के हाथ, जब जान निकली तब किया ये काम!

Shiv Kumar Mishra
28 Jun 2022 5:25 PM GMT
Udaipur Kanhaiyalal Murder: वो चीखता रहा फिर भी नहीं रुके थे दरिंदों के हाथ, जब जान निकली तब किया ये काम!
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राजस्थान के उदयपुर में नूपुर शर्मा (Nupur Sharma) के समर्थन में पोस्ट के बाद टेलर कन्हैया लाल (Kanhaiya Lal) की दिनदहाड़े तालिबानी तरीके से गला रेत कर हत्या कर दी गई। खास बात है कि नूपुर शर्मा के समर्थन में 10 दिन पहले कन्हैयालाल के 8 साल के बेटे ने एक पोस्ट किया था। इस पोस्ट के बाद ही कन्हैया लाल को जान से मारने की धमकियां भी मिल रही थीं।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इस पोस्ट के बाद कन्हैया लाल की समुदाय विशेष के लोगों के साथ बहस भी हुई थी। इसको लेकर कन्हैया लाल ने पुलिस को शिकायत भी दी थी। इसके बावजूद पुलिस की तरफ से उसको किसी भी तरह की सुरक्षा नहीं मुहैया कराई गई। पुलिस ने उसे कुछ दिन शांति से रहने की सलाह देकर लौटा दिया था। धमकी के डर से कन्हैया लाल ने पिछले कुछ दिन अपनी दुकान भी बंद रखी थी।

40 साल के कन्हैया लाल उदयपुर के धानमंडी थाना क्षेत्र के मालदास स्ट्रीट रहता था। यहीं उसकी एक सुप्रीम टेलर के नाम से कपड़े सिलने की दुकान है। कन्हैया लाल (Kanhaiya Lal Murder) की हत्या से पहले हत्यारों ने एक खतरनाक प्लान बनाया। इसके तहत ही दोनों कन्हैया लाल (Kanhaiya Lal) की दुकान में कपड़े का नाप देने के बहाने घुसे। एक युवक ने कपड़ा सिलवाने के लिए नाप लेने को कहा।

इसके बाद कन्हैया लाल उसका नाप लेने लग गया। वहीं दूसरा युवक इस पूरी घटना का वीडियो बनाने लगा। बेचारे कन्हैया लाल को क्या मालूम था कि उसके साथ यह सब कुछ होने वाला है। नाप लेने के दौरान ही अचानक से युवक ने कन्हैया लाल पर धारदार हथियार से हमला कर दिया। कन्हैया लाल चीखता रहा फिर भी हमलावर नहीं माने और दिनदहाड़े तालिबानी तरीके से उसकी हत्या कर दी।

स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कन्हैया लाल के तीन बेटे हैं। इनमें एक बेटा 17 साल, दूसरा 12 और तीसरा 8 साल का है। सोशल मीडिया पर नुपूर शर्मा के समर्थन में पोस्ट कन्हैया लाल के सबसे छोटे बेटे ने ही की थी। इसके बाद ही मामला थाने पहुंचा था। कन्हैया लाल ने मामले में धमकी देने वालों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया। यदि पुलिस ने समय रहते आरोपियों की धड़पकड़ की होती तो शायद यह वारदात नहीं हुई होती।

घटना के विरोध में उदयपुर के हाथीपोल, घंटाघर, अश्विनी बाजार, देहली गेट और मालदास स्ट्रीट की दुकानों ने अपने शटर गिरा दिए हैं। कई घंटों तक पीड़ित का शव दुकान के बाहर पड़ा हुआ था। मृतक के परिजनों ने मुआवजे के तौर पर 50 लाख रुपये और सरकारी नौकरी की मांग की है। भीषण हत्या की खबर मिलते ही जिला कलेक्टर तारा चंद मीणा और एसपी मनोज चौधरी भी मौके पर पहुंचे। चौधरी ने कहा कि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। पीड़िता को मिली धमकियों के बारे में पूछे जाने पर एसपी ने कहा कि मृतक से जुड़े सभी रिकॉर्ड की जांच की जा रही है।

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