धर्म-कर्म

जब श्रीगणेश ने दिया राजा वरेण्य को गीता का ज्ञान

Arun Mishra
20 Jan 2021 3:35 AM GMT
जब श्रीगणेश ने दिया राजा वरेण्य को गीता का ज्ञान
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यही अमृतोपदेश गणेश-गीता के नाम से विख्यात है

देवराज इंद्र समेत सारे देवी देवता, सिंदूरा दैत्य के अत्याचार से परेशान थे। जब ब्रह्मा जी से सिंदूरा से मुक्ति का उपाय पूछा गया तो उन्होने गणपति के पास जाने को कहा। सभी देवताओं ने गणपति से प्रार्थना की कि वह दैत्य सिंदूरा के अत्याचार से मुक्ति दिलायें।

देवताओं और ऋषियों की आराधना से भगवान गणेश प्रसन्न हुए और उन्होंने मां जगदंबा के घर गजानन रुप में अवतार लिया। इधर राजा वरेण्य की पत्नी पुष्पिका के घर भी एक बालक ने जन्म लिया। लेकिन प्रसव की पीड़ा से रानी मूर्छित हो गईं और उनके पुत्र को राक्षसी उठा ले गई। ठीक इसी समय भगवान शिव के गणों ने गजानन को रानी पुष्पिका के पास पहुंचा दिया। क्योंकि गणपति भगवान ने कभी राजा वरेण्य की भक्ति से प्रसन्न होकर उन्हें वरदान दिया था कि वह उनके यहां पुत्र रूप में जन्म लेंगे।

लेकिन जब रानी पुष्पिका की मूर्छा टूटी तो वो चतुर्भुज गजमुख गणपति के इस रूप को देखकर डर गईं। राजा वरेण्य के पास यह सूचना पहुंचाई गई कि ऐसा बालक पैदा होना राज्य के लिये अशुभ होगा। बस राजा वरेण्य ने उस बालक यानि गणपति को जंगल में छोड़ दिया। जंगल में इस शिशु के शरीर पर मिले शुभ लक्षणों को देखकर महर्षि पराशर उस बालक को आश्रम लाये।

यहीं पर पत्नी वत्सला और पराशर ऋषि ने गणपति का पालन पोषण किया। बाद में राजा वरेण्य को यह पता चला कि जिस बालक को उन्होने जंगल में छोड़ा था, वह कोई और नहीं बल्कि गणपति हैं। अपनी इसी गलती से हुए पश्चाताप के कारण वह भगवान गणपति से प्रार्थना करते हैं कि मैं अज्ञान के कारण आपके स्वरूप को पहचान नहीं सका इसलिये मुझे क्षमा करें। करुणामूर्ति गजानन पिता वरेण्य की प्रार्थना सुनकर बहुत प्रसन्न हुये और उन्होंने राजा को कृपापूर्वक अपने पूर्वजन्म के वरदान का स्मरण कराया।

भगवान् गजानन पिता वरेण्य से अपने स्वधाम-यात्रा की आज्ञा माँगी| स्वधाम-गमन की बात सुनकर राजा वरेण्य व्याकुल हो उठे अश्रुपूर्ण नेत्र और अत्यंत दीनता से प्रार्थना करते हुए बोले- 'कृपामय! मेरा अज्ञान दूरकर मुझे मुक्ति का मार्ग प्रदान करे।'

राजा वरेण्य की दीनता से प्रसन्न होकर भगवान् गजानन ने उन्हें ज्ञानोपदेश प्रदान किया| यही अमृतोपदेश गणेश-गीता के नाम से विख्यात है।

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