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बचपन में रोहित गरीबी के कारण क्रिकेट छोड़ना चाहते थे, लेकिन मां ने बदल दिया पूरा खेल
बचपन में रोहित गरीबी के कारण क्रिकेट छोड़ना चाहते थे, उनकी मां ने उन्हें ऐसा करने से रोका। अगर ऐसा नहीं होता, तो हिंदुस्तान को रोहित जैसा खिलाड़ी कभी नहीं मिल पाता। रोहित शर्मा अपनी मां को भगवान से बढ़कर मानते हैं। तस्वीर में रोहित शर्मा की मां मृदुला शर्मा नजर आ रही हैं। वह विशाखापट्टनम, आंध्र प्रदेश की रहने वाली हैं। बचपन में हिटमैन के परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी, जिस कारण उन्हें पढाई और स्पोर्ट्स कोचिंग के लिए जगह-जगह भटकना पड़ा। नागपुर, महाराष्ट्र के रहने वाले रोहित के पिता एक ट्रांसपोर्ट कम्पनी में कार्यरत थे, जिनकी आय घर खर्च के लिए पर्याप्त नहीं होती थी। इसी कारण उन्होंने रोहित को उनके दादा जी के यहाँ मुंबई भेजने का निर्णय लिया।
रोहित के करियर के सामने गरीबी बहुत बड़ी चुनौती थी। पढाई के साथ-साथ क्रिकेट की कोचिंग के लिए रोहित के पास पैसे नहीं थे। कुछ समय तक रोहित ने खुद ही अपने खेल पर ध्यान दिया और टूटे बल्ले, पुरानी गेंद से ही मैदान में अभ्यास करना शुरू किया। एक दिन ऐसा भी आया, जब रोहत शर्मा ने थक-हारकर क्रिकेट छोड़ने का निश्चय कर लिया। वह हर मिडिल क्लास लड़के की तरह अपने सपनों को मारकर पिता का हाथ बंटाना चाहते थे। बाद में मां के कहने पर उन्होंने खेलना जारी रखा। बच्चे की क्रिकेट की ओर लगन को देख एक दिन उनके चाचा ने हिम्मत जुटा कर पास में ही क्रिकेट एकेडमी में बात की और वहां रोहित का एडमिशन करा दिया। शुरुआत में रोहित फीस भी बड़ी मुश्किल से दे पाते थे।
रोहित अपने करियर को एक ऑफ़ ब्रेक गेंदबाज के रूप में दिशा देना चाहते थे, जिस कारण वह क्रिकेट एकेडमी में आठवें नंबर पर बल्लेबाजी करने उतरते थे। उनके कोच दिनेश लाड ने रोहित की बल्लेबाजी की क्षमता पहचान ली। उन्होंने हिटमैन से गेंदबाजी से ज्यादा बल्लेबाजी पर ध्यान देने को कहा। तब जाकर रोहित को ओपनिंग का मौका दिया गया। उन्होंने पहले ही मैच में शतक जमाते हुए सभी का ध्यान अपनी ओर खींच लिया। आज रोहित ODI में 3 दोहरे शतक लगाने वाले विश्व के एकमात्र बल्लेबाज हैं। वनडे इंटरनेशनल में सर्वाधिक 264 रनों का स्कोर भी रोहित के नाम है। रोहित एक पारी में सबसे ज्यादा 16 छक्के लगाने वाले भारतीय क्रिकेटर हैं। हिटमैन अपनी सफलता का क्रेडिट मां को देते हैं। Lekhanbaji