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Makar Sankranti: मकर संक्रान्ति का किस राशि पर क्या पड़ेगा असर, कब है पुण्यकाल और कितने बजे करें दान
मकर संक्रांति का महत्व. 14 जनवरी 2022 को मकर संक्रांति प्रारम्भ, आइए जानते है। किस राशि वालो को क्या फल देगी मकर संक्रांति, तथा देशभर में इसी दिन से खरमास समाप्त हो जाएगा और शुभ कार्यों का शुभारंभ हो जाएगा।
14 जनवरी 2022 से मकरसंक्रांति प्रारम्भ सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने पर मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाता है। इस साल मकर संक्रांति की शुरुआत मृगशिरा नक्षत्र में हो रही है। मृगशिरा नक्षत्र शुभ माना जाता है। इस नक्षत्र में दान-धर्म के कार्य और पूजन-पाठ करना शुभ फलदायी होता है।
सूर्य देव 14 जनवरी 2022को रात्रि 08 बजकर 58 मिनट पर अपने पुत्र शनि की स्वामित्व वाली मकर राशि में आ रहे हैं। सूर्य 14 फरवरी 2022 तक मकर राशि मकर राशि में ही रहेंगे।
मकर संक्रांति विशेष:-
मकर संक्रांति की तिथि को लेकर अगर आप भ्रमित हैं तो इस लेख को ध्यान से पढ़ें
मकर संक्रांति इस वर्ष 14 जनवरी 2022 से प्रारम्भ होगी यह जान लें कि मकर संक्रांति तब शुरू होती है जब सूर्य देव राशि परिवर्तन कर मकर राशि में पहुंचते हैं। इस बार सूर्य देव 14 जनवरी की रात्रि 08 बजकर 58 मिनट पर गोचर कर रहें हैं।
ज्योतिष के अनुसार सूर्य अस्त से पहले यदि मकर राशि में सूर्य प्रवेश करते हैं, तो इसी दिन पुण्यकाल रहेगा।
मकर संक्रांति मुहूर्त:-
मकर संक्रांति का विशेष पुण्यकाल मुहूर्त:- इस बार पुण्यकाल 14 जनवरी 2022 को रात्रि 08 बजकर 58 मिनट से, रात्रि 10 बजकर 36 मिनट तक रहेगा, विशेष पुण्यकाल की समय अवधि 01 घण्टा 38 मिनट रहेगी,, सामान्य पुण्य काल दूसरे दिन अर्थात, 15 जनवरी 2022 को दोपहर 12 बजकर 58 मिनट तक रहेगा ऐसे में मकर संक्रांति 14 जनवरी तथा 15 जनवरी दोनों दिनों मनाई जाएगी, इस दिन स्नान, दान, जाप पाठ पूजा इत्यादि कर सकते हैं।
किश राशि वालो को क्या फल देगी मकरसंक्रांति आइए देखते है:-
मेष राशि:- इष्ट सिद्धि. मेष राशि के जातकों को अहंकार और विवाद की स्थिति से बचना होगा। ऐसा नहीं करने पर पद और धन के मामले में नुकसान उठाना पड़ सकता है। मेष राशि के जातकों को अपने खर्चों पर काबू करना होगा, धर्म पूजा पाठ से लाभ मिलेगा।
वृष राशि:- धर्म लाभ प्राप्त होगा वृष राशि के लोगों के मामले में भ्रम की स्थिति बन सकती है। इस वजह से अहम फैसले लेने में कठिनाई आ सकती है। यदि धर्म करेंगे लाभ अच्छा प्राप्त होगा,
मिथुन राशि:- कष्ट की स्थिति, मिथुन राशि के जातकों को बातचीत के दौरान संयम बरतने की जरूरत है। इसके अलावा वाणी दोष की स्थिति से बचने की भी कोशिश करें। ऐसा नहीं करने पर रिश्तों पर असर पड़ सकता है। आप संक्रांति के समय को विशेष सावधानी से निकाले,
