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ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 3 वनडे मुकाबलों में खराब प्रदर्शन के बाद क्या IPL के मुकाबलों में खेल पाएंगे सूर्यकुमार
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 3 वनडे मुकाबलों में खराब प्रदर्शन के बाद सूर्यकुमार यादव के आईपीएल के पहले कुछ मुकाबलों में खेलने पर सस्पेंस है। कहा जा रहा है कि इस प्रदर्शन का उनपर गहरा असर पड़ा है। ऐसे में वह तुरंत IPL के फ्रेम ऑफ माइंड में नहीं आ पा रहे हैं। सोशल मीडिया पर जिस तरीके से सूर्यकुमार यादव को ट्रोल किया जा रहा है, कहीं ना कहीं उसका भी प्रभाव सूर्या के मनःस्थिति पर पड़ा है। खासकर सूर्य कुमार को शून्य कुमार बताना सूर्या को भीतर तक परेशान कर रहा है। जिस सूर्यकुमार यादव ने 2011-12 रणजी सीजन में सबसे ज्यादा रन बनाने के बावजूद अगले 10 वर्षों तक देश के लिए क्रिकेट खेलने का इंतजार किया, उनका हौसला इतनी जल्दी नहीं टूट सकता है।
सबको मालूम था कि अगर तीसरे वनडे में सूर्यकुमार यादव का बल्ला नहीं चलेगा, तो शायद उन्हें आगे ODI के लिए कंसीडर नहीं किया जाएगा। ऐसे में सूर्या को उनके निश्चित स्थान यानी चौथे नंबर पर ही बल्लेबाजी के लिए आना चाहिए था। अगर वहां उनका प्रदर्शन उम्मीदों के अनुरूप नहीं होता, तो फिर नीचे मुकाबला खत्म करने के लिए दूसरे बल्लेबाज मौजूद होते। यह तस्वीर तब की है जब सूर्यकुमार यादव चुपचाप बैठकर अपनी बल्लेबाजी की बारी का इंतजार कर रहे थे। उनके पहले केरल राहुल, अक्षर पटेल और हार्दिक पांड्या को बैटिंग के लिए भेजा गया। सूर्या को सातवें नंबर तक रोका गया। उनको बतौर फिनिशर मैदान पर भेजना समझ नहीं आया। वह भी तब जब इस बात का एहसास था था कि फिलहाल बल्लेबाज का कॉन्फिडेंस काफी लो है।
भारत का स्कोर 35.1 ओवर में 185 पर 5 विकेट था। यहां से भारत को जीत के लिए 89 गेंद पर 85 रनों की आवश्यकता थी। सूर्यकुमार यादव रहते, तो निश्चित तौर पर टीम इंडिया यह मुकाबला जीत जाती। ऐसे में सूर्या के पास पहले 2 वनडे मुकाबलों की नाकामी भुलाने का भरपूर मौका था। स्पिनर एस्टन एगर ने 91 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से लेंथ बॉल डाली। सूर्यकुमार यादव के शरीर का झुकाव लेग साइड की तरफ ज्यादा था। वह बैकफुट से गेंद को डिफेंड करना चाहते थे। सूर्यकुमार यादव बॉल बीट कर गए और उनके बल्ले का अंदरूनी किनारा विकेटों पर जा लगा। लगातार तीसरा गोल्डन डक...! किसी भी बल्लेबाज के लिए इससे ज्यादा दुखद और कुछ नहीं हो सकता। सूर्या के चेहरे पर निराशा की पराकाष्ठा नजर आ रही थी।
निराशाजनक प्रदर्शन के बाद सोशल मीडिया आज सूर्य कुमार को शून्य कुमार बता रहा है और उनका बचा-खुचा हौसला तोड़ने की भरपूर कोशिश कर रहा है। कुछ लोगों का वश चले तो सूर्यकुमार यादव आज संन्यास का ऐलान कर दें और फिर कभी क्रिकेट फील्ड पर नजर नहीं आएं। पर थोड़ा ठहरिए जनाब....! यह वही सूर्यकुमार यादव हैं , जिन्होंने 2011-12 के रणजी सीजन में सबसे ज्यादा रन बनाया था। फिर 10 वर्षों तक घरेलू क्रिकेट में रनों का अंबार लगाने के बावजूद सीधा 2021 में भारत के लिए डेब्यू करने का मौका पाया था। जब सूर्या 10 वर्षों का इंतजार कर सकते हैं, तो फिर हम उनकी फॉर्म में वापसी के लिए कुछ दिनों की प्रतीक्षा तो कर ही सकते हैं। तय मानिए कि सूर्या चैंपियन खिलाड़ी हैं और जल्दी ही फॉर्म में वापस आएंगे। फिर से एक दफा रनों का अंबार लगाएंगे।
