धर्म-कर्म

यदि घर में रखते हैं गंगाजल तो - ध्यान रखे ये बातें

यदि घर में रखते हैं गंगाजल तो - ध्यान रखे ये बातें
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हमारे धर्म ग्रंथों में गंगा नदी को पूजनीय और पवित्र बताया गया है. इसी वजह आज भी गंगा नदी को देवी तरह पूजा जाता है. धार्मिक मान्यता है कि गंगा नदी में स्नान करने से व्यक्ति के सभी पाप धुल जाते हैं और पुण्य बढ़ते हैं. देवी गंगा की कृपा से व्यक्ति का दुर्भाग्य दूर हो सकता है. प्राचीन समय में राजा भागीरथ ने मां गंगा को धरती पर लाने के लिए कठोर तप किया था. अधिकतर लोग अपने घर में भी गंगाजल रखते हैं. गंगाजल के शुभ असर से घर में बरकत बनी रहती है और घर पर किसी नकारात्मक ऊर्जा का असर नहीं होता है।

आयुर्वेद के अनुसार, तांबे के बर्तन में रखा गया पानी इसमें पैदा होने वाले बैक्टीरिया को खत्म करके पानी को पूरी तरह से शुद्ध कर देता है. कॉपर Copper इम्यूनिटी immunity को मजबूत करता है और नई कोशिकाओं के उत्पादन में सहायता करता है. इससे शरीर में घावों को तेजी से भरने में मदद मिलती है. अगर आप भी घर में गंगाजल रखते हैं तो यहां जानिए कुछ ऐसी बातें, जिनका हमेशा ध्यान रखना चाहिए.अगर इन बातों का ध्यान नहीं रखा जाएगा, तो कार्यों में बाधाएं बढ़ सकती हैं और धन संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.

गंगाजल से जुड़ी ये बातें हमेशा ध्यान रखें

1 गंगाजल को हमेशा तांबे या चांदी के बर्तन में रखना चाहिए. अधिकतर लोग प्लास्टिक की बोतल में गंगाजल रखते हैं, जो कि अशुभ होता है.

2 घर के जहां गंगाजल रखा जाता है, वहां साफ सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए. गंगाजल पूजनीय होता है और इसके आसपास पवित्रता बनाए रखें.

3 जिस कमरे में गंगाजल रखा जाता है, वहां मांस-मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिये.

4 समय-समय घर में गंगाजल की कुछ बूंदों का छिड़काव करते रहना चाहिए. इससे घर में सकारात्मकता बनी रहती है. गंगाजल का उपयोग करने से पहले हाथों को साफ कर लेना चाहिए. इसके बाद मां गंगा का ध्यान करते हुए इसका प्रयोग करें.

5 ध्यान रहे कि गंगाजल को कभी भी अंधेरे स्थान पर कभी नहीं रखना चाहिए.

6 हर शनिवार एक लोटे में साफ जल भरें और उसमें थोड़ा सा गंगाजल डाल लें. ये पानी पीपल को चढ़ाएं. ऐसा करने से शनि के साथ कुंडली के अन्य दोषों से भी मुक्ति मिल सकती है.

7 गंगा जल हो या फिर किसी दूसरी पवित्र नदी का जल हो, उसे हमेशा ईशान कोण में ही रखें.

8 गंगा जल को कभी भी गंदे और जूठे हाथों से नहीं छूना चाहिए.

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