कर्क राशि:- सम्मान प्राप्त होगा, कर्क राशि के जातकों के प्रतिद्वंदी सक्रिय रहेंगे. दफ्तर में आपकी उपलब्धियों को अच्छा आंका जा सकता है। आप को अपने दफ्तर में पूर्ण सम्मान प्राप्त होगा, बॉस को खुश रखें। अपने काम में कोई कमी नहीं आने दें।
सिंह राशि:- भय रहेगा, सिंह राशि के जातकों को नौकरी और बिजनेस में आगे बढ़ने के अच्छे मौके मिल सकते हैं, लेकिन कुछ ना कुछ भय रहेगा, धन लाभ की स्थिति बनी हुई है। इन्वेस्टमेंट से भी लाभ हासिल हो सकता है। आपके काम की तारीफ होगी। आपकी पद-प्रतिष्ठा में बढोतरी की स्थिति बन सकती है।
कन्या राशि:- ज्ञान वृद्धि, कन्या राशि के लोगों को इस मकर संक्रांति गैरजरूरी खर्चों से राहत मिलने की उम्मीद है। बचत की दिशा में कुछ बड़े कदम उठा सकते हैं। आप के वुद्धि विवेक के द्वारा आप को विशेष लाभ प्राप्त होगा, अपने परिजनों से मधुर संबंध बनाने की कोशिश करें।
तुला राशि:- कलह हो सकता है। तुला राशि के जातकों को अपने लक्ष्य को हासिल करने में चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। लेकिन आपको धीरज खोने की जरूरत नहीं है। आपको अपने किशी विशेष मित्र या घर परिवार में शान्ति बनाए रखना है, नही तो कलह उत्तपन्य हो सकता है। अहंकार से दूर रहें और किसी से मीठी बोली बोलें।
वृश्चिक राशि:- लाभ प्राप्त होगा, वृश्चिक राशि के लोगों को लाभ प्राप्ति के योग अच्छे दिख रहे है। अपनो से विशेष लाभ प्राप्त होगा, आप दूसरों की सलाह भी तभी लें जब बहुत जरूर हो। आंख बंद कर किसी पर भरोसा करना घातक साबित हो सकता है। धन के मामले में आपको लाभ प्राप्त होगा, अपनी पूंजी का इस्तेमाल सोच समझ कर ही करें।
धनु राशि:- संतोष होगा, धनु राशि के जातकों आलस का त्याग करना होगा। आपको अच्छे मौके हासिल हो सकते हैं। लेकिन इसके लिए खुद को और सतर्क रखना होगा। नए लोगों से मिलने जुलने का योग है। दान-पुण्य के कार्यों में आपकी दिलचस्पी बढ़ेगी।
मकर राशि:- धन लाभ प्राप्त होगा, मकर राशि के लोगों को उनकी मेहनत का फल हासिल होगा। मन प्रसन्न बना रहेगा। प्रमोशन की स्थिति बनी हुई है। ऑफिस में दिए गए काम को समय पर पूरा करने का प्रयास करें। अतिरिक्त जिम्मेदारियों से घबराएं की जरूरत नहीं है।
कुम्भ राशि:- हानि विशेष सावधान रहें तन धन हानि हो सकती है। कुम्भ राशि के जातकों को मकर संक्रांति पर सेहत के मामले में किसी भी तरह की लापरवाही महंगी पड़ सकती है। परिवार पर ध्यान देना होगा। व्यस्तताएं बढ़ सकती हैं। धन की कमी के कारण बड़े काम प्रभावित हो सकते हैं। लेकिन धैर्य बनाए रखने की जरूरत है। दोस्तों का सहयोग मिलेगा।
मीन राशि:- विशेष लाभ प्राप्त होगा, मीन राशि के लोगों को वाहन चलाते समय सावधानी बरतने की जरूरत है। व्यापार के क्षेत्र में विशेष लाभ प्राप्त होगा, लेनदेन के मामले में भी हिसाब किताब को ठीक रखने की जरूरत। पार्टनर से लाभ प्राप्त हो सकता हैं। नए काम की योजना बना सकते हैं।
