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उपदेश राणा के राजसमंद पहुंचने की घोषणा से हालात बेकाबू, गिरफ्तार कर भेजे जेल

उपदेश राणा के राजसमंद पहुंचने की घोषणा से हालात बेकाबू, गिरफ्तार कर भेजे जेल
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उदयपुर: राजसमंद में बंगाली श्रमिक की हत्या के मामले में सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट और भडक़ाऊ नारेबाजी के बाद मचे बवाल पर गुरूवार को शहर में युवा संगठनों ने धारा 144 निषेधाज्ञा की धज्जियां उड़ाते हुए समूह में रैलियां निकालीं, तोडफ़ोड़, नारेबाजी व पथराव किया। लाठीचार्ज कर रहे पुलिसकर्मियों पर भी हाथापाई कर उन्हें जमकर पीटा। एएसपी सीआई सहित कई पुलिसकर्मियों को चोटें आई। पथराव में 11 पुलिसकर्मी व एक युवक घायल हो गया।




हालात इतने बेकाबू हो गए कि आईजी, एसपी सहित सभी वरिष्ठ अधिकारियों को लाठी लेकर सडकों पर उतरना पड़ा। दोपहर 2 बजे तक पुलिस रैली निकाल रहे युवाओं पर हावी थी लेकिन उसके बाद कोर्ट चौराहे पर संगठनों को अधिवक्ताओं का साथ मिलने से वे भी हावी हो गए। उन्होंने जमकर नारेबाजी करते हुए धार्मिक झंडे लहराए और नारेबाजी करते हुए पुलिस को चारों तरफ दौड़़ाया । इधर, दिनभर इंटरनेट सेवा बंद रहने से काफी व्यापार प्रभावित हुआ और लोग खासे परेशान रहे।



सुबह से ही रैली में शामिल होने के लिए राजसमंद सहित आसपास के गांव से कई युवा यहां उदयपुर पहुंच गए। वे रेती स्टेंड आवरी माता कच्ची बस्ती, भुवाणा, आरके चौराहा, अलग-अलग जगहों पर एकत्रित हो गए और वहां से हाथों में ध्वज लेकर नारेबाजी करते हुए चेतक पहुंचने लगे। सूचना मिलते ही पुलिस ने कुछ को रेती स्टेंड रोका तो कुछ को टाउनहॉल पर। इस दौरान उनकी झड़प भी हुई।




पुलिस ने हल्का बल प्रयोग करते हुए इन्हें खदेड़ा। पुलिस जैसे-जैसे इन्हें खदेड़ती गई, 2 बजे तक पुलिस जैसे-तैसे रोकने में सफल रही लेकिन उसके बाद कुछ लोगों ने चेतक, शक्तिनगर, अशोकनगर पर तोडफ़ोड़ कर दी। दुकानदारों ने अपने शटर बंद कर दुकानें बंद कर दीं। कई जगह पुलिस ने युवाओं को हिरासत में भी लिया। लेकिन अपराहऩ को कोर्ट चौराहे पर संगठन के युवाओं को अधिवक्ता का साथ मिलने पर वे हावी हो गए। कोर्ट परिसर में उन्होंने अपने आपको बचाते हुए जमकर नारेबाजी की। पुलिस ने खदेडऩा चाहा तो वकीलों ने आगे आकर उन्हें बचाया।

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