- होम
- राज्य+
- उत्तर प्रदेश
- अम्बेडकर नगर
- अमेठी
- अमरोहा
- औरैया
- बागपत
- बलरामपुर
- बस्ती
- चन्दौली
- गोंडा
- जालौन
- कन्नौज
- ललितपुर
- महराजगंज
- मऊ
- मिर्जापुर
- सन्त कबीर नगर
- शामली
- सिद्धार्थनगर
- सोनभद्र
- उन्नाव
- आगरा
- अलीगढ़
- आजमगढ़
- बांदा
- बहराइच
- बलिया
- बाराबंकी
- बरेली
- भदोही
- बिजनौर
- बदायूं
- बुलंदशहर
- चित्रकूट
- देवरिया
- एटा
- इटावा
- अयोध्या
- फर्रुखाबाद
- फतेहपुर
- फिरोजाबाद
- गाजियाबाद
- गाजीपुर
- गोरखपुर
- हमीरपुर
- हापुड़
- हरदोई
- हाथरस
- जौनपुर
- झांसी
- कानपुर
- कासगंज
- कौशाम्बी
- कुशीनगर
- लखीमपुर खीरी
- लखनऊ
- महोबा
- मैनपुरी
- मथुरा
- मेरठ
- मिर्जापुर
- मुरादाबाद
- मुज्जफरनगर
- नोएडा
- पीलीभीत
- प्रतापगढ़
- प्रयागराज
- रायबरेली
- रामपुर
- सहारनपुर
- संभल
- शाहजहांपुर
- श्रावस्ती
- सीतापुर
- सुल्तानपुर
- वाराणसी
- दिल्ली
- बिहार
- उत्तराखण्ड
- पंजाब
- राजस्थान
- हरियाणा
- मध्यप्रदेश
- झारखंड
- गुजरात
- जम्मू कश्मीर
- मणिपुर
- हिमाचल प्रदेश
- तमिलनाडु
- आंध्र प्रदेश
- तेलंगाना
- उडीसा
- अरुणाचल प्रदेश
- छत्तीसगढ़
- चेन्नई
- गोवा
- कर्नाटक
- महाराष्ट्र
- पश्चिम बंगाल
- उत्तर प्रदेश
- राष्ट्रीय+
- आर्थिक+
- मनोरंजन+
- खेलकूद
- स्वास्थ्य
- राजनीति
- नौकरी
- शिक्षा
15 साल के सचिन के नाक में बाउंसर लगने के बाद खून बह रहा था, फिर भी किया था पाकिस्तानी गेंदबाजों का डटकर मुकाबला!
15 साल के सचिन के नाक से बाउंसर लगने के बाद खून बह रहा था, फिर भी उन्होंने पाकिस्तानी गेंदबाजों का डटकर सामना किया। भारतीय टीम 1989-90 में पाकिस्तान के दौरे पर गई थी। वहां टीम इंडिया को 4 टेस्ट मैच और 4 वनडे मैच की सीरीज खेलनी थी। इसी दौरे पर सचिन तेंदुलकर ने भारत के लिए डेब्यू किया था। जब भारतीय टीम टेस्ट मैच खेलने सियालकोट पहुंची, तब विकेट पर एक से डेढ़ इंच घास छोड़ी गई थी। पाकिस्तानी कप्तान इमरान खान ने साफ कह दिया था कि अगर पिच की घास कटी तो गर्दन काट दी जाएगी। हमें हिंदुस्तानियों को किसी भी हाल में हराना है। उस दौर में इमरान खान अक्सर कहा करते थे कि कश्मीर का फैसला क्रिकेट के मैदान पर हो जाए। दरअसल उन्हें पाकिस्तान की तेज गेंदबाजी पर काफी घमंड था।
नवजोत सिंह सिद्धू ने बताया कि सियालकोट टेस्ट से पहले सचिन का बल्ला नहीं चला था। पाकिस्तान में हर तरफ कहा जा रहा था कि भेड़िए के सामने बच्चे को छोड़ दिया गया है। सियालकोट टेस्ट मैच में भारतीय टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 324 रन बनाए थे, जिसके जवाब में पाकिस्तानी टीम 250 रन ही बना सकी थी। सचिन ने भारत के लिए पहली पारी में 35 रन बनाए थे। सियालकोट टेस्ट के पांचवें दिन भारतीय टीम ने सिर्फ 25 रन पर 5 विकेट खो दिए थे। एक छोर पर खड़े नवजोत सिंह सिद्धू को लग रहा था कि हम लोग यह मैच हार चुके हैं। जल्दी ही सचिन भी आउट हो जाएंगे और फिर भारत चौथी पारी में गेंदबाजी के लिए उतरेगा।
नवजोत सिंह सिद्धू कहते हैं कि सचिन जब बल्लेबाजी करने उतरे, तब गेंदबाजी के लिए सामने वकार यूनिस थे। वकार अपने समय के सबसे बेरहम तेज गेंदबाज थे। वकार ने दूसरी ही गेंद पर सचिन को बाउंसर मारी और उन्होंने हुक कर गिया। पर गेंद इनसाइड एज लगकर सचिन की नाक पर जा लगी। नवजोत सिंह सिद्धू यह देखकर सिहर गए। सचिन की नाक से खून की धार गिरने लगी। डॉक्टर मैदान पर आए, नाक से खून पोछा गया। सचिन को मैदान से बाहर जाने की सलाह दी गई, लेकिन 15 साल सचिन ने दिलेरी से कहा मैं खेलूंगा।
नवजोत सिंह सिद्धू कहते हैं कि यह सुनकर मुझे यकीन नहीं हुआ। सचिन के नाक में खून सनी रूई लटक रही थी और वह बल्लेबाजी के लिए तैयार था। सिद्धू ने कहा, फिर मैंने सोचा जब 15 साल का बच्चा अपने देश के लिए लड़ने का हौसला रखता है तो फिर मैं क्यों नहीं ऐसा कर सकता हूं। सियालकोट टेस्ट के आखिरी दिन सचिन ने वसीम अकरम, वकार युनूस और इमरान खान का सीना ठोककर सामना किया। सचिन ने टीम इंडिया के लिए दूसरी पारी में 134 गेंद में 57 रनों की बेहतरीन पारी खेली। जब दूसरी पारी में भारत का स्कोर 7 विकेट के नुकसान पर 234 रन था, तब अंपायर ने ड्रॉ के तौर पर मैच खत्म होने की घोषणा की। इस पारी के बाद सचिन तेंदुलकर का नाम पूरे हिंदुस्तान में गर्व से लिया जाने लगा था। नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि समझ आ गया था, यह बच्चा आगे चलकर सबका बाप बनेगा।
Lekhanbaji