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एच एम त्रिखा
भगवान शंकर पर फूल चढ़ाने का बहुत अधिक महत्व है। सब कुछ मिलता है मात्र फूल ही चढ़ा देने से शास्त्र में लिखा है, ब्राह्मण को सौ सुवर्ण दान करने पर जो फल प्राप्त होता है वह भगवान शंकर पर सौ फूल चढ़ा देने से प्राप्त हो जाता है। कोन कौन से पत्र और पुष्प शिव के लिए विहित हैं और कोन कोन से निषिद्ध इन सब की जानकारी हम अपने पाठकों को आज यहां दे रहें हैं।
केतकी और केवड़े का निषेध है इनके पत्र और फूल शिव जी पर नहीं चढ़ते। शास्त्रों ने कुछ फूलों के चढ़ाने पर जो फल मिलते है उसका यहां उल्लेख कर रहें हैं। दस सुवर्ण दान का फल , मात्र एक आक का फूल चढ़ा कर मिल जाता है। हजार आक के फूलों की जगह एक कनेर का फूल चढ़ाने से उससे कहीं अधिक फल मिल जाता है, हजार कनेर न चढ़ा कर मात्र एक बिल्व का पत्ता चढ़ा कर वो फल मिलता है, हजार बिल्व की जगह एक गुमाका फूल शिव जी पर चढ़ा कर वही फल आप को मिल सकता है। हजार गुना द्रोण पुष्प भी बोलते है इसे इस से भी ऊपर है चिचिडा का एक फूल हजार चिचड़ा छोड़ एक कुश का फूल फल देता है हजार कुश छोड़ एक शमी का पत्ता, हजार शमी को छोड़ एक नील कमल हजार नील कमल से बढ़ कर एक धतूरा, हजार धतूरों से बढ़ कर एक शमी का फूल है और समस्त फूलों से ऊपर है नील कमल का फूल।
फूल जो शिव जी को न चढ़ाएं
कदम्ब , केवड़ा, कठमुर, शिरीष ,मौलसिरी ,कैथ गाजर बहेड़ा, कपास ,गंभारी, पत्र कंटक सेमल अनार ,धव ,जूही, मदन्ति,दोपहरिया के फूल ,भगवान शंकर पर नहीं चढ़ाने चाहिए
विशेष कदंम्ब और धतूरे के फूल चढ़ाने से सिद्धियां मिलती हैं। गंध हीन फूल शंकर भगवान पर नहीं चढ़ाने चाहिए भाद्रपद मास में चंम्पा और कदंम्ब शिव जी पर चढ़ाने से सभी कामनाएं पूर्ण हो जाती हैं।
Tagsशिव शंकर
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