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Happy Birth Day Virat Kohali: कोहली ओए, वस्दे रवो, खैर होवे
विवेक शुक्ला
पश्चिम विहार के लिए विराट कोहली किंग कोहली नहीं बल्कि चीकू ही हैं। उनका आज 5 नवंबर को जन्म दिन है और वे अपनी जिंदगी के खास दिन साउथ अफ्रीका के खिलाफ वर्ल्ड कप का मैच खेलेंगे। उन्हें सारा स्टेडियम चीयर करेगा। इधर उनके अपने शहर और पुराने मोहल्ले के पुराने दोस्त और पड़ोसी भी याद करेंगे। उनका सारा बचपन पश्चिम विहार की एलआईसी कॉलोनी में गुजरा। इसमें एलआईसी के मुलाजिमों के घर हैं। दिल्ली की आपाधापी के बावजूद इधर अभी प्रेम और सामाजिकता बची हुई है। विराट कोहली की जीवनी ‘Driven- The Virat Kohli Story’ के लेखक विजय लोकापल्ली कहते हैं कि विराट कोहली के परिवार ने गुरुग्राम में शानदार कोठी बना ली है, पर वे अपने पिता के घर को अपने पास ही रखना चाहते हैं। विराट के परिवार ने यहां जी ब्लॉक में सन 2010 में घर लिया था। विराट कोहली के लिए H-9 नंबर के घर की सेंटिमेंटल वैल्यू है। इसी एड्रेस पर विराट कोहली के तमाम दोस्त और खत आएं हैं। यहां से उनके डैडी प्रेम कोहली उन्हें पहली बार बेट दिलवाने राजौरी गार्डन मार्केट लेकर गए थे।
विराट ज्वाला हेड़ी मार्केट से राजौरी गार्डन
अब विराट कोहली अपनी डाइट को लेकर बहुत सजग हो गए हैं। उन्हें लगता है कि अगर उन्होंने अपनी डाइट पर ध्यान नहीं दिया तो उनका क्रिकेट करियर समाप्त हो जाएगा। पर, इससे पहले के दौर में वे किसी भी मिडिल क्लास पंजाबी परिवार के नौजवान की तरह मस्त इंसान थे। पश्चिम विहार से अपने एरिया की ज्वालाहेड़ी मार्केट या राजौरी गार्डन मार्केट में छोले भटूरे खाने के लिए बार-बार लगातार जाया करते थे। छोले भटूरे और चाय के साथ गर्मागर्म समोसे के लिए वे घर से दूर तक चले जाते थे। विराट कोहली चाय के साथ समोसा तब से पसंद करने लगे जब वे फिरोजशाह कोटला में खेलने के लिए जाते थे। वहां पर तब ये ही सर्वसुलभ थे। विराट कोहली के करीबी कहते हैं कि स्टारडम से कोसों दूर बसती ही उनकी दुनिया। वो पश्चिम विहार में रहते हुए ही सुपर स्टाऱ बन गए थे । पर वो एलआईसी कॉलोनी के किसी अंकल जी या आंटी जी के चरण स्पर्श करने से कभी पीछे नहीं हटे। वे बिशन सिंह बेदी के भी सार्वजनिक रूप से चरण स्पर्श करते थे।
भाइयों में राम-लक्ष्मण जैसे संबंध
विराट कोहली ने अनुष्का शर्मा से शादी करने से पहले ही अपनी मम्मी, भाई- भाभी के साथ गुरुग्राम में शिफ्ट कर लिया था। वहां पर बनाया शानदार घर। हालांकि वे अब पत्नी और बेटी के साथ मुंबई में ही रहते हैं। दिल्ली में खेलने आते हैं तो होटल की बजाय अपने घर में ही रहते हैं। विराट के लिए उनकी मां सरोज जी और बड़े भाई विकास खास है। इन दोनों ने ही उनके डैडी की अकाल मौत के बाद घर को संभाला। विकास और विराट के संबंध राम-लक्ष्मण की तरह हैं। विराट के लिए बड़े भाई विकास ‘वीर जी ’ हैं। विकास ने विराट का पुत्रवत ध्यान रखा है। विराट के डैडी-मम्मी को एलआईसी कॉलोनी वाले याद करते हुए बताते हैं कि वे दोनों अष्टमी पर कंजक का आयोजन बहुत प्रेम से करते थे। प्रेम कोहली जी पंजाबी खत्रियों के खुखरायण समाज की गतिविथियों में बहुत सक्रिय रहते थे। ये बिरादरी पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के बेहड़ा शहर से दिल्ली आई थी। पश्चिम विहार में बेहड़ा वालों का बेहड़ा एनक्लेव भी है।
विराट कोहली अब देश की सरहदों को पार करके दुनिया का सबसे पसंदीदा क्रिकेटर हैं । वे क्रिकेट और ब्रांड की दुनिया के बादशाह हैं। विराट कोहली स्मार्ट और हैंडसम भी हैं। उन्हें सुपर फिट रहने का जुनून है। विराट कोहली ने अपना पहला एड कैम्पेन 2010 में किया था। फास्ट्रैक का ये कैम्पेन उन्होंने अभिनेत्री जिनिलिया डिसूजा के साथ किया था। वो डील थी सिर्फ 25 लाख रुपए की और आज जानकार कहते हैं कि कोहली 7 करोड़ रुपये रोज के हिसाब से लेते हैं, किसी ब्रांड के विज्ञापन के लिए। पर विराट कोहली मात्र पैसे कमाने के लिए ही किसी भी उत्पाद को प्रमोट नहीं करते हैं। विराट कोहली पेप्सी और रंग को गोरा बनाने वाली एक उत्पाद के प्रचार करने से मना कर दिया था। विराट कोहली मानते हैं कि ये उत्पाद जंक फूड और नस्लवाद को बढ़ावा देते हैं। वे मानते हैं कि वो सिर्फ उन्हीं उत्पादों का प्रचार करेंगें जिससे वह खुद को भावनात्मक रूप से जोड़ सकें, जिसका इस्तेमाल वह खुद भी कर सकें। उन्होंने पेप्सी का प्रचार किया भी था। उन्हें बाद में लगा कि वो ऐसे उत्पाद का सेवन करने के लिये नहीं कह सकते जो वह खुद नहीं लेते है। विराट गोरा बनाने का दावा करने वाली फेयरनेस क्रीम का भी विज्ञापन अब नहीं करते। वे मानते हैं कि किसी का सम्मान उसके गुणों और मेहनत के बल पर बढ़ता है न कि त्वचा के गोरेपन से। कह सकते हैं कि विराट अपने ब्रांड सेलेक्शन पर खासा ध्यान देते है।
कोहली के बायें हाथ पर एक योद्धा तलवार लेकर खड़ा दिखाई देता है। ये समुरई योद्धा है। इनका संबंध जापान से माना जाता है। समुरई योद्धाओं के संबंध में कहा जाता है कि ये अपने बॉस के प्रति गहरी निष्ठा रखते है। इनके जीवन में अनुशासन का बहुत मतलब है। विराट कोहली भी किसी समुरई योद्धा से कम तो नहीं हैं। वे मैदान रूपी जंग के मैदान में पूरे जोश और बैखौफ अँदाज के साथ उतरते और लड़ते हैं। अब विराट कोहली उस बुलंदी पर पहुंच गए हैं जहां पर विपक्षी टीमें भी उन्हें प्रेम और सम्मान देती हैं।