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नवरात्रि में क्यों किया जाता है कन्या पूजन हिन्दू धर्म मे क्या है महत्व जानिए...
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अष्टमी या नवमी के दिन जो भक्त कन्या पूजन करते हैं, उन्हें माता को हलवा व चना के प्रसाद का भोग लगाना चाहिए. इस दिन कन्याओं को घर पर बुलाकर उनके पैरों को धुलाकर मंत्र द्वारा पंचोपचार पूजन करना चाहिए. रोली-तिलक लगाकर और कलावा बांधकर सभी कन्याओं को हलाव, पूरी, सब्जी और चने का प्रशाद परोसें.
इसके बाद उनसे आशीर्वाद लें और समार्थ्यनुसार कोई भेंट व दक्षिणा देकर विदा करना चाहिए. ऐसा करने से भक्त की सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं और सौभाग्य की प्राप्ति होती है. मां का यह रूप मोक्षदायी है इसलिए इनकी आराधना करने से असंभव कार्य भी संभव हो जाते हैं.
पहने गुलाबी रंग का वस्त्र
भक्तों को पूजा करते समय गुलाबी रंग के वस्त्र पहनना चाहिए। गुलाबी रंग प्रेम का प्रतीक है। एक परिवार को प्रेम के धागों से ही गूथकर रखा जा सकता हैं, इसलिए नवरात्र की अष्टमी को गुलाबी रंग पहनना शुभ माना जाता है।
मां महागौरी का प्रिय पुष्प
मां महागौरी को पूजा के दौरान सफेद या पीले रंग का पुष्प अर्पित करना चाहिए। ऐसे में पजा के दौरान मां दुर्गा को चमेली व केसर का फूल अर्पित किया जा सकता है।
मां का ध्यान मंत्र
या देवी सर्वभूतेषु माँ महागौरी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