शुक्रवार 14 जनवरी को मकर संक्रांति है। सूर्य के उत्तरायण का दिन। शुभ कार्यों की शुरुआत। इस दिन नदियों में स्नान और दान का बहुत महत्व बताया गया है। इस दिन से देश में दिन बड़े और रातें छोटी हो जाती हैं। शीत ऋतु का प्रभाव कम होने लगता है। मकर संक्रांति का पौराणिक महत्व भी खूब है। मान्यता है कि सूर्य अपने पुत्र शनि के घर जाते हैं। भगवान विष्णु ने असुरों का संहार भी इसी दिन किया था। महाभारत युद्ध में भीष्म पितामह ने प्राण त्यागने के लिए सूर्य के उत्तरायण होने तक प्रतीक्षा की थी।
मकर संक्रांति भारतवर्ष का एक बड़ा ही प्रसिद्ध त्यौहार है जो अलग-अलग राज्यों में भिन्न-भिन्न नामों से जाना और मनाया जाता है। इस त्यौहार का मुख्य उद्देश्य ज़रूरतमंद लोगों को भिन्न-भिन्न वस्तुओं का दान करना, सूर्य की उपासना करना होता है। जब सूर्य देव अपने गोचर भ्रमण के दौरान मकर राशि में प्रवेश करते हैं उस दिन मकर संक्रांति के त्योहार के रूप में जाना और मनाया जाता है। सामान्यतय यह दिन 14 जनवरी को ही आता है।
मकर संक्रांति 2022: शुभ मुहूर्त:-
14 जनवरी, 2022 (शक्रवार)
मकर संक्रान्ति मुहूर्त:-
विशेष पुण्य काल मुहूर्त:- रात्रि 08 बजकर 58 मिनट से, रात्रि 10 बजकर 36 मिनट तक,
अवधि: 01 घंटे 38 मिनट तक विशेष
पुण्य काल मुहूर्त है।
मकर संक्रांत:-
संक्रांत का वाहन बाघ है।।
उपवन घोड़ा है।।
ईश् इस वर्ष संक्रांत ने पीला वस्त्र परिधान किया है।। केसर का तिलक लगाया है।। खीर भक्षण कर रही है ।।हाथ में शस्त्र गदा।है ।
संक्रांत उत्तर से आकर दक्षिण जा रही है।। पौष मास के शुक्ल पक्ष में संक्रांत आने से समाज में उत्साह का वातावरण रहेगा।। मांगलिक कार्य बहुत होंगे,
दान में नए बर्तन पीतल, स्टील, इत्यादि।। लोकर का वस्त्र, गर्म कपड़े भी , हल्दी, नारियल, चीनी ,चावल, शक्करका दान कर सकते हैं।।
दूध , घी, चावल, शक्कर ,मोती ,चांदी ,सफेद चीज महंगी होगी।।
केसर चंदन हल्दी तुवर दाल चना दाल यह महंगे होंगे।।
सोना,गरम मसाला,चाय,तंबाकू यह महंगे होंगे।।
राजकीय स्थिरता रहेगी राजकीय वर्ग में कलह रहेगी।।
विद्वानों का सत्कार होगा।।
मकर संक्रांति पर दान का महत्व:-
मकर संक्रांति पर विशेषतौर पर दान क्यों दिया जाता है? इसके पीछे कारण यह है कि मकर राशि के स्वामी शनि देव हैं जो सूर्य को अपना शत्रु मानते हैं। जबकि सूर्य देव शनि को अपना शत्रु नहीं मानते हैं। सूर्य के मकर राशि में प्रवेश होने से शनि प्रभावित होते हैं जिसका सीधा-उल्टा असर जनजीवन पर अवश्य ही पड़ता है। जिन लोगों की कुंडली में शनिदेव की स्थिति अच्छी होती है उनको इसका असर कम देखने को मिलता है,लेकिन इसके विपरीत जिन लोगों की कुंडली में शनि