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क्यों की जाती है मंगलवार के दिन हनुमान जी की पूजा, पूजा के समय बरतें ये सावधानियां
कलयुग के देवता माने जाने वाले हनुमान जी की पूजा मंगलवार के दिन की जाती है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन की गई पूजा या व्रत से हनुमान जी प्रसन्न होते हैं और भक्तों की मनोकामना पूरी करते हैं लेकिन सवाल यह उठता है कि मंगलवार के दिन ही हनुमान जी पूजा-अर्चना क्यों की जाती है? मान्यताओं के अनुसार मंगलवार के दिन ही हनुमान जी का जन्म हुआ था और हनुमान जी को मंगल ग्रह का नियंत्रक भी माना जाता है. इस दिन हनुमान जी की उपासना करने से साहस, आत्मविश्वास और शक्ति की प्राप्ति होती है. मंगलवार की रात्रि में 100 बार हनुमान चालीसा का पाठ करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
तुलसी भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय मानी जाती है और उनके अवतारों को भी चढ़ाई जाती है. तुलसी चढ़ाने से श्री राम भी अत्यंत प्रसन्न होते हैं इसलिए हनुमान जी तो प्रसन्न होंगे ही. अगर नित्य प्रातः हनुमान जी को तुलसी जल अर्पित किया जाए तो जीवन भर अन्न का अभाव नहीं होगा.
महाभारत के युद्ध में हनुमान जी अर्जुन के रथ के ध्वज पर विराजमान थे और सारे युद्ध में उन्होंने पांडवों की रक्षा की. उन्हें विजय दिलाई. आयुरक्षा, मुकदमों तथा परीक्षा में विजय और संपत्ति की प्राप्ति के लिए हनुमान जी को मंगलवार को तिकोना ध्वज चढ़ाया जाता है. अगर बार-बार प्रयास करने पर भी मकान न बन पा रहा हो तो मंगलवार को हनुमान जी को एक तिकोना लाल ध्वज चढ़ाएं जिस पर 'राम' लिखा होना चाहिए.
भगवती सीता की प्रेरणा से अपने स्वामी राम को प्रसन्न करने के लिए हनुमान जी ने शरीर में ढेर सारा सिन्दूर लगा लिया था, तभी से हनुमान जी को सिन्दूर चढ़ाने की परंपरा शुरू हुई. हनुमान जी को सिन्दूर और चमेली का तेल चढ़ाने से रोगों और शारीरिक व्याधियों से मुक्ति मिलती है. ग्रहों की पीड़ा समाप्त होती है. महिलाओं को हनुमान जी को सिन्दूर नहीं चढ़ाना चाहिए. इसकी जगह पर लाल फूल चढ़ाना उत्तम होगा. मंगलवार को हनुमान जी के चरणों का सिन्दूर का तिलक कार्य के लिए निकलते समय लगाएं, इससे आपका हर कार्य सिद्ध होगा, साथ ही दुर्घटनाओं से बचे रहेंगे.
पूजा के समय बरतें ये सावधानियां
-अगर मंगलवार को उपवास रखते हैं तो इस दिन नमक न खायें
- अगर इस दिन मीठी वस्तु का दान करते हैं तो मीठी चीज खाने से परहेज करें.
- प्रयास करें कि इस दिन घर में मांस मदिरा का सेवन बिल्कुल न हो.
- मंगलवार के दिन हवन करना अनुकूल नहीं माना जाता, इसलिए इस दिन हवन न करें