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हर सुहागिन महिला को करवा चौथ व्रत का बेसब्री से इंतजार रहता है। हिंदू धर्म में करवा चौथ व्रत का विशेष महत्व है। इस साल करवा चौथ पर रोहिणी नक्षत्र का शुभ संयोग बन रहा है। जिसके कारण इस व्रत का महत्व और बढ़ रहा है। करवा चौथ व्रत निर्जला रखा जाता है। रात को चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद व्रत खोला जाता है। मान्यता है कि इस व्रत को करने से पति को लंबी और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।
रोहिणी नक्षत्र कब होगा शुरू-
करवा चौथ के दिन कृत्तिका नक्षत्र शाम 06 बजकर 41 मिनट तक रहेगा। इसके बाद रोहिणी नक्षत्र लगेगा, जो कि 14 अक्टूबर को सुबह 01 बजकर 09 मिनट तक रहेगा। इस दिन चंद्रमा वृषभ राशि और सूर्य कन्या राशि में विराजमान रहेंगे।
रोहिणी नक्षत्र का महत्व-
सत्ताइस नक्षत्रों में आठवां नक्षत्र है पुष्य। सभी नक्षत्रों में इस नक्षत्र को सबसे अच्छा माना जाता है। रोहिणी नक्षत्र चंद्रमा का पसंदीदा नक्षत्र है क्योंकि यह यहां सबसे लंबे समय तक रहता है। करवा चौथ के दिन रोहिणी नक्षत्र में चंद्रदेव को अर्घ्य देने से जीवन में संपन्नता व खुशहाली आने की मान्यता है।