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Sundarkand Paath : नियमित सुंदरकांड के पाठ से होगा जीवन में सब सुंदर ही सुंदर, ऐसे करें हनुमान जी को प्रसन्न
मनोजवं मारुततुल्यवेगं जितेन्द्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठं।
वातात्मजं वानरयूथमुख्यं श्रीरामदूतं शरणं प्रपद्ये॥
अर्थ
हे मनोहर, वायुवेग से चलने वाले, इन्द्रियों को वश में करने वाले, बुद्धिमानो में सर्वश्रेष्ठ। हे वायु पुत्र, हे वानर सेनापति, श्री रामदूत हम सभी आपके शरणागत है॥
हनुमान जी जल्द प्रसन्न होने वाले देवता हैं. वह बल, बुद्धि और कृपा प्रदान करने वाले माने जाते हैं. मान्यता है कि सुंदरकांड का पाठ करने से व्यक्ति को जीवन में कई सकारात्मक बदलाव देखने को मिलते हैं. जो भी जातक प्रतिदिन सुंदरकांड का पाठ करता है उसकी एकाग्रता और आत्मविश्वास में वृद्धि होती है. सुंदरकांड का पाठ करने से व्यक्ति के अंदर सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. ऐसे में उसके द्वारा किए जाने वाले किसी भी काम का परिणाम हमेशा सकारात्मक ही मिलता है. इसलिए हर घर में सुंदरकांड का पाठ अवश्य करने को बताया गया है. सुंदरकांड का नियमित पाठ करने से व्यक्ति के अंदर से नकारात्मक शक्तियां दूर चली जाती है।
इस कांड को क्यों कहा गया है सुन्दरकाण्ड?
हनुमानजी, सीताजी की खोज में लंका गए थे और लंका त्रिकुटाचल पर्वत पर बसी हुई थी. त्रिकुटाचल पर्वत यानी यहां 3 पर्वत थे पहला सुबैल पर्वत, जहां के मैदान में युद्ध हुआ था.
दूसरा नील पर्वत, जहां राक्षसों के महल बसे हुए थे और तीसरे पर्वत का नाम है सुंदर पर्वत, जहां अशोक वाटिका थी. इसी वाटिका में हनुमानजी और सीताजी की भेंट हुई थी. इस कांड की यही सबसे प्रमुख घटना थी इसलिए इसका नाम सुंदरकांड रखा गया है।
सुंदरकांड पाठ करने का सही तरीका
1)अगर आप विशेष फल की प्राप्ति के लिए सुंदरकांड का पाठ कर रहे हैं तो इसकी शुरूआत मंगलवार या शनिवार के दिन से करें।
2)सुंदरकांड का पाठ शुरू करने से पहले स्वच्छता का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
3)सुंदरकांड का पाठ करने से पहले पूजा स्थल पर रखी 4)हनुमानजी की मूर्ति की विशेष रूप से पूजा करनी चाहिए। साथ ही सीता-राम की मूर्तियां भी हनुमान जी पास रखें।
5)हनुमानजी की पूजा फल-फूल, मिठाई और सिंदूर से करें।
6)सुंदरकांड का पाठ शुरू करने से पहले गणेश वंदना बहुत जरूर करें।
7)सुंदरकांड करते समय तुलसीदास द्वारा रचित रामचरितमानस की भी पूजा करनी चाहिए।
8) सुंदरकांड का पाठ करते समय घी का दीपक जरूर जलाए
सुन्दरकाण्ड का पाठ से लाभ
ऐसी मान्यता है कि हनुमान जी से जुड़ा कोई भी मंत्र या पाठ अन्य किसी भी मंत्र से अधिक शक्तिशाली होता है। हनुमान जी अपने भक्तों को उनकी उपासना के फल में बल और शक्ति प्रदान करते हैं।
सुन्दरकाण्ड के लाभ
लेकिन आज हम विशेष रूप से सुंदरकांड पाठ के महत्व और उससे मिलने वाले लाभ पर बात करेंगे। भक्तों द्वारा हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए अमूमन हनुमान चालीसा का पाठ किया जाता है। हनुमान चालीसा बड़े-बूढ़ों से लेकर बच्चों तक को जल्दी याद हो जाता है।
