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चंडीगढ़
19 साल पहले बसपा सुप्रीमो और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने अपने मेंटर कांशी राम के नाना के गांव पीरथीपुर बंगा में उनके स्मारक की स्थापना की। लेकिन अब कांशी राम की बहन स्वर्ण कौर ही उन्हें वहां आने नहीं देतीं है।
स्मारक की देखरेख कर रही स्वर्ण कौर 15 मार्च को अपने भाई की 82वीं सालगिरह पर दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल का स्वागत करेंगी। इसी दिन मायावती इस गांव से करीब 50 किलोमीटर दूर नवा शहर में एक रैली को संबोधित करेंगी। लेकिन इस स्मारक पर नही आ पायेगी। 2017 में पंजाब में विधानसभा चुनाव होने हैं और पंजाब में करीब 32 फीसदी दलित जनसंख्या और बीएसपी के संस्थापक एवं दलित आइकन कांशी राम पर फोकस किया जा रहा है।
मेरी दुश्मन नंबर वन हैं मायावती
स्वर्ण कौर ने कहा, 'मायावती हमारी दुश्मन नंबर वन हैं। उन्होंने मेरे भाई को जीवन के आखिरी समय में बंदी बनाकर मार डाला और परिवार को उनसे नहीं मिलने दिया। मेरी बुजुर्ग मां भी कांशी से एक साल पहले बेटे के वियोग में मर गई। वो इस गांव में आने के लिए पुल पार करने की भी हिम्मत नहीं जुटा सकीं। लेकिन हम केजरीवाल का स्वागत करेंगे।'
में राजनीति में नहीं आउंगी
बाबू कांशी राम चैरिटेबल फाउंडेशन की अध्यक्ष स्वर्ण कौर ने कहा कि फिलहाल आम आदमी पार्टी में शामिल होने का उनका कोई विचार नहीं है। स्वर्ण ने कहा, 'मैं किसी राजनीतिक पार्टी में नहीं जाऊंगी। ये मेरे भाई का अपमान होगा, जिसने दलितों के लिए आंदोलन चलाने के लिए सब कुछ त्याग दिया, जिसने बाद में बीएसपी की शक्ल ली। जब तक मैं जिंदा हूं, तब तक किसी पार्टी में नहीं जाऊंगी। लेकिन बीएसपी को सपोर्ट भी नहीं करूंगी क्योंकि उसे मायावती ने लूट लिया है।'
दलित के लिए लड़ने वाली पार्टी का समर्थन
हालांकि स्वर्ण कौर ने कहा कि उनका परिवार दलितों के हित के लिए काम करने वाली पार्टी को विधानसभा चुनाव में सपोर्ट करेगा। उन्होंने कहा, 'हम लोगों से उस पार्टी को सपोर्ट करने के लिए कहेंगे जो दलितों का ख्याल रखे।'
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