- होम
- राज्य+
- उत्तर प्रदेश
- अम्बेडकर नगर
- अमेठी
- अमरोहा
- औरैया
- बागपत
- बलरामपुर
- बस्ती
- चन्दौली
- गोंडा
- जालौन
- कन्नौज
- ललितपुर
- महराजगंज
- मऊ
- मिर्जापुर
- सन्त कबीर नगर
- शामली
- सिद्धार्थनगर
- सोनभद्र
- उन्नाव
- आगरा
- अलीगढ़
- आजमगढ़
- बांदा
- बहराइच
- बलिया
- बाराबंकी
- बरेली
- भदोही
- बिजनौर
- बदायूं
- बुलंदशहर
- चित्रकूट
- देवरिया
- एटा
- इटावा
- अयोध्या
- फर्रुखाबाद
- फतेहपुर
- फिरोजाबाद
- गाजियाबाद
- गाजीपुर
- गोरखपुर
- हमीरपुर
- हापुड़
- हरदोई
- हाथरस
- जौनपुर
- झांसी
- कानपुर
- कासगंज
- कौशाम्बी
- कुशीनगर
- लखीमपुर खीरी
- लखनऊ
- महोबा
- मैनपुरी
- मथुरा
- मेरठ
- मिर्जापुर
- मुरादाबाद
- मुज्जफरनगर
- नोएडा
- पीलीभीत
- प्रतापगढ़
- प्रयागराज
- रायबरेली
- रामपुर
- सहारनपुर
- संभल
- शाहजहांपुर
- श्रावस्ती
- सीतापुर
- सुल्तानपुर
- वाराणसी
- दिल्ली
- बिहार
- उत्तराखण्ड
- पंजाब
- राजस्थान
- हरियाणा
- मध्यप्रदेश
- झारखंड
- गुजरात
- जम्मू कश्मीर
- मणिपुर
- हिमाचल प्रदेश
- तमिलनाडु
- आंध्र प्रदेश
- तेलंगाना
- उडीसा
- अरुणाचल प्रदेश
- छत्तीसगढ़
- चेन्नई
- गोवा
- कर्नाटक
- महाराष्ट्र
- पश्चिम बंगाल
- उत्तर प्रदेश
- राष्ट्रीय+
- आर्थिक+
- मनोरंजन+
- खेलकूद
- स्वास्थ्य
- राजनीति
- नौकरी
- शिक्षा
Archived
डीजीपी जावीद अहमद पर कोर्ट ने किया निर्णय सुरक्षित, 11 को सुनायेंगे
Special News Coverage
7 Jan 2016 8:48 AM GMT
लखनऊः एक्टिविस्ट डॉ नूतन ठाकुर द्वारा डीजीपी एस जावीद अहमद की नियुक्ति के खिलाफ दायर याचिका पर इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने अपना आदेश सुरक्षित रख लिया है।
जस्टिस एस एन शुक्ला और जस्टिस अशोक पाल सिंह की बेंच ने यह आदेश महाधिवक्ता विजय बहादुर सिंह द्वारा याचिका की पोषणीयता पर उठाई आपत्ति कि कुओ वारंटो की याचिका कोई बाहरी व्यक्ति दायर नहीं कर सकता और याची के अधिवक्ता अशोक पाण्डेय द्वारा केस लॉ के माध्यम से इसका विरोध करने के बाद पारित किया. प्रकरण में आदेश 11 जनवरी को पारित किया जायेगा। कल जस्टिस ए पी साही और जस्टिस ए आर मसूदी की बेंच ने कहा था कि याचिका के आरोप डीजीपी की नियुक्ति से जुड़े हैं जो सीधे सेवा सम्बन्धी मामला है।
याचिका के अनुसार जावीद अहमद से यूपी में 13 सीनियर आईपीएस अफसर मौजूद हैं जिनमें 8 अफसर अभी राज्य सरकार में काम कर रहे हैं जबकि 4 आईपीएस अफसर केंद्र सरकार में डेपुटेशन पर हैं।
याचिका के अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने प्रकाश सिंह बनाम भारत सरकार में कहा था कि प्रदेश के डीजीपी को राज्य सरकार द्वारा संघ लोक सेवा आयोग द्वारा नामित तीन वरिष्ठतम आईपीएस अफसरों में से उसकी सेवा अवधि, उनके बहुत अच्छे रिकॉर्ड और अनुभव के विस्तार के आधार पर पुलिस फ़ोर्स के नेतृत्व हेतु चयनित किया जाएगा, जबकि जावीद अहमद को इसके उल्लंघन में नियुक्त किया गया है।
नूतन ने कहा कि जब भी स्थापित विधि का उल्लंघन होता है, इसके गलत सन्देश जाते हैं और यह ख़राब उदहारण प्रस्तुत करता है, अतः विधिक रूप से इस पद के हक़दार नहीं होने के कारण जावीद अहमद को इस पद से हटाने के आदेश दिए जाएँ।
Next Story