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संजू सैमसन की भारतीय एकदिवसीय टीम में वापसी हो गई है। संभावना है कि वह भारत के लिए साल के अंत में होने वाला ODI वर्ल्ड कप भी खेलेंगे। दरअसल श्रेयस अय्यर की पीठ में जख्म गहरा है और इसके लिए उन्हें सर्जरी करानी होगी। सर्जरी लंदन में होगी। इस सर्जरी के बाद अय्यर को मैदान पर वापसी करने के लिए कम से कम 7 महीनों का इंतजार करना होगा। सड़क हादसे में घायल ऋषभ पंत भी फिलहाल वर्ल्ड कप में जगह बना पाने से काफी दूर नजर आ रहे हैं। ऐसे में टीम इंडिया को मिडिल ऑर्डर में एक आक्रामक बल्लेबाज की कमी खलेगी। इसी कमी को पूरा करने के लिए BCCI द्वारा व्हाइट बॉल क्रिकेट में संजू सैमसन की वापसी कराई जा रही है।
भारत की टीम में इन दिनों टेस्ट क्रिकेट में केएस भारत और सीमित ओवरों के मुकाबलों में विकेटकीपर बल्लेबाज ईशान किशन को मौके दिए गए, लेकिन वे दोनों इन सभी मौकों पर खरे नहीं उतर सके। ईशान किशन के वनडे में दोहरे शतक को छोड़ दें, तो उन्होंने टीम इंडिया के लिए पिछली 11 पारियों में एक भी अर्धशतक नहीं लगाया। न्यूजीलैंड के खिलाफ जनवरी, 2023 खेली गई 3 मैचों की वनडे सीरीज में ईशान किसी भी मैच में दहाई के आंकड़े को भी नहीं छू पाए। इसके बाद ईशान किशन को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज में शामिल किया गया लेकिन 1 भी मैच खेलने का अवसर नहीं दिया गया। वनडे सीरीज में भी सिर्फ 1 मैच में मौका देकर फिर बेंच पर बिठा दिया गया। सूर्यकुमार यादव ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उम्मीदों के अनुरूप प्रदर्शन नहीं कर सके।
केएस भरत ने बॉर्डर-गावस्कर टेस्ट सीरीज के 4 मुकाबलों की 6 पारियों में 20 की औसत से सिर्फ 101 रन बनाए। इस दौरान शतक तो छोड़िए, उन्होंने एक भी अर्धशतक नहीं लगाया। ईशान किशन निश्चित तौर पर एक शानदार विकेटकीपर बल्लेबाज हैं, लेकिन उनके साथ ही संजू सैमसन को भी अवसर मिलना चाहिए था। खासकर ऋषभ पंत के चोटिल होने के बाद सैमसन पहली पसंद होने चाहिए थे। संजू सैमसन के चयन को लेकर इंडियन टीम मैनेजमेंट ने जिस तरह का रूखा व्यवहार दिखाया, वह शर्मनाक था। ऐसा लग रहा था कि मैनेजमेंट ने सोच रखा हो, हम हार स्वीकार कर लेंगे लेकिन संजू सैमसन को टीम में मौका नहीं देंगे।
केएल राहुल बतौर बल्लेबाज इंडियन टीम मैनेजमेंट की पहली पसंद रहे हैं। ऋषभ पंत की अनुपस्थिति में संजू को ना चुनने के लिए राहुल से विकेटकीपिंग कराना भी अचरज भरा फैसला लगा। संजू सैमसन ने भारत के लिए 11 वनडे मैचों में 330 रन बनाए हैं, जिसमें 2 अर्धशतक शामिल हैं। इस दौरान संजू सैमसन का एवरेज 66 का रहा है और 86* उनका सर्वाधिक स्कोर रहा है। संजू सैमसन ने 17 टी-20 मैचों में 301 रन बनाए हैं। 77 रन उनके बल्ले से इस फॉर्मेट में बतौर सर्वाधिक स्कोर आए हैं। किसी भी क्रिकेटर के लिए टीम इंडिया से बाहर होना बहुत दर्दनाक होता है, क्योंकि इसके बाद दोबारा भारतीय टीम में वापसी करना बहुत मुश्किल होता है।
संजू ने अपने T-20 करियर में ओवरऑल 220 पारियों में 5617 रन बनाए हैं। इस दौरान उनके बल्ले से 458 चौके और 240 छक्के आए हैं। अगर लिस्ट ए करियर की बात करें, तो संजू सैमसन ने 108 पारियों में 3014 रन बनाए हैं। इस दौरान 212* रन बतौर सर्वाधिक स्कोर आए हैं। जिस तरह ऋषभ पंत के चोटिल होने के बावजूद संजू सैमसन को टीम से बाहर रखा जा रहा है, वह इस चैंपियन खिलाड़ी के साथ अन्याय है। अगर इसी तरह वाइट बॉल क्रिकेट में टीम बनाने को लेकर उतार-चढ़ाव चलता रहेगा, तो वर्ल्ड कप वाले साल में इंडियन टीम की मुश्किलों का सिलसिला थम नहीं पाएगा। हालांकि अब उम्मीद है कि संजू के आने के बाद वक्त बदल जाएगा। भारत हारे हुए मुकाबले भी सैमसन के बल्ले के जोर पर जीत पाएगा