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Aja Ekadashi 2022: इस दिन रखा जाएगा अजा एकादशी का व्रत, जानें शुभ मुहूर्त, पारण समय और महत्व

Special Coverage Desk Editor
19 Aug 2022 9:13 AM IST
Aja Ekadashi 2022: इस दिन रखा जाएगा अजा एकादशी का व्रत, जानें शुभ मुहूर्त, पारण समय और महत्व
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Aja Ekadashi 2022: इस दिन रखा जाएगा अजा एकादशी का व्रत, जानें शुभ मुहूर्त, पारण समय और महत्व

Aja Ekadashi 2022: अजा एकादशी का व्रत रखने और भगवान विष्णु की पूजा करने से सभी पापों का नाश होता है तथा कई अश्वमेध यज्ञ कराने के समान ही पुण्य लाभ मिलता भी है.

Aja Ekadashi 2022: भाद्रपद कृष्णपक्ष की 11वीं तिथि के दिन अजा एकादशी का पर्व मनाया जाता है. इस दिन भगवान विष्णु के सम्मान में व्रत एवं विधिवत् पूजन किया जाता है. सनातन धर्म में एकादशी का दिन भगवान विष्णु को समर्पित माना जाता है. भाद्रपद कृष्णपक्ष की एकादशी तिथि को अजा एकादशी के नाम से मनाया जाता है. कुछ जगहों पर इसे अन्नदा एकादशी के नाम से भी जाना जाता है. मान्यता है कि अजा एकादशी का व्रत एवं पूजा आयोजन से भगवान विष्णु एवं माँ लक्ष्मी प्रसन्न होते हैं, और जातक के सारे कष्ट दूर होते हैं.

अजा एकादशी का महात्म्य

भागवद पुराण के अनुसार मान्यता है कि इस व्रत को करने वाले जातक के समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं, और मृत्योपरांत उन्हें वैकुण्ठधाम में प्रवेश मिलता है. तथा इस व्रत को करने वाले जातक को संध्याकालीन पूजा के समय अजा एकादशी की व्रत कथा पढ़ने या सुनने से अश्वमेघ यज्ञ जैसे पुण्य की प्राप्ति भी होती है.

अजा एकादशी व्रत एवं पूजा के नियम

अन्य एकादशियों की तरह अजा एकादशी से एक दिन पूर्व सायंकाल के समय सात्विक भोजन करें. एकादशी के दिन सूर्योदय से पूर्व स्नानादि के पश्चात स्वच्छ वस्त्र पहनकर भगवान विष्णु हेतु व्रत एवं पूजा का संकल्प लें. मंदिर की अच्छे से साफ-सफाई कर भगवान विष्णु की प्रतिमा को गंगाजल से स्नान करायें, धूप-दीप प्रज्वलित करें, मस्तक पर रोली एवं अक्षत का तिलक लगाएं एवं निम्नलिखित मंत्र का 21 जाप करें ॐ नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।।

अब विष्णु जी को पुष्प-हार, पीला फूल, मौसमी फल अर्पित करते हुए दूध से बने मिष्ठान का भोग लगायें. इसके पश्चात विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें, और विष्णुजी की आरती उतार कर प्रसाद वितरित करें, संध्या काल में पुनः विष्णु जी की पूजा करें एवं व्रत-कथा पढ़ें. द्वाद्वशी को स्नानादि कर ब्राह्मण को भोजन एवं दक्षिणा प्रदान कर आशीर्वाद लें. शुभ मुहूर्त के अनुरूप व्रत का पारण करें.

अजा एकादशी शुभ मुहूर्त

  • अजा एकादशी प्रारंभः 03.35 AM (22 अगस्त 2022, दिन सोमवार) से
  • अजा एकादशी समाप्तः 06.06 AM (23 अगस्त 2022, दिन मंगलवार) तक
  • उदया तिथि के अनुसार अजा एकादशी का व्रत 23 अगस्त 2022, दिन मंगलवार को रखा जायेगा.

पारण का समय

  • अजा एकादशी व्रत का पारण 24 अगस्त 2022 को 05.55 से 08.30 तक है.

अजा एकादशी व्रत कथा

एक बार देवताओं ने राजा हरिश्चंद्र की ईमानदारी और धर्म की परीक्षा लेते हुए स्वप्न में उन्हें बताया कि उन्होंने अपना समस्त राजपाट महर्षि विश्वामित्र को दान कर दिया है. अगली सुबह महर्षि उनके पास उपस्थित हुए, राजा ने उन्हें संपूर्ण राजपाट सौंप दिया. तब महर्षि ने दक्षिणा स्वरूप 500 स्वर्ण मुद्राएं मांगी. राजा ने पत्नी, पुत्र के साथ खुद को बेचकर महर्षि को दक्षिणा चुकाई. राजा श्मशान भूमि में काम करने लगा. एक दिन राजा की पत्नी अपने पुत्र रोहिताश का शव लेकर आई. राजा ने चांडाल धर्म का पालन करते हुए पत्नी से दाह-संस्कार 'कर' मांगा. राजा की पत्नी ने अपनी आधी साड़ी फाड़कर कर चुकाया. राजा दुखी होकर सोचने लगे कि आखिर कब तक उन्हें यह कार्य करना होगा. तभी वहां गौतम ऋषि पहुंचे, उन्होंने राजा से कहा, यह सब तुम्हें पिछले कर्मों के कारण प्राप्त हुआ है. अब तुम भाद्रपद कृष्ण पक्ष की एकादशी के दिन अजा एकादशी का व्रत एवं पूजा करो, तुम्हारे सारे पाप मिट जायेंगे. राजा ने ऐसा ही किया. व्रत के प्रभाव से राजा के सारे पाप नष्ट हो गये और विष्णु जी की कृपा से रोहिताश भी जीवित हो गया और राजा को उसका राजपाट वापस मिल गया.

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