कमज़ोर या दुर्बल स्थिती में होते हैं उनको इसके दुष्परिणाम कार्य घातक दिखाई देते हैं। गरीब एवं मजदूर वर्ग को शनि का कारक माना जाता है जिस वजह से सूर्य एवं शनि से संबंधित वस्तुएं जैसे गुड़, रेवड़ी, खिचड़ी, बाजरा, मूंगफली, कपड़े, कंबल आदि वस्तुओं का दान करना बेहद शुभ और फलदायी होता है। मकर संक्रांति पर इन वस्तुओं का दान करने से सूर्य एवं शनि के शुभ परिणाम प्राप्त किए जा सके लेकिन इस दिन के दान में खिचड़ी का विशेष महत्व माना जाता है क्योंकि खिचड़ी बाजरा, मूंग ,उड़द एवं चावल की बनाई जाती है।
मकर संक्रांति पर खिचड़ी दान का महत्व:-
उड़द- शनि का कारक होते हैं।
मूंग- बुध का कारक होते हैं।
बाजरा- राहु/केतु के कारक होते हैं।
चावल- शुक्र एवं चंद्रमा के कारक होते हैं।
उड़द एवं बाजरे के दान से शनि-राहु के दुष्परिणामों को कम किया जा सकता है। राहु सदैव शनि के इशारों पर कार्य करता है। कुंडली में शनि का कमजोर होना सीधे राहु को प्रभावित करता है और कमजोर राहु सदैव चकमा देकर दुर्घटना कर देता है। इसलिए खिचड़ी में बाजरा व उड़द का होना शनि-राहु के दुष्परिणामों से बचाने में मदद करता है। साथ ही यदि शनि के मित्र ग्रह बुध एवं शुक्र को बलवान किया जाए तो इसका सीधा-सीधा असर शनि के शुभ परिणामों में मिलता है। इसलिए खिचड़ी में मूंग व चावल भी मिलाया जाता है ताकि शनि के मित्र ग्रहों को बलवान बनाकर शनि को शुभ बनाया जा सके।
मकर संक्रांति पर सूर्य-शनि युति का प्रभाव:-
इस वर्ष मकर संक्रांति पर शनि देव पहले से ही मकर राशि में गोचर कर रहे हैं। साथ ही 14 जनवरी को सूर्य देव का मकर राशि में गोचर से सूर्य-शनि की युति बन रही है जिससे आगे आने वाला समय अधिक संघर्षशील हो सकता है।
इस बार मकर संक्रांति पर सूर्य-शनि से संबंधित वस्तुओं जैसे: गुड, मूंगफली, रेवड़ी, खिचड़ी, कंबल आदि गरीब एवं मजदूर वर्ग के लोगों में जरूर दान करें ताकि सूर्य शनि की युक्ति के दुष्परिणामों से बचा जा सके।
कौन कौन से मंन्त्र या स्त्रोत पढ़े:-
दोस्तो मकर सक्रांति के दिन, सूर्य एवम शनि के बीज मंन्त्र, आदित्य ह्रदयं स्त्रोत, राम रक्षा स्त्रोत, हनुमान चालीसा , गायत्रि मंन्त्र आदि का स्त्रोत करना शुभ फलदायी रहेगा।।
दोस्तो चूंकि इस बार सूर्य और शनि महाराज साथ मे है तो इस सक्रांति को दिप दान का विशेष महत्व रहेगा,
जिन लोगो को नॉकरी या बिज़नेस में दिक्कतें आ रही है वह लोग पीपल के पेड़ के नीचे सरसो के तेल का दिया अवश्य करे, साथ साथ जिन लोगो की कुंडली मे शनि ग्रह निर्बल या अस्त हो या शनि की छोटी पनोती या साढ़े साती हो वो लोग अवश्य इस उपाय को करे और पितृओ का तर्पण भी इस दिन करना विशेष महत्व रखेगा:-
किसी भी प्रकार की समस्या समाधान के लिए आचार्य पं. श्रीकान्त पटैरिया (ज्योतिष विशेषज्ञ) जी से सीधे संपर्क करें = 9131366453