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Wrestler News: जगरेब ओपन में पहलवानों के खेलने पर लटकी तलवार!
नई दिल्ली। भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न और अनियमितताओं का आरोप लगाकर धरने पर बैठने वाले आठ नामी पहलवानों का जगरेब ओपन कुश्ती टूर्नामेंट में खेलना अधर में लटक गया है। यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (यूडब्लूडब्लू) का यह रैंकिंग टूर्नामेंट एक फरवरी से जगरेब (क्रोएशिया) में शुरू होना है, जिसके लिए 37 सदस्यीय मजबूत टीम घोषित की गई है। पहलवानों के आरोप के बाद कुश्ती संघ में मचे घमासान के बाद कुश्ती टीम का इस टूर्नामेंट में खेलना तय नहीं है।
महिलाओं का शिविर बंद, धरने पर बैठे पहलवानों की तैयारी नहीं
इस टूर्नामेंट के लिए पुरुष फ्रीस्टाइल और महिला टीम में रवि कुमार (61 किलोग्राम), बजरंग (65 किलोग्राम), जितेंदर कुमार (79 किलोग्राम), दीपक पूनिया (92 किलोग्राम), विनेश फोगाट (53 किलोग्राम), अंशु मलिक (57 किलोग्राम), सरिता (59 किलोग्राम), संगीता फोगाट (62 किलोग्राम) ऐसे पहलवान हैं जो कुश्ती संघ के खिलाफ धरने पर बैठे थे। महिला पहलवानों का लखनऊ का राष्ट्रीय शिविर पहले ही बंद कर दिया गया था। सोनीपत में पुरुषों का शिविर चल रहा है, लेकिन धरने पर बैठने वाले पहलवान इसमें शामिल नहीं हुए हैं।
कुश्ती संघ के खिलाफ 18 जनवरी को जब पहलवानों ने जंतर मंतर पर धरना दिया तो उसकी ओर से इस टूर्नामेंट के लिए पहलवानों का वीजा लगाने की कोशिशें चल रही थीं। धरने के बाद कुश्ती संघ के दफ्तर पर ताला लग गया, जिसके चलते टीम के किसी भी सदस्य का क्रोएशिया का वीजा नहीं लग पाया है। धरने के बाद टूर्नामेंट के लिए पहलवानों की तैयारियां भी नहीं हो पाई हैं। टीम को जगरेब के लिए 29 जनवरी को रवाना होना था और 31 जनवरी को ड्रॉ के लिए हाजिरी लगानी थी।
पेरिस ओलम्पिक के लिए यह टूर्नामेंट महत्वपूर्ण है। यह ओलम्पिक क्वालीफाइंग वर्ष है। यूडब्लूडब्लू ने इस साल चार रैंकिंग टूर्नामेंट रखे हैं। इन टूर्नामेंट में दिखाए गए प्रदर्शन के आधार पर पहलवानों को वरीयता क्रम मिलता है। ऊंचे वरीय पहलवानों को ओलम्पिक क्वालीफायर में निचले वरीय पहलवान के साथ खेलने का फायदा मिलता है। यही कारण है कि इस टूर्नामेंट में सभी नामी पहलवानों ने खेलने को हामी भरी थी, लेकिन धरने के बाद उत्पन्न हुई स्थितियों से इस टूर्नामेंट में टीम का खेलना सम्भव नहीं लग रहा है। खेल मंत्रालय की ओर से कुश्ती संघ में बिठाई गई पांच सदस्यीय समिति इस टूर्नामेंट में टीम भेजने की कोशिश कर सकती है, लेकिन पहलवानों के तैयारी में नहीं होने के कारण भी टीम भेजना मुश्किल होगा।
साभार
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