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मैरी कॉम ने रिकॉर्ड छठी बार जीता विश्व चैंपियनशिप का खिताब, कहा- देश को समर्पित है ये जीत
भारत की दिग्गज खिलाड़ी एमसी मैरी कॉम (Mary Kom won world Championship record 6th time) ने शनिवार को आईबा महिला विश्व मुक्केबाजी चैम्पियनशिप के10वें संस्करण में 48 किलोग्राम भारवर्ग का खिताब अपने नाम कर लिया. मैरी कॉम ने फाइनल में यूक्रेन की हना ओखोटा को 5-0 से मात देते हुए स्वर्ण पदक अपने नाम किया. इसी के साथ मैरीकॉम छह वर्ल्ड चैंपियनशिप जीतने वाली दुनिया की पहली खिलाड़ी बन गई हैं.
इससे पहले मैरी कॉम ने साल 2002, 2005, 2006, 2008 और साल 2010 में विश्व चैंपियनशिप का खिताब अपनी झोली में डाला था. मैरी कॉम ने एक खिताब 45 किग्रा, तीन वर्ल्ड खिताब 46 किग्रा भार वर्ग और आखिरी दो खिताब 48 किग्रा वजन वर्ग मे जीता है. इसके अलावा साल 2001 में मैरी इसी भार वर्ग में उपविजेता रही थीं. और उन्होंने सिल्वर पदक जीता था. यही नहीं, मैरी विश्व चैंपियनशिप (महिला एवं पुरुष) में सबसे अधिक पदक भी जीतने वाली खिलाड़ी बन गए हैं. मैरी कॉम छह स्वर्ण और एक रजत जीत कर क्यूबा के फेलिक्स सेवोन (91 किलोग्राम भारवर्ग) की बराबरी की. फेलिक्स ने 1986 से 1999 के बीच छह स्वर्ण और एक रजत पदक जीता था.
A proud moment for Indian sports.
— Narendra Modi (@narendramodi) November 24, 2018
Congratulations to Mary Kom for winning a Gold in the Women's World Boxing Championships. The diligence with which she's pursued sports and excelled at the world stage is extremely inspiring. Her win is truly special. @MangteC
खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने ट्वीट किया कि- मैग्निफिसेंट मैरी! मैरीकॉम को महिला वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप के 48 kg वेट कटैगरी में गोल्ड जीतने पर बधाइयां. वह 6 वर्ल्ड चैंपियनशिप जीतने वाली पहली महिला बॉक्सर बनीं. एक अद्भुत ऐथलीट की शानदार उपलब्धि। यह हम सभी के लिए गौरवान्वित पल है.
रिकॉर्ड जीत के बाद मैरी कॉम बहुत ही भावुक हो गईं. इस चैंपियन खिलाड़ी ने आंसुओं के साथ कहा कि मैं भारत को स्वर्ण पदक के अलावा और कुछ नहीं दे सकती. साथ ही, उन्होंने रिकॉर्ड छठी बार चैंपियनशिप जीत के बाद ओलिंपिक खेलों में ज्यादा भार वर्ग में भाग लेने के संघर्ष और पीड़ा को भी बयां किया.
जहां मैरी कॉम का यह छठा विश्व चैंपियनशिप खिताब है, तो वहीं विश्व चैंपियनशिप में उन्होंने कुल आठवां पदक अपने नाम किया. निश्चित ही, मैरी कॉम की इस खिताबी जीत उन्हें ओलंपिक खेलों की तैयारी करने में और भरोसा देगी.