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Chandra Grahan 2021: चंद्र ग्रहण शुरू, दुनिया के कई हिस्सों में दिख रहा खूबसूरत नजारा, आप भी देखिए- LIVE
साल 2021 का पहला चंद्रग्रहण आरंभ हो चुका है। ग्रहण करीब 2 बजकर 17 मिनट पर शुरू हुआ। जो शाम के 7 बजकर 19 मिनट तक रहेगा। यह पूर्ण चंद्रग्रहण है। जिसमें चंद्रमा लाल रंग का दिखाई देगा जिसे सुपर ब्लड मून भी कहा जाता है। भारत में यह चंद्रग्रहण दिखाई नहीं देगा क्योंकि यहां पर उपछाया चंद्रग्रहण होगा। उपछाया चंद्रग्रहण के कारण भारत में सूतक मान्य नहीं होगा। जिसकी वजह से किसी भी तरह के कार्य में कोई भी बाधा नहीं आएगी। यह चंद्रग्रहण अनुराधा नक्षत्र जोकि शनिदेव का नक्षत्र भी है उसमें पड़ेगा और वृश्चिक राशि में चंद्रमा का गोचर है।
भारत में चंद्रोदय के ठीक बाद, ग्रहण के आंशिक चरण की समाप्ति भारत के उत्तरपूर्वी हिस्सों (सिक्किम को छोड़कर), पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्से, ओडिशा के कुछ तटीय हिस्से और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह से दिखाई देगा. न्यूज एजेंसी पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, पश्चिम बंगाल और ओडिशा में चक्रवात यास के कारण ग्रहण दिखने की संभावना कम हो सकती है. ग्रहण का आंशिक चरण भारतीय समय के अनुसार दोपहर करीब 3 बजकर 15 मिनट से शुरू होकर शाम 6 बजकर 23 मिनट पर खत्म होगा. इस चंद्र ग्रहण की पूरी अवधि 5 घंटे 2 मिनट होगी. आंशिक चंद्र ग्रहण की अवस्था 2 घंटे 53 मिनट रहेगी. जबकि पूर्ण चंद्र ग्रहण की अवधि 14 मिनट रहेगी. पढ़िए चंद्र ग्रहण से जुड़ी लाइव अपडेट्स-
जहां विज्ञान इसे महज एक खगोलीय घटना मानता है। वहीं धार्मिक मान्यता के अनुसार, यह कहा जाता है कि राहु और केतु के कारण ग्रहण लगता है। ये दोनों पापी ग्रह हैं जो ग्रहण लगाकर सूर्य और चंद्रमा को शापित करते हैं। राहु-केतु उसी राक्षस के सिर और धड़ हैं जिसने देवताओं की पंक्ति में जाकर अमृत पी लिया था।
चंद्रग्रहण कैसे लगता है?
जब चंद्रमा, पृथ्वी और सूर्य तीनों एक सीधी रेखा में आ जाते हैं तब सूर्य की सीधी रोशनी चंद्रमा पर नहीं पड़ती है बल्कि पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ने लगती है। इस स्थिति को चंद्र ग्रहण कहते हैं। उपछाया चंद्र ग्रहण की स्थिति में तीनों सीधी रेखा में नहीं होते हैं लेकिन तीनों ऐसी स्थिति में होते है जहां पर पृथ्वी की सिर्फ एक हल्की छाया पड़ती है। जिससे चंद्रमा का एक हिस्सा मटमैला हो जाता है।
ग्रहण के अशुभ प्रभावों से बचने के लिए करें ये उपाय
ग्रहण के प्रभाव को कम करने के लिए गायत्री मंत्र, महामृत्युंजय, दुर्गा चालीसा, विष्णु सहस्त्रनाम और श्रीमदभागवत गीता का पाठ करना चाहिए। जिन जातकों पर शनि की साढ़ेसाती चल रही है उन्हें शनि साढ़ेसाती के प्रभाव को कम करने के लिए शनि मंत्र का जाप करना व श्री हनुमान चालीसा का पाठ करना शुभ रहेगा।
चंद्रग्रहण के दौरान इन मंत्रों का जाप करना होगा लाभकारी
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ग्रहण के दौरान विशेष मंत्रों का जाप करना चाहिए। मंत्रों के लगातार जाप से ग्रहण का प्रभाव कम रहता है। आप आज के दिन चंद्रग्रहण के प्रभाव कम करने के लिए दो मंत्रों का जाप कर सकते हैं।
तमोमय महाभीम सोमसूर्यविमर्दन
हेमताराप्रदानेन मम शांतिप्रदो भव ॥
विधुन्तुद नमस्तुभ्यं सिंहिकानन्दनाच्युत
दानेनानेन नागास्य रक्ष मां वेधजादभयात॥
ग्रहण के बाद भोजन करने की मान्यता
ग्रहण के पश्चात ही भोजन बनाकर ग्रहण करना चाहिए। यदि भोजन ग्रहण के दौरान बना हुआ है तो उसमें पहले तुलसी के पत्ते डालकर उसे शुद्ध करें। बच्चों-बुजुर्गों और रोगियों पर सूतक का प्रभाव मान्य नहीं होता है। इसलिए उन्हें समय पर भोजन खिला देना चाहिए।
ग्रहण के बाद गाय को खिलाएं रोटी
मान्यता के अनुसार, यह भी कहा जाता है कि ग्रहण खत्म होने के बाद गाय को रोटी खिलाने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। अतः संभव हो तो ग्रहण के पश्चात् गाय को रोटी जरूर खिलाएं।
ग्रहण के बाद घर के मंदिर को करें शुद्ध
ग्रहण के बाद घर के मंदिर में गंगा जल छिड़क कर शुद्ध करें। देवी-देवताओं की प्रतिमाओं को भी गंगा जल से शुद्ध करें और इसके बाद ही पूजा करें। ऐसा करने से घर के मंदिर में व्याप्त ग्रहण की नकारात्मक छाया नष्ट हो जाएगी।