धर्म-कर्म

गंगा दशहरा का पर्व ज्येष्ठ मास की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाएगा

Shiv Kumar Mishra
28 May 2023 3:21 PM IST
गंगा दशहरा का पर्व ज्येष्ठ मास की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाएगा
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गंगा दशहरा का पर्व ज्येष्ठ मास की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाएगा। 30 मई,मंगलवार को गंगा दशहरा है। इस दिन 10 का विशेष महत्व है, क्योंकि यह दिन 10 प्रकार के पापों का नाश करता है। इस दिन 10 पंडितों को 10 तरह के दान दिए जाते हैं।

इस 10 संयोगों के साथ गंगा में 10 डुबकी लगाएं। इस दिन अगर आप 10 चीज़ें दान करते हैं तो अत्यंत शुभ फल मिलता है। मां गंगा की पूजा में जिस भी सामग्री का उपयोग करें उसकी संख्या दस ही होनी चाहिए। जैसे 10 दीये, 10 तरह के फूल, 10 दस तरह के फल आदि। स्नान के बाद अपनी श्रद्धा अनुसार गरीबों में दान-पुण्य करें।

माँ गंगा का 10 दिव्य योग की साक्षी में पृथ्वी पर अवतरण हुआ था। वह योग- ज्येष्ठ मास, शुक्ल पक्ष, दशमी तिथि, बुधवार का दिन, हस्त नक्षत्र, व्यतिपात योग, गर करण, आनंद योग, कन्या राशि का चंद्रमा व वृषभ राशि का सूर्य को दश महायोग कहा गया है। गंगा दशहरा के दिन गंगा माता का पूजन पितरों को तारने तथा पुत्र, पौत्र व मनोवांछित फल प्रदान करने वाला माना गया है। ऐसा करने से मनुष्य को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।

शास्त्रों के अनुसार गंगा अवतरण के इस पावन दिन गंगा जी में स्नान एवं पूजन-उपवास करने वाला व्यक्ति दस प्रकार के पापों से छूट जाता है। 10 प्रमुख पाप इस प्रकार हैं। 3 प्रकार के दैहिक, 4 वाणी के द्वारा किए हुए एवं 3 मानसिक पाप, ये सभी गंगा दशहरा के दिन पतितपावनी गंगा स्नान से धुल जाते हैं।

गंगा दशहरे के दिन श्रद्धालुजन जिस भी वस्तु का दान करें, उनकी संख्या 10 होनी चाहिए और जिस वस्तु से भी पूजन करें, उनकी संख्या भी दस ही होनी चाहिए, ऐसा करने से शुभ फलों में वृद्धि होती है। दक्षिणा भी 10 ब्राह्मणों को देनी चाहिए।जल, अन्न, फल, वस्त्र, पूजन व सुहाग सामग्री, घी, नमक, तेल, शक्कर और स्वर्ण, जब गंगा नदी में स्नान करें, तब 10 बार डुबकी लगानी चाहिए। गंगा में स्नान करते समय स्वयं श्री नारायण द्वारा बताए गए मंत्र- 'ॐ नमो गंगायै विश्वरूपिण्यै नारायण्यै नमो नमः' का स्मरण करने से व्यक्ति को परम पुण्य की प्राप्ति होती है।

गंगा गंगेति यो ब्रूयात, योजनानाम् शतैरपि। मुच्यते सर्वपापेभ्यो, विष्णुलोके स गच्छति. - गंगा जी को मोक्षदायिनी माना जाता है. कहते हैं जो गंगा दशहरा पर गंगा जी में स्नान कर लेता है उसपर शिव जी सदा मेहरबान रहते हैं. इस मंत्र के साथ गंगा स्नान करने वालों को मृत्यु के बाद यमलोक की यातनाएं नहीं सहनी पड़ती.


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Shiv Kumar Mishra

Shiv Kumar Mishra

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