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2003 वर्ल्ड कप में जब सचिन ने पाकिस्तानी शोएब अख्तर को पॉइंट के ऊपर से छक्का मारा था, तो उछल पड़े थे विराट!
2003 वर्ल्ड कप में जब सचिन ने पाकिस्तानी शोएब अख्तर को पॉइंट के ऊपर से छक्का मारा था, तब विराट उछल पड़े थे। विराट कोहली ने आगामी विश्व कप से पहले उस महामुकाबले की याद दिला दी। वह मैच आज भी लोगों के जेहन में ताजा है। तारीख थी 1 मार्च 2003 और सेंचुरियन में हिंदुस्तान के सामने पाकिस्तान था। पाकिस्तानी टीम ने टॉस जीत कर पहले बल्लेबाजी का निर्णय लिया। सलामी बल्लेबाज सईद अनवर ने शतक ठोक दिया। उन्होंने 7 चौकों की मदद से 126 गेंद पर 101 रनों की पारी खेली। पाकिस्तान को पहला झटका 11वें ओवर की पांचवीं गेंद पर लगा, जब तौफीक उमर को 22 के निजी स्कोर पर जहीर खान ने बोल्ड कर दिया। इसके बाद दूसरे छोर से विकेट गिरते रहे, लेकिन सईद अनवर ने खूंटा गाड़ दिया। पाकिस्तान के धाकड़ बल्लेबाज इंजमाम-उल-हक रन आउट हुए। आखिर में राशिद लतीफ ने तेज 29* रन बनाकर टीम का स्कोर निर्धारित 50 ओवर में 7 विकेट के नुकसान पर 273 तक पहुंचा दिया।
आज के हिसाब से उस वक्त के 273 रन 360 रनों के बराबर थे। पाकिस्तान के पास वसीम अकरम, शोएब अख्तर और वकार यूनिस की खतरनाक पेस तिकड़ी थी। पाकिस्तानी फैंस को लग रहा था कि हम पहली बार वर्ल्ड कप में टीम इंडिया पर भारी पड़ सकते हैं। पर सचिन और सहवाग की सलामी जोड़ी ने उल्टी गंगा बहा दी। शोएब अख्तर के दूसरे ओवर की अंतिम 3 गेंदों पर सचिन ने 14 रन बटोर लिए। चौथी आउटसाइड ऑफ गेंद को जब सचिन ने थर्डमैन स्टैंड में छक्के के लिए भेजा, उसी वक्त विराट कोहली की तरह तमाम इंडियन फैंस खुशी के मारे उछल पड़े थे। 5 ओवरों में ही भारतीय टीम का स्कोर 50 पार कर गया। हालांकि छठे ओवर में कप्तान वकार यूनिस ने लगातार दो गेंद पर दो विकेट लेकर खेल बदल दिया। चौथी गेंद पर सहवाग 21 रन बनाकर शॉर्ट कवर्स पर लपके गए। पांचवीं गेंद पर वकार यूनिस ने सौरव गांगुली के खिलाफ चाल चली। उन्होंने एक एक्स्ट्रा स्लिप फील्डर लगाकर दादा को इनस्विंगर डाल दी। सौरव पहली ही गेंद पर बगैर खाता खोले LBW आउट हो गए।
लगातार 2 झटकों के बाद अब भारतीय टीम संकट में थी। पर स्टेडियम में मौजूद पब्लिक और टीवी देख रहे दर्शक सचिन-सचिन का नारा लगा रहे थे। मानो उन्हें किसी के आउट होने से कोई फर्क ही नहीं पड़ रहा था। सचिन है, संभाल लेगा। सचिन ने तीसरे विकेट के लिए मोहम्मद कैफ के साथ 102 गेंद पर 102 रनों की साझेदारी बनाई। कैफ 60 गेंद पर 5 चौकों की मदद से 35 रन बनाकर शाहिद अफरीदी के 22वें ओवर की चौथी गेंद पर बोल्ड हो गए। कुछ लोग अक्सर सचिन पर धीमा खेलने का आरोप लगाते रहते हैं। उन्होंने शायद वर्ल्ड कप के इस मैच में सचिन के हाथों पाकिस्तान की कुटाई नहीं देखी। सचिन ने 75 गेंद पर 12 चौकों और 1 छक्के की मदद से 130 की स्ट्राइक रेट के साथ 98 रनों की पारी खेली थी। सचिन शतक जरूर चूक गए और 28वें ओवर की चौथी गेंद पर पवेलियन लौट गए, लेकिन उन्होंने जाने से पहले टीम इंडिया की जीत सुनिश्चित कर दी थी। अंत में युवराज सिंह और राहुल द्रविड़ ने मिलकर 99* रनों की पार्टनरशिप बनाई और भारत 26 गेंदे शेष रहते यह मुकाबला 6 विकेट से जीत गया।
वसीम अकरम, वकार यूनिस और शोएब अख्तर की तिकड़ी को उस जमाने में विश्व क्रिकेट का सर्वश्रेष्ठ तेज गेंदबाजी आक्रमण माना जाता था। उनके सामने 273 रन चेज करना बड़ी चुनौती थी। ऐसे में सचिन ने पहले ही ओवर से काउंटर अटैक शुरू कर दिया था। उन्होंने शोएब अख्तर की जैसी पिटाई की, अगले कुछ ओवरों के लिए पाकिस्तान को मजबूरन उन्हें गेंदबाजी आक्रमण से हटाना पड़ा। वसीम अकरम को पूरे मैच में कोई सफलता नहीं मिली। जबकि 2 विकेट हासिल करने वाले वकार यूनिस ने 8.4 ओवर में ही 71 रन दे दिए। शोएब अख्तर को 10 ओवर में 72 रन देकर 1 सफलता नसीब हुई। सचिन तेंदुलकर को मैन ऑफ द मैच का खिताब दिया गया। सचिन ने 2003 विश्व कप की 11 पारियों में 1 शतक और 6 अर्धशतकों के साथ सबसे ज्यादा 673 रन बनाए थे। हालांकि भारत फाइनल में हार गया था। पर 8 साल बाद 2011 में सचिन ने वर्ल्ड कप जीतने का ख्वाब साकार किया था। जब भी पाकिस्तान से मैच होता था, तब सचिन के मैदान पर रहते हुए हिंदुस्तान में पटाखे फूटते थे और आउट होने के बाद पाकिस्तान में। क्या आपको मास्टर ब्लास्टर की यह ऐतिहासिक पारी याद है?
साभार Lekhanbaji