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वयस्क लड़की सहमति से संबंध बनाने के बाद रेप का आरोप नहीं लगा सकती: बॉम्बे हाईकोर्ट
Special News Coverage
11 March 2016 8:11 AM GMT
मुंबई : बॉम्बे हाईकोर्ट ने अपने एक आदेश में कहा है कि अगर कोई शिक्षित और वयस्क (18 की उम्र से बड़ी लड़की) रिलेशनशिप में सहमति से संबंध बनाती है तो रिश्ते खराब होने के बाद वह रेप का आरोप नहीं लगा सकती है।
कोर्ट ने यह भी कहा कि यद्यपि समाज में यौन संबंधों को सही नहीं माना जाता है तब भी यदि कोई महिला यौन संबंधों के लिए 'ना' नहीं कहती है तो फिर उसे सहमति से बनाया संबंध माना जाएगा।
कोर्ट ने एक युवक की गिरफ्तारी से पूर्व जमानत याचिका पर सुनवाई करते समय यह बात कही। उस याचिका के अनुसार, वह पिछले एक साल से 24 वर्षीय एक युवती के साथ रिलेशनशिप में था।
इस दौरान उन दोनों बीच यौन संबंध भी बने। युवक ने युवती से शादी का वादा भी किया था। लेकिन साल के अंत में वह अपने वादे से मुकर गया और उन दोनों का रिलेशनशिप टूट गया।
उसके बाद उस युवती ने अपने पूर्व प्रेमी पर रेप का आरोप लगा दिया। उसने उसके खिलाफ रेप, धोखाधड़ी समेत कई मामलों में केस दर्ज कराया। उसने आरोप लगाया कि रिलेशनशिप के दौरान वह गर्भवती भी हो गई। तब युवक ने उस पर गर्भपात के लिए दबाव डाला। उसने कई बार उस युवक की आर्थिक मदद भी की।
गिरफ्तारी के डर से युवक ने हाईकोर्ट की शरण ली। युवती के वकील ने आरोपी की याचिका का विरोध करते हुए कहा कि उसने शादी का वादा करके युवती से शारीरिक संबंध बनाए, इसलिए इसे रेप माना जाए।
लेकिन जस्टिस मृदुला भटकर ने युवती की याचिका खारिज कर दी। उन्होंने कहा कि इसे रेप नहीं माना जा सकता है। आप शिक्षित हैं, आप यौन संबंध के लिए ना कह सकती थीं। लेकिन जब आपने उस समय ना नहीं कहा तो इसे सहमति से बनाया गया संबंध माना जाएगा। जब महिला शिक्षित और परिपक्व है तो वह ना कह सकती है। जब वह हां कहती है तो तब वह आपसी रजामंदी होती है।
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