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INS विक्रमादित्य पोत पर लड़ाकू विमान की सफल लैंडिंग, अनोखे तकनीकी का किया प्रयोग,देंखे लैंडिंग पिक्चर

Sujeet Kumar Gupta
11 Jan 2020 10:37 AM GMT
INS विक्रमादित्य पोत पर लड़ाकू विमान की सफल लैंडिंग, अनोखे तकनीकी का किया प्रयोग,देंखे लैंडिंग पिक्चर
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पिछले साल सितंबर में तेजस ने विमान वाहक पोत पर अरेस्ट लैंडिंग की थी

नई दिल्ली। नौसेना के स्वदेशी हल्के लड़ाकू विमान तेजस ने विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रमादित्य पर सफल लैंडिंग करके इतिहास रचा है. भारतीय नौसेना ने यह जानकारी देते हुए बताया कि यह पहली बार है जब कोई स्वदेशी लड़ाकू विमान किसी विमानवाहक पोत पर उतरा है।

डीआरडीओ का कहना है कि शोर बेस्ड टेस्ट फैसिलिटी पर व्यापक परीक्षण पूरा करने के बाद एलसीए नेवी ने आईएनएस विक्रमादित्य पर आज सुबह 10:02 बजे सफलतापूर्वक अरेस्टिड लैंडिंग की। कमोडोर जयदीप मौलंकर ने मेडन लैंडिंग कराई।



इससे पहले पिछले साल सितंबर में तेजस ने विमान वाहक पोत पर अरेस्ट लैंडिंग की थी। सफल लैंडिंग के बाद वायुसेना ने ट्वीट कर कहा, 'इस उपलब्धि के साथ स्वदेशी विकसित तकनीकें जो डेक आधारित फाइटर ऑपरेशंस के लिए विशिष्ट साबित हुई हैं, वह अब भारतीय नौसेना के ट्विन इंजन डेक आधारित लड़ाकू विमान के विकास और निर्माण का मार्ग प्रशस्त करेंगी।'




डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (DRDO) द्वारा बनाया गया यह एयरक्राफ्ट अरेस्टर वायर की मदद से उतरा और डेक पर स्काई जंप टेक ऑफ की कला में महारत हासिल की है। नौसेना के साथ मिलकर एरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी इस लडाकू विमान को विकसित कर रही है।इस सफल लैंडिंग के बाद रूस, अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन और चीन के बाद भारत विमान वाहक पोत पर अरेस्टिड लैंडिंग कराने वाला छठा देश बन गया है।




जानिए अरेस्ट लैंडिंग के बारे में जानिए

अरेस्टिंग गियर की सहायता से किसी भी फाइटर प्लेन को छोटे रनवे जैसे विमानवाहक पोत पर आसानी से लैंड कराया जा सकता है। इस तकनीकी की सफल परीक्षण के बाद अब एलसीए तेजस के नेवल वर्जन को विक्रमादित्य विमानवाहक पोत पर तैनात किया जा सकेगा।

इसके अलावा एलसीए तेजस के नेवल वर्जन को भारत के अगले विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत पर भी तैनात किया जा सकेगा। भारत अमेरिका से शार्ट टेक ऑफ बट अरेस्ट रिकवरी ट्रूल्स को खरीदने का मन बना रहा है। इसे इस्तोबार या STOBAR भी बोला जाता है।

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