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Good Friday 2018: क्यों मनाया जाता है गुड फ्राइडे, जानें कुछ खास बातें
नई दिल्ली : ईसाई धर्म में 'गुड फ्राइडे' का विशेष महत्व है। गुड फ्राइडे हर साल अप्रैल या मई महीने में मनाया जाता है। माना जाता है गुड फ्राइडे एक ऐसा दिन है जब ईसाइयों के आराध्य प्रभु ईसा मसीह ने धरती पर बढ़ रहे पाप के लिए बलिदान हुए।
इस दिन ईसा मसीह ने उत्पीड़न और यातनाएं सहते हुए मानवता के लिए अपने प्राण त्याग दिए। गुड फ्राइडे को होली फ्राइडे, ब्लैक फ्राइडे या ग्रेट फ्राइडे भी कहते हैं। गुड फ्राइडे का यह त्योहर इस बार 30 मार्च को मनाया जा रहा है।
आज के दिन ईसाई धर्म को मानने वाले चर्च जाकर प्रभु यीशु को याद करते हैं। यह त्योहार पवित्र सप्ताह के दौरान मनाया जाता है, जो ईस्टर सन्डे से पहले पड़नेवाले शुक्रवार को आता है। गुड फ्राइडे को उपासना के लिए क्रूसीफिक्स तैयार किया गया।
ईसाई धर्म ग्रंथों के अनुसार जिस दिन ईसा मसीह ने प्राण त्यागे थे उस दिन शुक्रवार था और इसी की याद में 'गुड फ्राइडे' मनाया जाता हैं। लेकिन अपनी मौत के तीन दिन बाद ईसा मसीह पुन: जीवित हो उठे थे और उस दिन रविवार था। इस दिन को ईस्टर सण्डे कहते हैं।
ईसाई समाज में गुड फ्राइडे का खास स्थान हैं। इस दिन ईसा ने सलीब पर अपने प्राण त्यागे थे। निर्दोष होने के बावजूद जब उन्हें सलीब पर लटका कर मारने का दंड दिया गया तो उन्होंने सजा देने वालों को उलाहना नहीं दी, वरन् प्रार्थना करते हुए यह कहा कि 'हे ईश्वर इन्हें क्षमा कर, क्योंकि ये नहीं जानते कि ये क्या कर रहे हैं।
मौत से पहले यीशु को ढेरों यातनाएं दी गईं. उनके सिर पर कांटों का ताज रखा गया। इसके बाद यीशु को गोल गोथा नाम की जगह ले जाकर सलीब पर चढ़ा दिया गया। प्राण त्यागने से पहले यीशु ने कहा था, 'हे ईश्वर! मैं अपनी आत्मा को तेरे हाथों में सौंपत हूं।