

सोलह आवश्यक दीप :
एक दीप गणपति, कृष्ण, हनुमान, राम, शारदा, भवानी, शिव धाम का जलाइए
एक दीप चंद्र, सूर्य, तारिका, नक्षत्र, ग्रह, पंचतत्व और ब्रह्म नाम का जलाइए
एक दीप मीरा, सूर, मीर, तुलसी, कबीर, ग़ालिब, बिहारी, मति राम का जलाइए
एक दीप माँ पिता के, गुरुओं-बुजुर्गों के, पितरों के चरणों के धाम का जलाइए
एक दीप अशफ़ाक़, आज़ाद, भगत, बोस, गाँधी औ' तिलक, जी की आग का जलाइए
एक दीप हाड़ा रानी, सरोजिनी, पद्मिनी, मणिकर्णिका के भी त्याग का जलाइए
एक दीप कहरवा, दादरा की थाप और सा, रे, ग, म, प, ध, नि के राग का जलाइए
एक दीप सिंह, काग, वानर, वराहदेव, कश्यप, उलूक, शेषनाग का जलाइए
एक दीप नीलगिरि, सांभर, सिरोही और विंध्याचल, हिमाला की शान का जलाइए
एक दीप गंगा, कोसी, ब्रह्मपुत्र, सोन, सिंध, गोमती, गोदावरी के मान का जलाइए
एक दीप सतपुड़ा, कान्हा, बांदीपुर, गिर, वृन्दावन, राजाजी उद्यान का जलाइए
एक दीप गेहूँ, जूट, केसर, मखाना, ईख, आलू, सरसों, कपास, धान का जलाइए
एक दीप नचिकेता, सोमनाथ, मानिकशॉ, विक्रम, हमीद, हेम राज का जलाइए
एक दीप खजुराहो, क़ुतुब, हवा महल, लाल किला, साँची, लेह, ताज का जलाइए
एक दीप कथकली, गरबा, घूमर, छऊ, कुचीपुड़ी, गिद्धा, के भी साज का जलाइए
एक दीप बीते हुए कल, आने वाले कल और बीत रहे इस आज का जलाइए
- प्रबुद्ध सौरभ