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आज और कल है वसंत पंचमी, जानें कब है श्रेष्ठ, बन रहा है ये विशेष संयोग
वसंत पंचमी के ही दिन हर साल मां सरस्वती को भी पूजा जाता है। कई स्कूलों और शिक्षण संस्थानों में मां सरस्वती की प्रतिमा बैठाई जाती है और पूजा की जाती है। छात्र और छात्राएं सरस्वती पूजा के दिन सुबह-सुबह नहा-धोकर मां सरस्वती की पूजा करते हैं और फिर प्रसाद ग्रहण करते हैं।
इस वर्ष वसंत पंचमी को लेकर पंचाग भेद भी है। इसलिए कुछ जगहों पर ये पर्व 29 और कई जगह 30 जनवरी को मनेगा। विष्णुलोक के संस्थापक ज्योतिषविद विष्णु शर्मा और अधिकांश ज्योतिषविदों का मानना है कि उदयतिथि ही पूर्ण कालिक तिथि मानी जाती है। पंडित विष्णु शास्त्री के अनुसार, पंचमी तिथि बुधवार सुबह 10.46 से शुरू होगी, जो गुरुवार दोपहर 1.20 तक रहेगी। दोनों दिन पूर्वाह्न व्यापिनी तिथि रहेगी।
ज्योतिषविद विभोर इंदुसुत के अनुसार, शास्त्रोक्त दृष्टि से वसंत पंचमी का पूजन सूर्योदय के समय प्रात:काल में ही किया जाता है, इसलिए जिस दिन पंचमी तिथि सूर्योदय के समय उपस्थित होती है, उसी दिन वसंत पंचमी का महत्व होता है। 29 जनवरी को पंचमी तिथि सूर्योदय के समय उपस्थित नहीं होगी, बल्कि मध्याह्न पौने ग्यारह बजे शुरू होगी, जबकि 30 जनवरी को सूर्योदय के समय से ही पंचमी तिथि उपस्थित रहेगी, इसलिए 30 जनवरी को वसंत-पंचमी मान्य और शास्त्र सम्मत होगा।
बसंत पचंमी पूजा मुहूर्त-
पंचमी तिथि 29 जनवरी को सुबह 10.46 बजे लग चुकी है लेकिन सूर्योदय का समय न होने की वजह से बसंत पंचमी 30 जनवरी को मनाई जाएगी. पंचमी तिथि 29 जनवरी सुबह 10 बजकर 46 मिनट से लेकर 30 जनवरी को दोपहर 1 बजकर 18 मिनट तक रहेगी. इसलिए 30 जनवरी को सूर्योदय के बाद बसंत पंचमी की पूजा की जाएगी.
बसंत पंचमी पर बन रहा है ये विशेष संयोग
इस बार की बसंत पंचमी खास है क्योंकि इस दिन सिद्धि और सर्वार्थ सिद्धि योग जैसे दो शुभ मुहूर्त का संयोग बन रहा है. सिद्धि और सर्वार्थसिद्धि योग को विद्यारंभ, यज्ञोपवीत, विवाह जैसे संस्कारों और अन्य शुभ कार्यों के लिए श्रेष्ठ माना जाता है. बसंत पंचमी पर मां सरस्वती की आराधना के साथ ही विवाह के शुभ मुहूर्त भी रहेंगे.
इस बार बसंत पंचमी इसलिए भी श्रेष्ठ है क्योंकि सालों बाद ग्रह और नक्षत्रों की स्थिति इस दिन को और खास बना रही है. बसंत पंचमी के दिन 3 ग्रह खुद की ही राशि में रहेंगे. मंगल वृश्चिक में, बृहस्पति धनु में और शनि मकर राशि में रहेंगे. विवाह और अन्य शुभ कार्यों के लिए ये स्थिति बहुत ही शुभ मानी जाती है।