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निर्जला एकादशी : साल की सबसे बड़ी एकादशी आज, 3 राशियों पर होगी भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की खास कृपा
Nirjala Ekadashi 2024: भक्त और श्रद्धालु सभी मनोकामनाओं को पूरा करने वाले और अभीष्ट फल देने वाले निर्जला एकादशी व्रत को आज 18 जून, 2024 को पूरे भक्ति भाव से कर रहे हैं। इस व्रत का समापन पारण साथ के कल सुबह होगा। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार यह साल की सबसे बड़ी एकादशी है, जिसे करने से सभी एकादशियों का फल एक साथ प्राप्त होता है। स्वाति और विशाखा नक्षत्र में पड़ रहे ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की यह एकादशी त्रिपुष्कर योग में मनाई जाएगी। भगवान विष्णु को समर्पित इस एकादशी को करने वाले व्रती पर मां लक्ष्मी की भी कृपा बरसेगी। घर धन-धान्य और सुख-सुविधाओं से भरा रहेगा।
पांडव एकादशी भी कहते हैं इसे
पौराणिक कथा के अनुसार, अपने जीवन शुचिता और शुभता में वृद्धि के लिए इस एकादशी को भीम के अलावा बाकि सभी पाण्डव भाई और द्रौपदी पूरी श्रद्धा और भक्ति से किया करते थे। इसलिए इसे ‘पांडव एकादशी’ भी कहते हैं। वहीं, भीम अपनी खानपान की आदत से उपवास नहीं कर पाते थे, लेकिन महर्षि व्यास के कहने पर भीम भी इस एकादशी को करने लगे थे। इसी कारण इसे ‘भीम एकादशी’ या ‘भीमसेनी एकादशी’ भी कहते हैं।
3 राशियों पर भगवान विष्णु और लक्ष्मीजी की खास कृपा
वृषभ राशि:
भगवान विष्णु और लक्ष्मीजी की कृपा से आपको भाग्य का पूरा साथ मिलेगा। आने वाले दिनों में अप्रत्याशित सफलता मिल सकती है। अटके हुए काम पूरे होंगे। आर्थिक उन्नति होने से रहन-सहन का स्तर ऊंचा होगा। सामाजिक प्रतिष्ठा में बढ़ोतरी होगी। व्यापार और कार्यक्षेत्र में खूब प्रगति और लाभ होगा। जीवन संतुष्टिदायक रहेगा।
सिंह राशि:
आपके जीवन में शुभता बढ़ेगी। उचित कर्मों के फल से जीवन के हर क्षेत्र में प्रगति होगी। सफलता के साथ धन लाभ होगा। घर परिवार के मसले सुलझ जाएंगे। विरोधियों की हार होगी। नौकरी में भी नए अवसर प्राप्त होंगे। व्यापारिक योजनाएं सफल होंगी। प्रतिस्पर्धी मुंह की खाएंगे। घर-परिवार में आपसी सामंजस्य बना रहेगा। स्वास्थ्य उत्तम रहेगा।
धनु राशि:
आपके जीवन में धार्मिकता और आध्यात्मिकता की वृद्धि होगी। नकारात्मक विचारों से मुक्ति मिलेगी, मन शांत रहेगा। नौकरीपेशा लोगों के लिए नए मौके सामने आएंगे। आय के नए स्त्रोत खुलेंगे। आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। घर में सुख-सुविधाओं के बढ़ने से पारिवारिक खुशियां बढ़ेंगी। रिश्तों में भी खुशियां और मधुरता बनी रहेगी। संतान सुख उत्तम रहेगा।