धर्म-कर्म

भगवान शिव की पूजा करते समय इन बातों का रखें ध्यान, कहीं भोलेनाथ न हो जाएं रुष्ट

Shiv Kumar Mishra
6 Sept 2021 9:19 AM IST
भगवान शिव की पूजा करते समय इन बातों का रखें ध्यान, कहीं भोलेनाथ न हो जाएं रुष्ट
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सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित है. ऐसा माना जाता है कि अगर सोमवार को भगवान शिव की सच्चे मन से पूजा की जाए तो सारे कष्टों से मुक्ति मिलती है और सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. शिव सदा अपने भक्तों पर कृपा बरसाते हैं. मान्यता है कि भगवान शिव को खुश करने के लिए सोमवार को सुबह उठकर स्नान करके भगवान शिव की आराधना करनी चाहिए.

इस दिन भगवान शंकर के साथ माता पार्वती और नंदी को गंगाजल चढ़ाना चाहिए. साथ ही इस दिन शिवजी पर खास तौर से चंदन, अक्षत, बिल्व पत्र और धतूरा चढ़ाना चाहिए. ये सभी चीजें भगवान शिव को प्रिय हैं. इन्हें चढ़ाने से भगवान भोलेनाथ बहुत जल्द खुश होकर अपने भक्तों पर कृपा बरसाते हैं.

सोमवार के दिन भगवान शिव को घी, शक्कर और गेंहू के आटे से बने प्रसाद का भोग लगाना चाहिए. इसके बाद धूप, दीप से आरती करनी चाहिए. इसके बाद प्रसाद को गुरुजनों, बुजुर्गों और परिवार, मित्रों के साथ ग्रहण करना चाहिए. मान्यता है कि सोमवार के दिन महामृत्युंजय मंत्र का जाप 108 बार करने से भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है. सोमवार के दिन शिवलिंग पर गाय का कच्चा दूध चढ़ाने से भगवान शिव की कृपा हमेशा बनी रहती है. इसके अलावा भगवान के अन्य मंत्रों का भी स्मरण करने से भगवान की कृपा बरसती है.

भगवान शिव का मंत्र-

ऊँ नम: शिवाय॥

शिव पूजा में इन बातों का रखें खास ख्याल

शिव पूजा में बहुत सी ऐसी चीजें अर्पित की जाती हैं जो अन्य किसी देवता को नहीं चढ़ाई जाती, जैसे- आक, बिल्वपत्र, भांग आदि. इसी तरह माना जाता है कि शिव पूजा में कई ऐसी चीजें होती हैं जो आपकी पूजा का फल देने के बजाय आपको नुकसान पहुंचा सकती हैं.

हल्दी

भगवान शिव की पूजा में हल्दी नहीं चढ़ाई जाती है. हल्दी का इस्तेमाल मुख्य रूप से सौंदर्य प्रसाधन में किया जाता है. शास्त्रों के अनुसार शिवलिंग पुरुषत्त्व का प्रतीक है, इसी वजह से महादेव को हल्दी नहीं चढ़ाई जाती है.

फूल

शिव को कनेर और कमल के अलावा लाल रंग के फूल प्रिय नहीं हैं, शिव को केतकी और केवड़े का फूल चढ़ाना निषेध है.

कुमकुम या रोली

शास्त्रों के अनुसार शिव जी को कुमकुम और रोली नहीं लगाई जाती है.

शिव पूजा में नहीं बजाते शंख

शंख भगवान विष्णु को बहुत ही प्रिय हैं लेकिन शिव जी ने शंखचूर नामक असुर का वध किया था इसलिए शंख भगवान शिव की पूजा में वर्जित माना गया है.

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