धर्म-कर्म

भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए करें इन मंत्रों का जाप, सभी मनोकामनाएं होगीं पूर्ण

Arun Mishra
16 Sept 2021 8:15 AM IST
भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए करें इन मंत्रों का जाप, सभी मनोकामनाएं होगीं पूर्ण
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भगवान विष्णु की विधि पूर्वक पूजा करने से व्यक्ति की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं, मोक्ष भी मिलता है।

गुरुवार के दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करने का विधान है। गुरुवार के प्रत्येक मास की एकादशी, द्वादशी और पूर्णिमा को तथा हर वर्ष चातुर्मास में भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। भगवान विष्णु की विधि पूर्वक पूजा करने से व्यक्ति की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं, मोक्ष भी मिलता है। गुरुवार के दिन भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करना अत्यंत लाभदायी और कल्याणकारी होता है। आज हम आपको भगवान विष्णु के मंत्रों और उनके जाप की विधि बता रहे हैं।

गुरुवार को भगवान विष्णु की पूजा

प्रात:काल स्नान आदि से निवृत्त होकर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। इसके बाद पूजा स्थल पर एक चौकी पर भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर को स्थापित करें। फिर उनका गंगाजल से अभिषेक करें। उनको अक्षत्, चंदन, धूप, दीप, पीले फूल आदि अर्पित कर गुड़ और चने की दाल का भोग लगाएं। इसके पश्चात् विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें तथा विष्णु मंत्रों का जाप करें। पूजा के अंत में कपूर या गाय के घी का दीपक जलाएं और भगवान विष्णु की आरती करें.

भगवान विष्णु के मंत्र

1. धन-वैभव और समृद्धि के लिए भगवान विष्णु के मंत्र

ओम भूरिदा भूरि देहिनो, मा दभ्रं भूर्या भर।

भूरि घेदिन्द्र दित्ससि।

ओम भूरिदा त्यसि श्रुत: पुरूत्रा शूर वृत्रहन्।

आ नो भजस्व राधसि।

2. भगवान विष्णु रूप का पूजन मंत्र

शांताकारम् भुजङ्ग शयनम पद्म नाभं सुरेशम।

विश्वाधारं गगनसद्र्श्यं मेघवर्णम शुभांगम।

लक्ष्मीकान्तं कमल नयनम योगिभिर्ध्यान नग्म्य्म।

3. भगवान विष्णु का कृष्ण अवतार मंत्र

श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारे।

हे नाथ नारायण वासुदेवाय।।

4. भगवान विष्णु का गायत्री महामंत्र

ऊं नारायणाय विद्महे।

वासुदेवाय धीमहि।

तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।।

5. ओम नमो भगवते वासुदेवाय।

6. भगवान विष्णु का पंचरूप मंत्र

ओम ह्रीं कार्तविर्यार्जुनो नाम राजा बाहु सहस्त्रवान।

यस्य स्मरेण मात्रेण ह्रतं नष्‍टं च लभ्यते।।

मंत्र जाप विधि

भगवान विष्णु की पूजा के समय उनको भोग लगाने के बाद आप पीले आसन पर बैठ जाएं। इसके पश्चात् तुलसी की माला लेकर यथोचित मंत्र की श्रद्धापूर्वक और शुद्ध उच्चारण करते हुए 1 माला, 3 माला, 5 माला या 11 माला का जाप करें। ऐसा करने से आपकी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी, घर-परिवार में शांति, स्नेह, सुख, समृद्धि आएगी।

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