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चंद्र ग्रहण के समय गर्भवती महिलाएं रखें विशेष ध्यान
सावन महिना के शुरु होने से पहले ही ग्रहण का लगना शुभ संकेत नही है। तो इस बार 16 जुलाई को है। यह चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई देगा तो साथ में इस दिन गुरु पूर्णिमा भी है। कहा जाता है कि जब चंद्रग्रहण लगता है तो लगने से पहले ही यानि नौ घंटे पहले सूतक शुरू हो जाएगा। धार्मिक मान्यताओं के आधार पर कहा जाता है कि जब सूतक लग जाये तो कुछ काम नही करे, यदि व्यक्ति सुतक मे कोई काम करता है तो वो अमंगलकारी साबित होता है। ग्रहण जिसका वैज्ञानिक नज़रिए से भले ही कोई ज्यादा फर्क ना पड़ता हो लेकिन ज्योतिष के नज़रिए से देखें तो ग्रहण से केवल प्रकृति ही नहीं बल्कि इंसानी जिंदगी पर भी प्रभाव डालता है। जब-जब ग्रहण होते हैं तो वातावरण में कुछ न कुछ हलचल ज़रूर होती है ।
जब ग्रहण के दौरान सूतक लगना शुरु हो जाय और ग्रहण समाप्त होने तक भगवान की मूर्ति को नहीं छूना चाहिए और ग्रहण में घर के मंदिरों के कपाट बंद कर देना चाहिए। क्योंकि ग्रहण के दौरान भगवान पर बुरा असर पड़ता है। जो महिलायों गर्भवती है उनको ग्रहण के दौरान ना तो ग्रहण देखना चाहिए और ना ही घर के बाहर निकलना चाहिए। जो स्त्री-पुरुष को शारीरिक संबंध बनाते है उनको ऐसा नही करना चाहिए। क्योंकि शारीरिक संबंध बनाने से गर्भधारण में संतान पर बुरा असर पड़ता है।
कहा जाता है कि सूतक लगने पर और ग्रहण के दौरान सबसे ज्यादा नकारात्मक शक्तियां हावी रहती हैं। उस दौरान सूनसान या श्मशान में नहीं जाना चाहिए। कोई अच्छा कार्य करना चाहते है तो ग्रहण के समय ऐसा नही करे,ग्रहण में किया गया कोई भी शुभ कार्य सफल नहीं होता। ग्रहण के दौरान बाल और नाखून काटने नही काटे, इसके अलावा न तो कुछ खाना चाहिए और न ही खाना बनाना चाहिए।