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Ganga Dussehra: गंगा दशहरा आज, बस कर लें ये एक काम तो मिलेगी दस जन्मों के पापों से मुक्ति, नहीं रहेगी जीवन में कोई कमी!
Ganga Dussehra : ज्येष्ठ शुक्ल दशमी के दिन ही भागीरथ गंगा को धरती पर लाए थे। इस दिन गंगा धरती पर अवतरित हुईं थीं, जिसे हम गंगा दशहरा के नाम से मनाते हैं। इस बार गंगा दशहरा नौ जून को है। पौराणिक मान्यता के अनुसार, जेठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि के दिन हस्त नक्षत्र में मां गंगा स्वर्ग से पृथ्वी पर आईं थीं। इस साल हस्त नक्षत्र नौ जून को सुबह 4:32 से लेकर 10 जून शुक्रवार सुबह 4:26 बजे तक रहेगा, जबकि दशमी तिथि नौ जून को सुबह 8:22 से शुरू होकर 10 जून सुबह 7:25 बजे तक रहेगी। इसे 'गंगावतरण' भी कहते हैं।
गंगा दशहरा के दिन मां गंगा की विशेष पूजा-आरती करते हैं. गंगा नदी में स्नान करते हैं और यदि ऐसा संभव न हो तो गंगाजल मिले पानी से स्नान करते हैं. ऐसा करने से पाप नष्ट हो जाते हैं. आज यानी कि 9 जून 2022, गुरुवार को गंगा दशहरा है. जानें आज कौनसा काम करने से सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
गंगा दशहरा पर बने 4 महायोग
शास्त्रों में कहा गया है कि गंगा स्नान करने से व्यक्ति के 10 तरह के पाप धुल जाते हैं, इसलिए खास मौकों पर गंगा स्नान जरूर करना चाहिए. वहीं गंगा दशहरा का दिन तो इस मामले में सबसे उत्तम है. साल 2022 का गंगा दशहरा इसलिए भी ज्यादा खास है क्योंकि इस दिन 4 महायोग बन रहे हैं. आज ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति बेहद खास है. आज महालक्ष्मी योग, गजकेसरी सोग, बुधादित्य योग और रवि योग बन रहा है.
गंगा दशहरा पर इन चीजों का दान दूर करेगा सारी कमियां
हर किसी के जीवन में किसी न किसी जीवन की कमी रहती है. यूं कह सकते हैं कि मानव मन में किसी न किसी चीज को पाने की लालसा बनी रहती है. गंगा दशहरे का दिन इन मनोकामनाओं को पूरा करने वाला है. यदि गंगा दशहरा पर जल, अन्न, फल, वस्त्र, पूजन, श्रृंगार सामग्री, घी, नमक, शक्कर का दान किया जाए तो सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. इस दिन ब्राह्मणों को जरूर दान देना चाहिए.
पापों से मिलेगी मुक्ति
तुलसीदास ने भी कलयुग में सदगति के लिए श्रीराम और देव नदी गंगा का पवित्र जल को ही आधार माना है। हिंदू संस्कृति में किसी भी शुभ कार्य/शुद्धि के लिए गंगा जल प्रयोग में लाते हैं। अगर गंगा में स्नान न कर सकें तो घर में नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें और गंगा जी का पूजन करेंं। इस दिन 10 अंक का विशेष महत्व है। पूजा करते समय सभी सामग्री को 10 की मात्रा में चढ़ाएं। जैसे- 10 फूल, 10 दीपक, 10 फल आदि इस दिन दान का भी महत्व है। ऐसा करने वाला महापातकों के बराबर के दस पापों से छूट जाता है।
मां गंगा का पवित्र पावन मंत्र : ओम नमो भगवती हिलि हिलि मिलि मिलि गंगे मां पावय पावय स्वाहा।