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भारत व्रतों,त्योहारों का देश है यहां विभिन्न धर्म जाति और समुदाय के लोग अपने अपने व्रतों,त्योहारों को बड़ी श्रद्धापूर्वक मनाते हैं।
हिंदू धर्म में महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए हरितालिका तीज का व्रत रखती हैं। इस साल यह व्रत 30 अगस्त को पड़ रहा है। इस तीज का सुहागिन महिलाओं मे बड़ा ही महत्व है। ऐसी मान्यता है कि, देवी पार्वती ने इस व्रत की शुरुआत की थी।
शास्त्रों के अनुसार भाद्र मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि के दिन हर साल हरितालिका तीज का व्रत रखा जाता है। हरितालिका व्रत को सुहागन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए रखती है। वहीं, कुंवारी कन्याएं मनचाहे वर की प्राप्ति के लिए इस व्रत को रखती है। इस व्रत में व्रती महिलाएं अन्न जल तक ग्रहण नहीं करती हैं। कहते हैं इस कठिन व्रत से देवी पार्वती ने भगवान शिव को प्राप्त किया था। इसलिए इस व्रत में शिव पर्वती की पूजा का अपना विशेष महत्व है। कहा जाता है कि इस दिन माता पार्वती और भगवान शिव का पुनर्मिलन हुआ था। माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए बहुत तपस्या की थी। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर माता पार्वती ने उन्हें दर्शन दिए और पार्वती को पत्नी के रूप में स्वीकार किया। ये निर्जला व्रत होता है। धार्मिक मान्यता है कि इस व्रत को करने से वैवाहिक जीवन सुखमय रहता है और पति-पत्नी के बीच आपसी प्रेम बढ़ता है। हरतालिका तीज की पूजा में फुलेरा बांधने का विधान है।
*तीज का शुभ मुहूर्त*
तृतीया तिथि आरंभ – 29 अगस्त 2022, सोमवार, सायं 03: 21 मिनट से।
तृतीया तिथि समाप्ति – 30 अगस्त 2022 मंगलवार, सायं 03: 34 मिनट तक।
प्रदोष काल मुहूर्त – 30 अगस्त 2022, सायं 06.33- रात 08.51 तक।
*पूजा की विधि*
हरितालिका तीज में श्रीगणेश, भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है। सबसे पहले मिट्टी से तीनों की प्रतिमा बनाएं और भगवान गणेश को तिलक करके दूर्वा अर्पित करें।इसके बाद भगवान शिव को फूल, बेलपत्र और शमिपत्री अर्पित करें और माता पार्वती को श्रृंगार का सामान अर्पित करें। तीनों देवताओं को वस्त्र अर्पित करने के बाद हरितालिका तीज व्रत कथा सुनें या पढ़ें। इसके बाद श्रीगणेश की आरती करें और भगवान शिव और माता पार्वती की आरती उतारने के बाद भोग लगाएं।