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अलीगढ़ में घर-घर गैस सिलेंडर पहुंचाने वाले के किसान के बेटे रिंकू सिंह ने रचा इतिहास, 5 गेंदों में 5 छक्के जड़कर कप्तान की पीठ पर हुआ सवार
कप्तान नीतीश राणा की पीठ पर सवार होकर मुस्कुराहट बिखेरता रिंकू सिंह 2 कमरों के छोटे से मकान में रहने वाला एक लड़का हुआ करता था। परिवार पालने के लिए उसने झाड़ू-पोछा तक मारा। वही रिंकू क्रिकेट इतिहास में अंतिम ओवर में लगातार 5 छक्के मारकर मुकाबला खत्म करने वाला दुनिया का पहला बल्लेबाज बन गया है। रिंकू को 2018 में कोलकाता नाइट राइडर्स ने 80 लाख में खरीदा। आईपीएल के हिसाब से यह बहुत कम कीमत थी लेकिन रिंकू का बयान आया कि मेरे खानदान में इतना पैसा कभी किसी ने नहीं देखा। रिंकू ने गुजरात के खिलाफ अंतिम ओवर में जो किया, उसके बाद समूची दुनिया कह रही है कि हमने कभी किसी क्रिकेट मैच में ऐसा कुछ नहीं देखा। रिंकू सिंह ने यश दयाल की गेंदबाजी पर लगातार 5 छक्के मार KKR को हारा मैच जिता दिया। KKR को जीत के लिए आखिरी ओवर में 29 रन चाहिए थे। गेंद यश दयाल के हाथ में थी। जबकि स्ट्राइक पर थे उमेश यादव। उमेश ने पहली गेंद पर सिंगल लिया, स्ट्राइक रिंकू को मिली।
ओवर की दूसरी गेंद... ऑफ स्टंप के बाहर फुलटॉस। रिंकू ने इसे वाइड लॉन्गऑफ के बाहर से छक्के के लिए भेज दिया। तीसरी गेंद, लेग स्टंप की ओर लोअर फुल टॉस... रिंकू ने इसे डीप बैकवर्ड स्क्वायर लेग बाउंड्री के बाहर आसमान में विदा कर दिया। चौथी गेंद, फिर से फुलटॉस... रिंकू ने इस पर लॉन्ग ऑफ के ऊपर से छह रन बटोर लिए.... अब आखिरी 2 गेंदों पर 10 रन चाहिए थे। मुकाबला देख रहे दर्शकों की धड़कन बढ़ रही थी। पांचवीं गेंद ऑफ स्टंप से बाहर शॉर्ट पिच डिलिवरी.... रिंकू ने इसे लॉन्ग ऑन बाउंड्री के बाहर भेज 6 रन और बटोर लिए। अब आखिरी गेंद पर 4 रन की जरूरत थी। ये गेंद भी ऑफ स्टंप के बाहर शॉर्ट पिच.... रिंकू ने पूरी ताकत से शॉट मारा... गेंद लॉन्गऑफ बाउंड्री के बाहर उड़ गई। कोलकाता ने आखिरी ओवर में मैच 3 विकेट से अपने नाम कर लिया।
रिंकू बेहद गरीब घर से आते हैं। उनके पिता घर-घर गैस सिलेंडर पहुंचाने का काम करते थे। और पूरा परिवार उसी सिलेंडर बांटने वाली एजेंसी से सटे दो कमरों वाले मकान में रहता था। अलीगढ़ स्टेडियम के पास रहने वाले इस परिवार के 5 बच्चों में रिंकू तीसरे नंबर पर हैं। रिंकू का एक बड़ा भाई ऑटोरिक्शा चलाता है, दूसरा एक कोचिंग सेंटर में काम करता है। 80 लाख में बिकने के बाद रिंकू सिंह ने बयान दिया था कि सोचा था 20 लाख में जाऊंगा। लेकिन मुझे 80 लाख मिल गए। पैसे मिलने के बाद सबके पहले मेरे दिमाग में ये आया कि मैं अपने भाई की शादी में योगदान दे पाऊंगा। और बहन की शादी के लिए भी पैसे बचा पाऊंगा। और एक अच्छे से घर में शिफ्ट हो जाऊंगा। मिडिल क्लास लड़के पैसे कमाने के बाद सबसे पहले परिवार का सोचते हैं। उन्हें लगता है कि अगर परिवार के लिए थोड़ा भी योगदान दे दिया, तो जिंदगी सफल हो गई।
दरअसल रिंकू ने इस दिन से पहले बहुत बुरे दिन देखे थे। इस ऑक्शन से 3 साल पहले उनके परिवार पर 5 लाख का कर्ज था। और इस परिवार की कमाई में ये पैसा वापस करना आसान नहीं था। नौवीं क्लास में फेल हो चुके रिंकू पढ़ाई में बहुत अच्छे नहीं थे। इसलिए उन्हें पता था कि उनकी किस्मत क्रिकेट से ही पलट सकती है। ऐसे में उन्होंने पूरा ध्यान इसी पर लगा दिया। रिंकू उस वक्त यूपी अंडर-19 टीम के लिए खेलते थे। और यहां से होने वाली सारी कमाई उन्होंने इस कर्ज को उतारने में लगाते थे। इस बारे में रिंकू ने कहा था,पापा और भैया महीने के 6-7 हजार ही कमा पाते थे। मेरा परिवार थोड़ा बड़ा है, इसलिए मेरे पास क्रिकेट पर फोकस करने के अलावा कोई दूसरा चारा नहीं था। जिंदगी में बहुत स्ट्रगल किया है।
रिंकू के परिवार का उन पर भरोसा तब बढ़ा, जब उन्हें दिल्ली के एक टूर्नामेंट में मैन ऑफ द सीरीज बनने पर एक मोटरसाइकिल मिली। अब पिताजी इस मोटरसाइकिल के जरिए सिलेंडर डिलिवर करने लगे। हालांकि हालात अब भी बहुत अच्छे नहीं थे। ऐसे में रिंकू ने अपने भाई से कुछ काम दिलाने को कहा। इस बारे में उन्होंने बताया था, वो मुझे जहां ले गए, वहां मुझसे साफ-सफाई और पोछा मारने का काम कराया गया। मैं घर लौटा तो अपनी मां से बोला कि मैं वहां दोबारा नहीं जाऊंगा। मुझे क्रिकेट में अपना भाग्य आजमाने दीजिए। IPL 2023 में रिंकू सिंह को 80 लाख में खरीदने के बाद कोलकाता की टीम हर साल उन्हें रिटेन करती है। आखिरकार रिंकू ने अपना जलवा दिखा ही दिया। कोलकाता को क्रिकेट इतिहास का सबसे रोमांचक मुकाबला जिता दिया। झाड़ू और पोछा मारने से शुरू हुआ संघर्ष अब रंग ला रहा है। मिडिल क्लास परिवार का लड़का दुनिया हिला रहा है।