हनुमान चालीसा
लेकिन हनुमान चालीसा के अलावा यदि आप सुंदरकांड पाठ के लाभ जान लेंगे तो इसे रोजाना करना पसंद करेंगे। हिन्दू धर्म की प्रसिद्ध मान्यता के अनुसार सुंदरकांड का पाठ करने वाले भक्त की मनोकामना जल्द पूर्ण हो जाती है।
सुन्दरकाण्ड अध्याय
सुंदरकांड, गोस्वामी तुलसीदास द्वारा लिखी गई रामचरितमानस के सात अध्यायों में से पांचवा अध्याय है। रामचरित मानस के सभी अध्याय भगवान की भक्ति के लिए हैं, लेकिन सुंदरकांड का महत्व अधिक बताया गया है।
सुन्दरकाण्ड पाठ का महत्व
जहां एक ओर पूर्ण रामचरितमानस में भगवान के गुणों को दर्शाया गया है, उनकी महिमा बताई गई है लेकिन दूसरी ओर रामचरितमानस के सुंदरकांड की कथा सबसे अलग है। इसमें भगवान राम के गुणों की नहीं बल्कि उनके भक्त के गुणों और उसकी विजय की बात बताई गई है।
हनुमान पाठ के लाभ
सुंदरकांड का पाठ करने वाले भक्त को हनुमान जी बल प्रदान करते हैं। उसके आसपास भी नकारात्मक शक्ति भटक नहीं सकती, इस तरह की शक्ति प्राप्त करता है वह भक्त। यह भी माना जाता है कि जब भक्त का आत्मविश्वास कम हो जाए या जीवन में कोई काम ना बन रहा हो, तो सुंदरकांड का पाठ करने से सभी काम अपने आप ही बनने लगते हैं।
शास्त्रीय मान्यताएं
किंतु केवल शास्त्रीय मान्यताओं ने ही नहीं, विज्ञान ने भी सुंदरकांड के पाठ के महत्व को समझाया है। विभिन्न मनोवैज्ञानिकों की राय में सुंदरकांड का पाठ भक्त के आत्मविश्वास और इच्छाशक्ति को बढ़ाता है।
सुन्दरकाण्ड पाठ का अर्थ
इस पाठ की एक-एक पंक्ति और उससे जुड़ा अर्थ, भक्त को जीवन में कभी ना हार मानने की सीख प्रदान करता है। मनोवैज्ञानिकों के अनुसार किसी बड़ी परीक्षा में सफल होना हो तो परीक्षा से पहले सुंदरकांड का पाठ अवश्य करना चाहिए।
सुन्दरकाण्ड पाठ का महत्व
यदि संभव हो तो विद्यार्थियों को सुंदरकांड का पाठ करना चाहिए। यह पाठ उनके भीतर आत्मविश्वास को जगाएगा और उन्हें सफलता के और करीब ले जा
सफलता के सूत्र
आपको शायद मालूम ना हो, लेकिन यदि आप सुंदरकांड के पाठ की पंक्तियों के अर्थ जानेंगे तो आपको यह मालूम होगा कि इसमें जीवन की सफलता के सूत्र भी बताए गए है ।
सफल जीवन के मंत्र
यह सूत्र यदि व्यक्ति अपने जीवन पर अमल कर ले तो उसे सफल होने से कोई नहीं रोक सकता। इसलिए यह राय दी जाती है कि यदि रामचरित्मानस का पूर्ण पाठ कोई ना कर पाए, तो कम से कम सुंदरकांड का पाठ अवश्य कर लेना चाहिए।
इस समय करें सुन्दरकाण्ड का पाठ
यहां तक कि यह भी कहा जाता है कि जब घर पर रामायण पाठ रखा जाए तो उस पूर्ण पाठ में से सुंदरकांड का पाठ घर के किसी सदस्य को ही करना चाहिए। इससे घर में सकारात्मक शक्तियों का प्रवाह होता है।
ज्योतिष के लाभ
ज्योतिष के नजरिये से यदि देखा जाए तो यह पाठ घर के सभी सदस्यों के ऊपर मंडरा रहे अशुभ ग्रहों छुटकारा दिलाता है। यदि स्वयं यह पाठ ना कर सकें, तो कम से कम घर के सभी सदस्यों को यह पाठ सुनना जरूर चाहिए। अशुभ ग्रहों का दोष दूर करने में लाभकारी है सुंदरकांड का पाठ।
आत्मा की शुद्धि
