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भारत हिन्दु प्रधान देश है। यहां कई देवी देवताओं की पूजा की जाती है। हनुमान जी को चोला चढ़ाया जाता है। हनुमानजी को सिंदूर का चोला चढ़ाने के पीछे उनकी प्रसन्नता प्राप्त करना ही मुख्य उद्देश्य होता है लेकिन असल में सिंदूर और तेल का चोला चढ़ाने से मूर्ति का स्पर्श होता है तथा इससे सकारात्मक उर्जा प्राप्त होती है। हनुमान जी कलयुग के अवतार है जो थोड़ी सी पूजा से शीघ्र प्रसन्न हो जाते है। हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए बहुत से उपाय साधनाये है जिनमे से एक है चोला चढ़ाना। हनुमान जी को चोला चढ़ाने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है ।
सामग्री- हनुमान जी वाला सिंदूर ,गाय का घी या चमेली का तेल ,कुंकुम और चावल ( तिलक करने के लिए),एक गुलाब की माला, शुद्ध ताजा पानी गंगाजल मिला हुआ (स्न्नान कराने के लिए),माली पन्ना(चमकीला कागज होता है ), धुप व दीप ,हनुमान चालीसा।
विधि - हनुमान जी को चोला सिर्फ उसी मूर्ति पर चढ़ाया जाता है जो सिंदूरी रंग की हो इसलिये सबसे पहले ऐसा मंदिर देखे जिसमे सिंदूरी रंग की मूर्ति स्थापित हो। मंदिर में पहुँचने पर हनुमान जी को प्रणाम करें। अगर हनुमान जी की मूर्ति पर पहले से कोई चोला चढ़ा हुआ हो तो उसे उतारे फिर स्नान कराये। इसके बाद सिंदूर को गाय के घी या चमेली के तेल में घोले मूर्ति के साइज अनुसार । घोल तैयार होने पर हनुमान के पैर से सिंदूर लगाना शुरू करे "ॐ हनुमन्तये नमः" मन्त्र का जाप करते हुए इसी प्रकार ऊपर बढ़ते हुए पूरी मूर्ति पर सिंदूर लगाये। सिंदूर लगने के बाद मूर्ति पर माली पन्ना चिपकाये पैर और हाथों पर , फिर धुप दीप जलाये कुंकुम चावल से तिलक करें, गुलाब की माला पहनाये ये सब कार्य पूर्ण होने पर 11 बार हनुमान चालीसा का पाठ करे, पाठ पूर्ण होने पर हनुमान से जो प्रार्थना करनी है करे और आज्ञा लेकर घर आ जाये इस प्रकार विधि विधान से चोला चढ़ाने की विधि पूर्ण होती है।
1.स्त्री चोला नही चढ़ा सकती और ना ही चोला चढ़ाते समय कोई भी स्त्री हनुमान जी को देख सकती है इसलिए कोई भी स्त्री वहाँ ना हो । इस बात का विशेष ध्यान रखे।
2.सिंदूर हमेशा सवा के हिसाब से लाये जैसे सवा पाव ,सवा किलो।
3. हनुमान जी को चोला चढ़ाते समय लाल या पीले रंग के वस्त्र धारण करे।
4.जिस पर शनिदेव जी की दशा चल रही हो ढैया या साढ़े सती उनके लिए चोला चढ़ाना अत्यंत लाभकारी है।
5.पुराना जो चोला उतारते है उसे पानी में प्रवाहित कर दे।
6.संकट या रोग दोष दूर करने के लिए चोला शनिवार को चढ़ाये और घर की सुख शांति के लिए मंगलवार को चढ़ाये । संकट, रोग दोष, और शांति के लिए चढ़ा रहे है तो पहले किसी भक्त या साधक से सम्पर्क करले यदि भक्ति भाव से चढ़ा रहे है तो किसी से बात करने की आवश्यकता नही है।
7. मूर्ति पर सिंदूर लगाते समय हमारी श्वास मूर्ति पर ना लगे इसके लिए मुख पर कोई कपड़ा रख ले।