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Ishaan Kishan ने 2016 के जून में बिहार का सैंडिस कंपाउंड मैदान में रचा था इतिहास
जून का महीना था और साल था 2016...! जगह थी भागलपुर, बिहार का सैंडिस कंपाउंड मैदान। तब अंडर-19 टीम इंडिया के कैप्टन ईशान किशन बिजी शेड्यूल में से वक्त निकालकर अंगिका कप लेदर बॉल क्रिकेट टूर्नामेंट खेलने भागलपुर आए थे। उस 3 दिवसीय आयोजन में जिस तरीके से 18 साल के युवा ईशान ने सैंडिस कंपाउंड में तमाम दिग्गज गेंदबाजों को मारकर धागा खोला था, हर तरफ सिर्फ और सिर्फ इसी युवा खिलाड़ी के नाम की गूंज सुनाई पड़ रही थी। हर किसी की जुबान से यही निकल रहा था यह खिलाड़ी एक दिन जरूर भारत की तरफ से खेलेगा और पूरे बिहार का नाम दुनिया में ऊंचा करेगा। बड़े-बुजुर्ग ईशान के सर पर लगातार हाथ फेर रहे थे और उसके सुनहरे भविष्य की कामना कर रहे थे।
अक्सर जब खिलाड़ी थोड़ा बड़ा हो जाता है तो वह अपनी जड़ों को भूल जाता है। पर ईशान को भलीभांति एहसास था कि भारत के लिए अंडर-19 खेलने से पहले वह बिहार के तमाम जिलों में ऐसे ही मैदानों पर खेलकर प्रसिद्ध हुए हैं। अंगिका कप के दौरान ईशान सैंडिस कंपाउंड का हर कोना घूमे थे और अपनी पुरानी यादों को जिया था। आपको शायद पता नहीं होगा, 2003-2004 के सीजन में भारतीय क्रिकेट टीम के कैप्टन कूल कहे जाने वाले महेंद्र सिंह धोनी भी इसी सैंडिस कंपाउंड में कई लेदर बॉल मुकाबले खेलने आ चुके हैं। 2004 के जनवरी माह में लंबी जुल्फों वाले महेंद्र सिंह धोनी के लिए सैंडिस कंपाउंड में दीवानगी देखते बनती थी। माही खुद अपनी बाइक चलाकर दोस्तों के साथ रांची से निकलते थे और भागलपुर का सफर तय करते थे।
आपको बताते चलें कि इसी साल 2004 में 23 दिसंबर को महेंद्र सिंह धोनी ने चटगांव में भारत की तरफ से बांग्लादेश के खिलाफ डेब्यू वनडे मुकाबला खेला था। ऐसे में जब अंगिका कप के दौरान ईशान से पूछा गया था कि क्या आप सैंडिस कंपाउंड, भागलपुर में माही से भी लंबा छक्का मारेंगे? उस वक्त ईशान ने अपने जवाब से हर दिल जीत लिया था। उन्होंने कहा कि माही भाई सिर्फ एक हैं और उनकी तरह दूसरा कोई कभी नहीं आएगा। मैं उनकी तरह छक्का नहीं मार सकता। धोनी के प्रति ईशान की मोहब्बत और सम्मान कभी कम नहीं हुआ। करियर के पांचवें वनडे में पाकिस्तान के खिलाफ 148 रन बनाकर 24 वर्षीय महेंद्र सिंह धोनी ने टीम इंडिया में अपनी जगह पक्की कर ली थी। कुछ वैसा ही बांग्लादेश के खिलाफ अपने दसवें वनडे में 210 रन जड़कर 24 साल के ईशान किशन ने भी कर दिखाया है।
बिहार के लाल ईशान किशन ने अंगिका कप के दौरान कहा था कि बीसीए (बिहार क्रिकेट एसोसिएशन) को जल्द से जल्द मान्यता मिलनी चाहिए। बिहार में क्रिकेट का भविष्य यहां की मान्यता पर आधारित है। यदि बिहार के क्रिकेट को मान्यता मिल जाए तो यहां के प्रतिभाशाली किक्रेटर बाहर के राज्यों में पलायन नहीं करेंगे। उन्होंने कहा था कि बिहार में प्रतिभाशाली क्रिकेटरों की भरमार है। इसके बाद 21 मार्च, 2017 को बीसीसीआई ने बिहार क्रिकेट एसोसिएशन को मान्यता दे दी थी। ईशान किशन हमेशा से बिहार की तरफ से खेलते हुए देश का प्रतिनिधित्व करना चाहते थे लेकिन बिहार में जिस कदर खेल में राजनीति हावी है, ऐसे में उन्हें झारखंड पलायन करना पड़ा।
जिस तरीके से वनडे क्रिकेट में केवल 126 गेंदों पर फास्टेस्ट डबल सेंचुरी जड़कर ईशान किशन ने यूनिवर्स बॉस क्रिस गेल के 138 गेंदों में दोहरा शतक जड़ने का रिकॉर्ड तोड़ा है, वह बताता है कि यह तो सिर्फ शुरुआत है। Lekhanbaji को यकीन है कि अगर उसे लगातार इंडियन टीम में खेलने का अवसर दिया जाएगा तो बिहार के लाल का पूरा हर ख्वाब होगा। ईशान किशन इंडियन क्रिकेट का अगला नवाब होगा।
निश्चित ही साकार होगा वर्ल्ड कप जीत का मिशन
अगर टीम में शामिल होगा शेर दिल ईशान किशन ❤️
साभार Lekhanbaji