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Rajasthan Political Crisis: वसुंधरा राजे ने तोड़ी चुप्पी, कहा- 'राज्य के लोग इस कलह की कीमत चुका रहे हैं'
राजस्थान में जारी सियासी संकट के बीच राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता वसुंधरा राजे ने चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि 'यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि राज्य के लोग इस कलह की कीमत चुका रहे हैं।'
इस मामले में लंबे समय से पूछे साधे हुए बैठी राजे ने भी कांग्रेस के आंतरिक कलह को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि इसका नुकसान राजस्थान की जनता को उठाना पड़ रहा है। राजे ने अपने ट्वीट में सरकार को बिजली के बिल, किसान , कोरोना जैसे मुद्दों पर भी घेरा है। साथ ही आखिरी में कांग्रेस को कभी तो जनता के बारे में सोचिए ऐसा लिख , नसीहत दे डाली है।
वहीं अब सनसनीखेज ऑडियो टेप सामने आने के बाद राजस्थान कांग्रेस और बीजेपी दोनों आमने- सामने आ गए हैं। वहीं राजस्थान एसओजी भी टेप के सामने आने के बाद इस मामले में तेजी से इंवेस्टिगेशन में लग गई है। साथ ही इसके चलते अब पायलट खेम के मुश्किलें बढ़ने लगी है। शुक्रवार को एसओजी की टीम मानसर पहुंची, तो उन्हें बागी विधायकों से मिलने जाने नहीं दिया गया। इसके बाद एक घंटे बाद टीम अंदर गई, तो विधायक वहां से नदारद थे। इधर ऑडियो टेप के सामने के बाद बीजेपी- कांग्रेस भी एक दूसरे को कानूनी पचड़े में फंसाने में लगे हैं।
राजस्थान का सियासी ड्रामा पूरे देश की राजनीति में घमासान मचा रहा है। अब बहुजन समाजवादी पार्टी प्रमुख मायावती ने भी प्रदेश के सियासी घटनाक्रम में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को घेरने की कोशिश की है। मायावती ने ट्वीट कर कहा कि जैसा कि विदित है कि राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री गहलोत ने पहले दल-बदल कानून का खुला उल्लंघन व बीएसपी के साथ लगातार दूसरी बार दगाबाजी करके पार्टी के विधायकों को कांग्रेस में शामिल कराया और अब जग-जाहिर तौर पर फोन टेप कराके इन्होंने एक और गैर-कानूनी व असंवैधानिक काम किया है। ट्वीट में आगे मायावती ने राजस्थान में राष्ट्रपति शासन लागू करने की भी मांग की।