तेरे गिरने में तेरी हार नहीं, तू आदमी है अवतार नहीं! सिर्फ 3 गेंद सूर्यकुमार यादव के करियर का निर्धारण नहीं कर सकती। यह सही है कि सूर्या लगातार 3 मुकाबलों में गोल्डन डक का शिकार हुए और भारत ऑस्ट्रेलिया के हाथों वनडे सीरीज 2-1 से हार गया। सूर्यकुमार यादव के प्रदर्शन को लेकर कप्तान रोहित शर्मा ने बयान दिया है कि उन्होंने सीरीज में केवल 3 गेंद खेली। ऐसी सीरीज किसी के साथ भी हो सकती है। हमने बीते कुछ वर्षों में देखा है कि सूर्यकुमार यादव स्पिन को बहुत शानदार तरीके से खेलते हैं। ऐसे में इस आधार पर सूर्या के पोटेंशियल का आकलन नहीं किया जाना चाहिए। यह सूर्यकुमार यादव के करियर का बुरा फेज है और वह इससे जरूर बाहर आएंगे।
सबको मालूम था कि अगर तीसरे वनडे में सूर्यकुमार यादव का बल्ला नहीं चलेगा, तो शायद उन्हें आगे ODI के लिए कंसीडर नहीं किया जाएगा। ऐसे में सूर्या को उनके निश्चित स्थान यानी चौथे नंबर पर ही बल्लेबाजी के लिए आना चाहिए था। अगर वहां उनका प्रदर्शन उम्मीदों के अनुरूप नहीं होता, तो फिर नीचे मुकाबला खत्म करने के लिए दूसरे बल्लेबाज मौजूद होते। यह तस्वीर तब की है जब सूर्यकुमार यादव चुपचाप बैठकर अपनी बल्लेबाजी की बारी का इंतजार कर रहे थे। उनके पहले केरल राहुल, अक्षर पटेल और हार्दिक पांड्या को बैटिंग के लिए भेजा गया। सूर्या को सातवें नंबर तक रोक कर बतौर फिनिशर मैदान पर भेजना समझ नहीं आया। वह भी तब जब इस बात का एहसास था था कि फिलहाल बल्लेबाज का कॉन्फिडेंस काफी लो है।
भारत का स्कोर 35.1 ओवर में 185 पर 5 विकेट था। यहां से भारत को जीत के लिए 89 गेंद पर 85 रनों की आवश्यकता थी। सूर्यकुमार यादव रहते, तो निश्चित तौर पर टीम इंडिया यह मुकाबला जीत जाती। ऐसे में सूर्या के पास पहले 2 वनडे मुकाबलों की नाकामी भुलाने का भरपूर मौका था। स्पिनर एस्टन एगर ने 91 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से लेंथ बॉल डाली। सूर्यकुमार यादव के शरीर का झुकाव लेग साइड की तरफ ज्यादा था। वह बैकफुट से गेंद को डिफेंड करना चाहते थे। सूर्यकुमार यादव बॉल बीट कर गए और उनके बल्ले का अंदरूनी किनारा विकेटों पर जा लगा। लगातार तीसरा गोल्डन डक...! किसी भी बल्लेबाज के लिए इससे ज्यादा दुखद और कुछ नहीं हो सकता। सूर्या के चेहरे पर निराशा की पराकाष्ठा नजर आ रही थी।
निराशाजनक प्रदर्शन के बाद सोशल मीडिया आज सूर्य कुमार को शून्य कुमार बता रहा है और उनका बचा-खुचा हौसला तोड़ने की भरपूर कोशिश कर रहा है। कुछ लोगों का वश चले तो सूर्यकुमार यादव आज संन्यास का ऐलान कर दें और फिर कभी क्रिकेट फील्ड पर नजर नहीं आएं। पर थोड़ा ठहरिए जनाब....! यह वही सूर्यकुमार यादव हैं , जिन्होंने 2011-12 के रणजी सीजन में सबसे ज्यादा रन बनाया था। फिर 10 वर्षों तक घरेलू क्रिकेट में रनों का अंबार लगाने के बावजूद सीधा 2021 में भारत के लिए डेब्यू करने का मौका पाया था। जब सूर्या 10 वर्षों का इंतजार कर सकते हैं, तो फिर हम उनकी फॉर्म में वापसी के लिए कुछ दिनों की प्रतीक्षा तो कर ही सकते हैं। तय मानिए कि सूर्या चैंपियन खिलाड़ी हैं और जल्दी ही फॉर्म में वापस आएंगे। फिर से एक दफा रनों का अंबार लगाएंगे।
साभार लेखनबाजी