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Karva Chauth Special : इन 5 कामों के बिना अधूरा है करवा चौथ , जानें कौन से हैं यह काम
करवा चौथ उत्तर भारतीय महिलाओ के लिए बहुत महत्वपूर्ण त्यौहार हैं . ये त्यौहार सिर्फ धार्मिक कामों और मान्यताओं के लिए ही नहीं बल्कि पति-पत्नी के आपसी प्रेम और समर्पण का त्यौहार है .
ये हैं वह 5 ख़ास काम
1 . बाहु को सरगी देना बेहद जरूरी
ससुराल से मिलनी वाली सरगी करवा चौथ के व्रत का सबसे जरूरी हिस्सा होती है . बता दें की व्रत शुरू होने से पहले हर सास अपनी बहु को कुछ मिठाइयां , कपड़े और श्रृंगार का समान देती है .
2 . बेटी के लिए बाया भेजतीं हैं माँ
बता दें की जिस तरह सास अपनी बहु को सरगी भेजती है ठीक उसी तरह ये रस्म माँ और बेटी के बीच की है . हर करवा चौथ पर शाम को चौथ माता की पूजा होने से पहले माँ अपनी बेटी के घर कुछ मिठाइयां , कपड़े और ड्राई फ्रूट्स भेजतीं हैं .
3. कथा सुनना भी है जरूरी है
करवा चौथ में जितना महत्व व्रत और पूजा का है उतना महत्व चौथ माता की कथा सुनना भी है . हालांकि बिना कथा सुने आपका इस व्रत को रखने का कोई फायदा नहीं है. इस त्योहार में जितना जरूरी व्रत और पूजा करना होता है, उतना ही जरूरी कथा सुनना भी होता है. इसलिए सभी महिलाओं को एकचित्त होकर कथा सुननी चाहिए और अगर कथा नहीं सुननी है तो व्रत से भी परहेज करना चाहिए.
4. करवा चौथ के गीत भी गाएँ
करवा चौथ की पूजा के लिए आस-पास की सभी महिलाएं एक जगह मिलकर व्रत कथा सुनती हैं और पूजा करती हैं. ऐसे में पूजा के समय ही करवा चौथ के गीत और भजन गाए जाते हैं, इनमें हिस्सा लेना भी कथा सुनने के जितना ही महत्वपूर्ण है. ऐसा करने से वातावरण शुद्ध होता है और पूजा का पूरा फल प्राप्त होता है .
5 . लाल साड़ी या लहंगा ही पहनें
ये तो सभी जानते हैं कि करवा चौथ का व्रत महिलाओं के वैवाहिक जीवन से जुड़ा होता है. इसलिए ये कहा जाता है कि महिलाओं को इस दिन अपनी शादी का जोड़ा पहनना चाहिए. अगर किसी के पास शादी का जोड़ा नहीं है तो उसे लाल रंग की साड़ी या लहंगा पहनना चाहिए. असल में मान्यताओं के मुताबिक लाल रंग को प्रेम का प्रतीक माना जाता है. करवा चौथ के दिन जितना ज्यादा से ज्यादा हो सके इसी रंग का प्रयोग करना चाहिए.