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हिंदू धर्म में सप्ताह का हर एक दिन किसी न किसी देवी-देवता को समर्पित है। ऐसे ही शनिवार का दिन शनिदेव को समर्पित है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, शनिदेव अच्छे कर्म करने वालों को मनोवांछित फल देते हैं और बुरे कर्म करने वालों को दंड देते हैं। इसलिए उन्हें न्याय का देवता कहा जाता है।
अगर आप भी शनिदेव की कृपा पाना चाहते हैं, तो उनकी पूजा करते समय उनके कुछ मंत्रों का जाप करें। मान्यता है कि ऐसा करने से शनिदेव की कृपा बनी रहती है और जीवन की सभी समस्याएं खत्म होने लगती हैं। आइए जानते हैं कौन-से हैं वो मंत्र.....
शनिदेव मंत्र
महामंत्र
ॐ निलान्जन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम। छायामार्तंड संभूतं तं नमामि शनैश्चरम॥
वैदिक मंत्र
ऊँ शन्नोदेवीर-भिष्टयऽआपो भवन्तु पीतये शंय्योरभिस्त्रवन्तुनः।
गायत्री मंत्र
ऊँ भगभवाय विद्महैं मृत्युरुपाय धीमहि तन्नो शनिः प्रचोद्यात्। ॐ शन्नोदेवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये।शंयोरभिश्रवन्तु नः।
महामृत्युंजय मंत्र
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥
शनि महामंत्र
ॐ निलान्जन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम। छायामार्तंड संभूतं तं नमामि शनैश्चरम॥
शनि का पौराणिक मंत्र
ऊँ ह्रिं नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम। छाया मार्तण्डसम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्।।
शनि दोष निवारण मंत्र
ऊँ त्रयम्बकं यजामहे सुगंधिम पुष्टिवर्धनम। उर्वारुक मिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मा मृतात।।