धर्म-कर्म

रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त जानकर ही बहिनें बांधे भाइयों को राखी

Shiv Kumar Mishra
10 Aug 2022 5:28 AM GMT
रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त जानकर ही बहिनें बांधे भाइयों को राखी
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रक्षाबंधन 11 अगस्त 2022 को मनाया जाएगा. रक्षाबंधन पर बहन भाई को तिलक लगाकर आरती उतारती है और कलाई पर राखी बांधती है. रक्षाबंधन पर अच्छा मुहूर्त देखकर ही राखी बांधनी चाहिए. इस साल रक्षाबंधन पर भद्रा का संकट मंडरा रहा है. भद्रा काल को शास्त्रों में अशुभ माना गया है. इसमें राखी बांधने या कोई शुभ कार्य के परिणाम अच्छे नही होते.

भद्रा सूर्यदेव की पुत्री और शनिदेव की बहन हैं. शनि की भांति इसका स्वभाव भी क्रूर है. धर्म शास्त्र के अनुसार वैसे तो भद्रा का शाब्दिक अर्थ कल्याण करने वाली है लेकिन इसके विपरित भद्रा काल में शुभ कार्य वर्जित है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार भद्रा राशियों के अनुसार तीनों लोको में भ्रमण करती है. मृत्युलोक (पृथ्वीलोक) में इसके होने से शुभ कार्य में विघ्न आते है.

11 अगस्त को सूर्योदय प्रात: 5 बजकर 30 मिनट में हो रहा है. इस दिन पूर्णिमा का मान दिन में 9 बजकर 35 मिनट पर है. लेकिन उसी समय यानि 9.35 दिन में पूर्णिमा के साथ भद्रा का भी प्रारंभ हो रहा है.अगर तिथियों का अवलोकन किया जाए तो एकादशी, त्रयोदशी और पूर्णमासी आदि तिथि पर भद्रा रहती ही है.भद्रा के विषय में एक खास बात है जिसके बारे में लोगों के पास जानकारी नहीं है कि भद्रा का वर्णन वास्तु शास्त्र में किया गया है. कुंभ, मीन, कर्क और सिंह में चंद्रमा हो तो भद्रा का वास मृत्यु लोक यानी पृथ्वी पर माना जाता है. इसके अलावा मेष, वृष, मिथुन ,वृश्चिक में चंद्रमा होने पर भद्रा का वास स्वर्ग लोक में होता है.

वहीं, कन्या, तुला और धनु में चंद्रमा होने पर भद्रा का वास पाताल लोक में माना जाता है. ऐसे में भद्रा अगर पाताल लोक में हो या स्वर्ग लोक में यह काफी शुभ फलदायी माना जाता है. ऐसे में 11 अगस्त 2022 को भद्रा पाताल लोक में है जिसके चलते आप बिना किसी दिक्कत के 11 अगस्त को रक्षा बंधन का त्योहार मना सकते हैं और सुबह 10 बजकर 37 मिनट के बाद भाइयों को रक्षा सूत्र बांध सकते हैं. भद्रा के पाताल लोक में होने के कारण वह आपको किसी भी तरह का कष्ट नहीं देगी.

भद्रा का रक्षाबंधन से बहुत गहरा नाता है, पौराणिक कथा के अनुसार भद्रा काल में लंका नरेश रावण की बहन ने उसे राखी बांधी थी जिसके बाद रावण को इसका अशुभ परिणाम भुगतना पड़़ा था, रावण की लंका का नाश हो गया था.

रक्षाबंधन के लिए प्रदोष काल का मुहूर्त- 11 अगस्त 2022 रात 08.52 से 09.14 तक है तथा 12 अगस्त की सुबह 5.30 से 7.17 बजे तक है.यदि फिर भी आपके मन में भद्रा को लेकर संशय है तो आप इस मुहूर्त में रक्षा बंधन मना सकते हैं.

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डॉ0 गौरव कुमार दीक्षित ज्योतिषाचार्य

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