सुंदरकांड पाठ करने से आत्मिक लाभ मिलता है। आत्मा शुद्ध होती है। सुंदरकांड का पाठ करने से आत्मा परमात्मा से मिलने के लिए तैयार होती है। मनुष्य इस जीवन रूपी दुनिया में जो करना आया है वही करता है। और सुंदर कांड पाठ करने से आत्मा की शुद्धि होती है।
रोगों को दूर भगाए
सुंदरकांड का पाठ एक तीर से कई निशाने लगाने का नाम है। पाठ करने से रोग दूर रहते हैं। इससे आपकी दरिद्रता खत्म होती है।
मानसिक सुख
अगर कोई व्यक्ति लगातार सुंदरकांड का पाठ करता है तो उसे अनेक लाभ मिलते हैं। सुंदरकांड पाठ निरंतर करने से मानसिक सुख शांति प्राप्त होती है।
अनहोनी दूर करे
अगर आप किसी ऐसी जगह पर रहते हैं जो सूनसान है। और आपको हमेशा किसी अनहोनी का डर रहता है। तो आप सुंदरकांड का पाठ करें। इससे आपके पास आने वाली हर समस्या दूर रहती है।
बच्चे आदर ना करें तो सुंदरकांड का पाठ
अगर आपके बच्चे आपकी सुनते नहीं और बड़ों का आदर नहीं करते हैं तो आप अपने बच्चों को सुंदरकांड का पाठ करने के लिए प्रेरित कर सकते हैं। अगर वे अपने संस्कारों को भूल गए हैं तो आप बच्चों को सुंदरकांड का पाठ बच्चों से करवा सकते हैं।
कर्ज से छुटकारा
अगर आप पर बहुत सारा कर्ज हो गया है तो आपको सुंदरकांड का पाठ करना चाहिए। सुंदरकांड का पाठ कर्ज से मुक्ति दिलाता है।
मन के भय से मुक्ति
अगर आपको रात को डर लगता है और बुरे सपने आते हैं तो आपको सुंदरकांड पाठ करना चाहिए। जिस तरह से हनुमान चालिसा का पाठ करने से मन के भय से मुक्ति मिलती है। ठीक उसी तरह से सुंदरकांड का पाठ करने से मन के भय से मुक्ति मिलती है।
हनुमान की कृपा
सुंदरकांड का पाठ करने से हनुमान की कृपा बनी रहती है। सिर्फ हनुमान ही नहीं भगवान राम की भी कृपा बनी रहती है। यदि आप दोनों भगवान की कृपा पाना चाहते हैं तो सुंदरकांड का पाठ करें।
गृह क्लेश से छुटकारा
सुंदरकांड का पाठ करने से गृह क्लेश से छुटकारा मिलता है। इसका पाठ करने से सकारात्मक शक्ति घऱ में आती है। जिससे घऱ में पैदा होने वाली नकारात्मक शक्तियों को से छुटकारा मिलता है।
विद्यार्थियों के लिए लाभदायक
यदि विद्यार्थी सुंदरकांड का पाठ करते हैं तो उन्हें उनके छात्र जीवन में सफलता मिलती है। उनका पढ़ाई में मन लगता है। और परीक्षा में अंक ठीक आते हैं। इसलिए विद्यार्थियों को सुंदरकांड का पाठ अवश्य करना चाहिए।
घऱ में सकारात्मक शक्तियों का वास
ऐसा माना जाता है कि सुंदरकांड का पाठ करने से घर में माहौल सकारात्मक और प्रेम पूर्वक रहता है। यदि सुंदरकांड का पाठ घऱ के ही किसी सदस्य द्वारा किया जाता है तो और भी अधिक फायदेमंद होता है।
अशुभ ग्रहों को दूर करे
सुंदरकांड का पाठ करने से अशुभ ग्रहों की स्थिति को शुभ बनाया जा सकता है। इसलिए नियमित सुंदरकांड का पाठ करना चाहिए।
कभी हार ना मानना
जीवन में ऐसे कई पड़ाव आता हैं जब हम अपना बल हार जाते हैं। मन दुखी हो जाता है। तो ऐसे में आपको हार नहीं मानना चाहिए। क्योंकि सुंदरकांड का पाठ आपका कभी हार ना मानने की शक्ति देता है।
पं अजय शुक्ल 9415009278
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