
थोड़ी देर में लगेगा साल का सबसे लंबा सूर्य ग्रहण, भूलकर भी न करें ये काम!

साल 2020 का पहला सूर्य ग्रहण अब से कुछ देर बाद लगने जा रहा है. इस सूर्य ग्रहण को कई मायनों में खास बताया जा रहा है. यह एक वलयाकार सूर्य ग्रहण होगा, जिसमें सूर्य किसी चमकीले छल्ले की तरह नजर आता है. इस दौरान सूर्य का करीब 99 प्रतिशत हिस्सा चंद्रमा की छाया में छिप जाता है. ग्रहण 9.15 से शुरू होकर 03.04 को खत्म होगा. ग्रहण काल की अवधि 26 दिसंबर 2019 को लगे सूर्य ग्रहण की तरह ही काफी लंबी होगी.
1. ग्रहण के समय भोजन आदि नहीं करना चाहिए और जल का भी सेवन नहीं करना चाहिए. ग्रहण से पहले ही जिस पात्र में पीने का पानी रखते हों उसमें कुशा और तुलसी के कुछ पत्ते डाल देने चाहिए. कुशा और तुलसी में ग्रहण के समय पर्यावरण में फैल रहे जीवाणुओं को संग्रहित करने की अद्भुत शक्ति होती है.
2. ग्रहण के समय गर्भवती महिलाओं को ग्रहण की छाया आदि से विशेष रूप से बचना चाहिए. क्योंकि ग्रहण की छाया का कुप्रभाव गर्भस्थ शिशु पर पड़ने का डर रहता है. इसके अलावा बुजुर्ग और पीड़ित व्यक्ति को भी बाहर जाने से परहेज करना चाहिए.
3. ग्रहण के समय देव पूजा को भी निषिद्ध बताया गया है. इसी कारण अनेक मंदिरों के कपाट ग्रहण के समय बंद कर दिए जाते हैं. ग्रहण के 12 घंटे से पूर्व ही सूतक लगने के कारण मंदिरों के पट भी बंद कर दिये जाते है.
4. सूतक काल लगने के बाद उपासना या देव दर्शन करना वर्जित माना जाता है. साथ ही इस ग्रहण काल की अवधि में लोगों को देवी-देवताओं की मूर्ति को स्पर्श करने से बचना चाहिए.
5. ग्रहण के समय कभी बाल और नाखून न कटवाएं, इस समय कोई सिलाई-कढ़ाई का काम न करें. ये अशुभ माना जाता है. इस दौरान नुकीली चीजों जैसे छुरी, कांटा या सुई का इस्तेमाल ना करें.
6. ग्रहण के दौरान किसी नए व शुभ कार्य की शुरुआत करने से बचें. असफलता हाथ लग सकती है. साथ ही ग्रहण के समय कभी भी पति-पत्नी को शारीरिक संबंध नहीं बनाना चाहिए.
7. ग्रहण काल के वक्त मांस या मदिरा पान का सेवन भी नहीं करना चाहिए. ग्रहण काल की अवधि में नींद लेने से भी बचना चाहिए.
यदि घर में रात का खाना बचा रह गया है तो उसे फेंकने की बजाय उसमें तुलसी का पत्ता डालकर रखें. ग्रहण काल में खाने-पकाने से परहेज करें. यदि किसी चीज का सेवन कर भी रहे हैं तो उसमें तुलसी का पत्ता अवश्य डालें.