धर्म-कर्म

होली के त्यौहार पर 500 वर्षों बाद बना पहली बार दुर्लभ योग

Shiv Kumar Mishra
23 March 2021 10:15 AM IST
होली के त्यौहार पर 500 वर्षों बाद बना पहली बार दुर्लभ योग
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होली पर 500 वर्षों बाद एक बहुत ही दुर्लभ योग बन रहा है.

हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार हर साल फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि को होली का त्योहार बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. यह रंगों का पर्व है. होली आपसी प्रेम और सौहार्द बढ़ाने का त्योहार है. यह आपसी भाईचारा को दर्शाता है. पूर्णिमा की रात को होलिका दहन किया जाता है. उसकी अगली सुबह यानी कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि को रंग वाली होली खेली जाती है. इस बार यह रंगों की होली 29 मार्च 2021 को खेली जाएगी. जबकि एक दिन पूर्व अर्थात 28-29 मार्च की रात्रि को होलिका दहन किया जाएगा.

इस बार होली पर 500 वर्षों बाद एक बहुत ही दुर्लभ योग बन रहा है. इसके साथ ही दो बहुत ही खास संयोग भी बन रहे हैं. हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल होली 29 मार्च 2021 को मनाई जायेगी, इस दिन कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि भी पड़ रही है. साथ ही इसी दिन ध्रुव योग का भी निर्माण भी हो रहा है. इसी दिन सर्वार्थसिद्धि योग के साथ ही अमृतसिद्धि योग का भी निर्माण हो रहा है. अर्थात इस बार होली सर्वार्थसिद्धि योग के साथ- साथ अमृतसिद्धियोग में मनाई जायेगी. ऐसा दुर्लभ योग 500 साल बाद बन रहा है. इसके पहले यह दुर्लभ योग 03 मार्च 1521 को पड़ा था.

ज्योतिष के अनुसार इस तरह से ग्रहों का योग इससे पहले यह 03 मार्च, 1521 को बना था. इस बार होली सर्वार्थसिद्धि योग में मनाई जाएगी. वहीं होली पर अमृतसिद्धि योग भी रहेगा. दशकों बाद होली पर सूर्य, ब्रह्मा और अर्यमा के साक्षी रहेंगे. यह दूसरा दुर्लभ योग है.

होली पर्व का सबसे महत्‍वपूर्ण हिस्‍सा है होलिका दहन। इस दहन में असुरों के राजा हिरण्यकश्यप ने अपने बेटे प्रह्लाद को जलती चिता पर जिंदा अपनी बहन होलिका के साथ बैठा दिया था। होलिका को यह वरदान प्राप्‍त था कि अग्नि उसे तब तक भस्‍म नहीं कर सकती, जब तक उसके सिर पर विशेष दुपट्टा रहेगा, जो उसे वरदान स्‍वरूप प्राप्‍त हुआ था। लेकिन जब वह भगवान नारायण के परम भक्‍त प्रह्लाद को गोदी में बैठा कर अग्नि पर बैठी तो दुपट्टा उड़ गया और प्रह्लाद पर जा गिरा। इस तरह होलिका भस्‍म हो गई और प्रह्लाद बच गए।

होलिका दहन के दिन बेटों को उबटन लगाएं और उबटन को उतारते वक्‍त उसकी उतरन को एक कागज की पुड़िया में बांध लें और होलिका दहन के वक्‍त अग्नि में स्‍वाहा कर दें। वैसे केवल बेटों के ही नहीं बल्कि आप बेटियों के भी उबटन लगा सकती हैं। ऐसा करने के पीछे महत्‍व यह है कि उबटन की उतरन के साथ ही शरीर के सारे रोग और बुरी बलाएं होलिका के साथ भस्‍म हो जाती हैं। इसके साथ ही अपनी संतान की लंबाई को सूत के धागे से 7 बार नापें और उसे भी होलिका दहन के वक्‍त अग्नि में डाल दें।

ज्योतिष शास्त्र में होलिका दहन के दिन कई ऐसे उपाय बताए गए हैं, जिससे आपके घर के सभी संकट दूर हो सकते हैं। होलिका दहन में कई ऐसी चीजें डाली जाती हैं, जो आपके घर की आर्थिक स्थिति को ठीक कर, परिवार में खुशियां लेकर आती हैं।

होलिका दहन के दिन लकड़ी और गोबर के उपलें को पवित्र अग्नि में डालने का रिवाज है। हालांकि, इस दिन अगर आप रस्सी से गोबर के उपलों को बांधकर अपने घर के बाहर लटका दें, तो इससे घर में मौजूद सारी नकारात्मकता दूर हो जाती है। और घर की आर्थिक स्थिति भी मजबूत होती है।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अगर किसी लड़की की शादी में दिक्कत आ रही है या फिर कोई भी महिला अपने पारिवारिक जीवन में बहुत दुखी है। तो उसके लिए एक चुटकी सिंदूर लेकर पवित्र अग्नि में डाल दें। हालांकि, ध्यान रखें की यह बात आप किसी को भी ना बताएं। ऐसा करने से आपके सभी काम बन जाएंगे।

पं0 गौरव दीक्षित शास्त्री ज्योतिषविद शूकर क्षेत्र, सोरों जी Mob- 07452961234

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